परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने कहा कि जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° हम सà¤à¥€ अपने धरà¥à¤®, संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ का समà¥à¤®à¤¾à¤¨ करते हैं; अपने उतà¥à¤¸à¤µ मनाते हैं, उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ करते हैं उसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° दूसरे धरà¥à¤® के यदि उतà¥à¤¸à¤µ और तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° हो रहे हैं तो उनमें à¤à¥€ खलल न डाले कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यह à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ नहीं है न ही इबादत है।
रिपोर्ट - ऑल नà¥à¤¯à¥‚ज़ बà¥à¤¯à¥‚रो
ऋषिकेश, 1 मई। परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने कहा कि जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° हम सà¤à¥€ अपने धरà¥à¤®, संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ का समà¥à¤®à¤¾à¤¨ करते हैं; अपने उतà¥à¤¸à¤µ मनाते हैं, उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ करते हैं उसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° दूसरे धरà¥à¤® के यदि उतà¥à¤¸à¤µ और तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° हो रहे हैं तो उनमें à¤à¥€ खलल न डाले कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यह à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ नहीं है न ही इबादत है। इबादत तो वह है जब हम दूसरों की हिफ़ाजत करें। हम अपने मिटटी की, वतन की देश की, दूसरों के संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿; परà¥à¤µ; तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ और दूसरों के à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ का समà¥à¤®à¤¾à¤¨ करें। अपनी सोच को बदलेंगे तो दिल à¤à¤• होंगे और जब दिल à¤à¤• होंगे तो देश ही नहीं बलà¥à¤•à¤¿ पूरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤• परिवार की तरह लगेगी आज का दिन खà¥à¤¦ को पà¥à¤¯à¤¾à¤° देने और दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में पà¥à¤¯à¤¾à¤° फैलाने का दिन है ‘गà¥à¤²à¥‹à¤¬à¤² लव डे’। वैशà¥à¤µà¤¿à¤• सà¥à¤¤à¤° पर पà¥à¤°à¥‡à¤®, करूणा, संवेदना और à¤à¤•à¤¤à¤¾ की नितांत आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। हम खà¥à¤¶ और पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ रहना चाहते है तो दूसरों को à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ करने हेतॠमदद करना होगा; दूसरों के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ करà¥à¤£à¤¾ का à¤à¤¾à¤µ रखना होगा तथा सहिषà¥à¤£à¥à¤¤à¤¾ का अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ करना होगा तà¤à¥€ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में मानवता को जीवित रखा जा सकता है। ‘‘गà¥à¥›à¤° रही है जिनà¥à¤¦à¤—ी, à¤à¤¸à¥‡ मà¥à¤•à¤¾à¤® से, अपने à¤à¥€ दूर हो जाते हैं, जरा से जà¥à¤•à¤¾à¤® से। मानवता से दूरी न होने जाये और समाज से मानवता ना खो जाये इसका धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखना होगा और यही आज का दिन हमें शिकà¥à¤·à¤¾ देता है। परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने कहा कि सà¤à¥€ को समà¥à¤®à¤¾à¤¨ देना और à¤à¤• खà¥à¤¶à¤¹à¤¾à¤² जीवन जीने हेतॠदूसरों की मदद करना बहà¥à¤¤ जरूरी है। हमारे आस-पास की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में शानà¥à¤¤à¤¿ यà¥à¤•à¥à¤¤ सकारातà¥à¤®à¤• वातावरण के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ में सहयोग करना तथा बिना किसी शरà¥à¤¤ व बिना किसी à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ के पà¥à¤°à¥‡à¤® करना आज की सबसे बड़ी जरूरत है। वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ समय की सà¤à¥€ समसà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ चाहे मानवीय हो या परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£à¥€à¤¯ हो उनके समाधान के लिये गà¥à¤²à¥‹à¤¬à¤² साॅलिडारिटी जरूरी है। हम सà¤à¥€ मिलकर कदम बà¥à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ तो मà¥à¤à¥‡ पूरा विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ है हम दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ हरित, सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥, समृदà¥à¤§ और समà¥à¤¨à¥à¤¨à¤¤ बना सकते हैं।