शà¥à¤°à¥€à¤à¤—वानदास आदरà¥à¤¶ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ महाविदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ ने वाराणसी में आयोजित सलाका पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िता में पà¥à¤°à¤¥à¤® à¤à¤µà¤‚ दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर रहते हà¥à¤ कà¥à¤°à¤® सà¥à¤µà¤°à¥à¤£ पदक वह रजत पदक पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर देश का गौरव बढ़ाया है। ‌
रिपोर्ट - विकास à¤à¤¾
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° । शà¥à¤°à¥€à¤à¤—वानदास आदरà¥à¤¶ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ महाविदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ ने वाराणसी में आयोजित सलाका पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िता में पà¥à¤°à¤¥à¤® à¤à¤µà¤‚ दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर रहते हà¥à¤ कà¥à¤°à¤® सà¥à¤µà¤°à¥à¤£ पदक वह रजत पदक पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर देश का गौरव बढ़ाया है। ‌ छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ की सफलता से उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ महाविदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ परिवार ने दोनों छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ को अपनी शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤à¤‚ देते हो उजà¥à¤œà¤µà¤² à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ की कामना की है गौरतलब है कि संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ के पठन-पाठन हेतॠहरिदà¥à¤µà¤¾à¤° हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° में शà¥à¤°à¥€ à¤à¤—वानदास आदरà¥à¤¶ महाविदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ित संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ है। यहॉ के छातà¥à¤° संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾ के अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ के साथ साथ अनेक बौदà¥à¤§à¤¿à¤•, सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• à¤à¤µà¤‚ कà¥à¤°à¥€à¤¡à¤¾ की गतिविधियों में पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤— करते रहते हैं। विगत वरà¥à¤· की à¤à¥‰à¤¤à¤¿ इस वरà¥à¤· à¤à¥€ वाराणसी में महाविदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के छातà¥à¤°à¥‹ ने उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ का गौरव बढ़ाया है। शà¥à¤°à¥€ à¤à¤—वानदास आदरà¥à¤¶ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ महाविदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के पà¥à¤°à¤à¤¾à¤°à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ डॉ विजेंदà¥à¤° सिंह देव ने बताया कि संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€ उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ नà¥à¤¯à¤¾à¤¸, वाराणसी की ओर से दिनांक 24अपà¥à¤°à¥ˆà¤² को अखिल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ शलाका पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िता का आयोजन विविध विषयों में किया गया था। जिसमें महाविदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के छातà¥à¤°à¥‹ ने पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤— करते हà¥à¤ हंसराज जोशी ने संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£ शलाका पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िता में पà¥à¤°à¤¥à¤® सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर सà¥à¤µà¤°à¥à¤£ पदक, पनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¹ हजार रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ की पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤° राशि à¤à¤µà¤‚ समà¥à¤®à¤¾à¤¨ पतà¥à¤° किया। वहीं वà¥à¤°à¤œà¥‡à¤¶ जोशी ने संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ साहितà¥à¤¯ शलाका पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िता में दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर रजत पदक, गà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¹ हजार रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ à¤à¤µà¤‚ समà¥à¤®à¤¾à¤¨ पतà¥à¤° पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ का गौरव बढ़ाया है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि शलाका पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िता की विशेषता यह होती है कि समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ में निरà¥à¤£à¤¾à¤¯à¤• किसी à¤à¥€ सà¥à¤¥à¤² पर शलाका लगाता है, ततà¥à¤ªà¤¶à¥à¤šà¤¾à¤¤à¥ जो पृषà¥à¤ खà¥à¤² कर सामने आ जाता है, उसी पृषà¥à¤ से निरà¥à¤£à¤¾à¤¯à¤• पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤—ी से पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ पूछता है। जिनका समाधान पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤—ियों को करना होता है। पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िता में देश के पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ित संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ के विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥ निरà¥à¤£à¤¾à¤¯à¤• की à¤à¥‚मिका में थे। पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤° संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€ के अखिल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· पà¥à¤°à¥‹. गोपबनà¥à¤§à¥ मिशà¥à¤° ने पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किया। आज महाविदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ की ओर से विजयी छातà¥à¤°à¥‹ का अà¤à¤¿à¤¨à¤¨à¥à¤¦à¤¨ किया गया। डॉ. निरंजन मिशà¥à¤° ने सà¤à¥€ छातà¥à¤°à¥‹ से कहा कि वे विजयी छातà¥à¤°à¥‹ से पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर आगे बढे। पà¥à¤°à¤à¤¾à¤°à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ डॉ. वà¥à¤°à¤œà¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° कà¥à¤®à¤¾à¤° सिंहदेव ने कहा कि छातà¥à¤°à¥‹ का काशी में विजयी होना महाविदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के लिठबडी उपलबà¥à¤§à¤¿ है। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का संयोजन करते हà¥à¤ वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£ विà¤à¤¾à¤— के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· डॉ. रवीनà¥à¤¦à¥à¤° कà¥à¤®à¤¾à¤° ने कहा कि पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ समय से ही काशी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ के विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ की नगरी रही है। विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ की नगरी से पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िता में छातà¥à¤°à¥‹ का विजयी होना महाविदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के लिठगौरवपूरà¥à¤£ है। इस अवसर पर डॉ. आशिमा शà¥à¤°à¤µà¤£, डॉ. मंजॠपटेल, डॉ. दीपक कोठारी, डॉ. आलोक सेमवाल, गौरव असवाल, à¤à¤•à¤¤à¤¾, अंकित कà¥à¤®à¤¾à¤°, जगदीश चनà¥à¤¦à¥à¤° आदि के साथ-साथ सà¤à¥€ छातà¥à¤° उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ रहें।