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श्रीभगवानदास संस्कृत महाविद्यालय के छात्रो ने बढाया उत्तराखण्ड का मान


श्रीभगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय के छात्रों ने वाराणसी में आयोजित सलाका प्रतियोगिता में प्रथम एवं द्वितीय स्थान पर रहते हुए क्रम स्वर्ण पदक वह रजत पदक प्राप्त कर देश का गौरव बढ़ाया है। ‌

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हरिद्वार । श्रीभगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय के छात्रों ने वाराणसी में आयोजित सलाका प्रतियोगिता में प्रथम एवं द्वितीय स्थान पर रहते हुए क्रम स्वर्ण पदक वह रजत पदक प्राप्त कर देश का गौरव बढ़ाया है। ‌ छात्रों की सफलता से उत्साहित महाविद्यालय परिवार ने दोनों छात्रों को अपनी शुभकामनाएं देते हो उज्जवल भविष्य की कामना की है गौरतलब है कि संस्कृत के पठन-पाठन हेतु हरिद्वार हरिद्वार में श्री भगवानदास आदर्श महाविद्यालय प्रतिष्ठित संस्थान है। यहॉ के छात्र संस्कृत भाषा के अध्ययन के साथ साथ अनेक बौद्धिक, सांस्कृतिक एवं क्रीडा की गतिविधियों में प्रतिभाग करते रहते हैं। विगत वर्ष की भॉति इस वर्ष भी वाराणसी में महाविद्यालय के छात्रो ने उत्तराखण्ड का गौरव बढ़ाया है। श्री भगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ विजेंद्र सिंह देव ने बताया कि संस्कृत भारती उत्तर प्रदेश न्यास, वाराणसी की ओर से दिनांक 24अप्रैल को अखिल भारतीय शलाका प्रतियोगिता का आयोजन विविध विषयों में किया गया था। जिसमें महाविद्यालय के छात्रो ने प्रतिभाग करते हुए हंसराज जोशी ने संस्कृत व्याकरण शलाका प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त कर स्वर्ण पदक, पन्द्रह हजार रुपये की पुरस्कार राशि एवं सम्मान पत्र किया। वहीं व्रजेश जोशी ने संस्कृत साहित्य शलाका प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त कर रजत पदक, ग्यारह हजार रुपये एवं सम्मान पत्र प्राप्त कर उत्तराखण्ड का गौरव बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि शलाका प्रतियोगिता की विशेषता यह होती है कि सम्पूर्ण ग्रन्थ में निर्णायक किसी भी स्थल पर शलाका लगाता है, तत्पश्चात् जो पृष्ठ खुल कर सामने आ जाता है, उसी पृष्ठ से निर्णायक प्रतिभागी से प्रश्न पूछता है। जिनका समाधान प्रतिभागियों को करना होता है। प्रतियोगिता में देश के प्रतिष्ठित संस्कृत के विद्वान् निर्णायक की भूमिका में थे। पुरस्कार संस्कृत भारती के अखिल भारतीय अध्यक्ष प्रो. गोपबन्धु मिश्र ने प्रदान किया। आज महाविद्यालय की ओर से विजयी छात्रो का अभिनन्दन किया गया। डॉ. निरंजन मिश्र ने सभी छात्रो से कहा कि वे विजयी छात्रो से प्रेरणा प्राप्त कर आगे बढे। प्रभारी प्राचार्य डॉ. व्रजेन्द्र कुमार सिंहदेव ने कहा कि छात्रो का काशी में विजयी होना महाविद्यालय के लिए बडी उपलब्धि है। कार्यक्रम का संयोजन करते हुए व्याकरण विभाग के अध्यक्ष डॉ. रवीन्द्र कुमार ने कहा कि प्राचीन समय से ही काशी संस्कृत के विद्वानों की नगरी रही है। विद्वानों की नगरी से प्रतियोगिता में छात्रो का विजयी होना महाविद्यालय के लिए गौरवपूर्ण है। इस अवसर पर डॉ. आशिमा श्रवण, डॉ. मंजु पटेल, डॉ. दीपक कोठारी, डॉ. आलोक सेमवाल, गौरव असवाल, एकता, अंकित कुमार, जगदीश चन्द्र आदि के साथ-साथ सभी छात्र उपस्थित रहें।

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