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योग टीचर ट्रेनिग प्रोग्राम का समापन


पर्यावरण, नदियों और जल संरक्षण का कराया संकल्प योग से बनें दीर्घायु और दिव्यायु जीवन- 🙏स्वामी चिदानन्द सरस्वती

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

ऋषिकेश, 30 अप्रैल। परमार्थ निकेतन में कोविड-19 के लाॅकडाउन के पश्चात एक माह का पहला योग टीचर ट्रेनिग प्रोग्राम कुशलतापूर्वक समापन हुआ। इसमें भारत सहित अमेरिका, ब्राज़िल, जर्मनी आदी देशों के योग जिज्ञासुओं ने सहभाग कर योगाचार्य साध्वी आभा सरस्वती जी, सुश्री गंगा नन्दिनी त्रिपाठी जी और डा इन्दु शर्मा जी के नेतृत्व में योग, आसन, प्राणायाम, ध्यान, वेद व भगवत गीता के मंत्रों का उच्चारण के साथ अष्टांग योग, यम-नियम, पतंजलि योग सूत्र, योग दर्शन और मानव शरीर क्रिया विज्ञान आदि का अध्ययन किया। सभी योग जिज्ञासुओं ने स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और साध्वी भगवती सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में हवन, गंगा आरती और सत्संग में सहभाग किया। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने आयुष्मान भारत दिवस के अवसर पर कहा कि योग से हम आयुष्मान भी होंगे, बलवान भी होंगे, कीर्तिमान और धनवान भी होंगे इसलिये करें योग और रहें निरोग। योग केवल आसनों का समूह मात्र नहीं है, बल्कि सम्पूर्ण जीवन पद्धति है। भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता में कहा है ‘तस्मात् योगीb भवार्जुन और योगस्थः कुरु कर्माणि।’ योग में स्थित रहते हुये, सभी कर्मो को करें तो सफलता अवश्य मिलेगी और युक्ताहार विहारस्य युक्त अर्थात् योग का अर्थ है बैलेंस, संयम अर्थात् आहर-विहार, विचार और व्यवहार का संयम बना रहें। अथ योगानुशासनम् योग का अर्थ ही है अनुशासन। जीवन में अनुशासन होगा तो जीवन की समस्यायें परेशान नहीं करेगी और तनाव नहीं होगा। योग, जीवन की समस्याओं का समाधान देता है। ‘‘योगो भवति दुःखाहाः’’ जीवन के लिये योग रामबाण है; संजीवनी बूटी है, इसलिये योगरूपी धरोहर को जानना, जीना और दूसरों को भी इसके लिये प्रेरित करना जरूरी है। स्वामी जी ने कहा कि योग के द्वारा खुद को तलाशें खुद को तराशें और अपने को अनलॉक करें। योग केवल मैट पर ही नहीं होता बल्कि बिना मैट के दैनिक जीवन में और अपने कार्यो में भी समाहित हो इस पर विशेष ध्यान देना है। योग के द्वारा हम अपने जीवन को तनावमुक्त बना सकते हैं। योग का मार्ग ही व्यक्ति को निरोगता के पथ पर ले जाना है।   उन्होंने कहा कि जीवन में हम योगी बन सकें या ना बन सकें कोई बात नहीं परन्तु सहयोगी बनें और उपयोगी जरूर बनंे। आयुष्मान भारत मिशन के तहत नागरिक अपना आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता संख्या प्राप्त कर सकेंगे, जिससे उनके डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड को जोड़ा जा सकेगा। आयुष्मान भारत देश की एक प्रमुख योजना है, जिसे सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के दृष्टिकोण को प्राप्त करने हेतु शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य सभी भारतीय नागरिकों को अस्पतालों, बीमा फर्मों और नागरिकों को आवश्यकता पड़ने पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्वास्थ्य रिकॉर्ड तक पहुँचने में मदद करने हेतु डिजिटल स्वास्थ्य आईडी प्रदान करना है।

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