२५० से अधिक नर-नारियों ने सीखे योग और साधना केरल में आगामी दिसमà¥à¤¬à¤° माह में १०८ कà¥à¤£à¥à¤¡à¥€à¤¯ गायतà¥à¤°à¥€ महायजà¥à¤ž
रिपोर्ट - ऑल नà¥à¤¯à¥‚ज़ बà¥à¤¯à¥‚रो
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° ३ मई। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ विशà¥à¤µ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ डॉ. चिनà¥à¤®à¤¯ पणà¥à¤¡à¥à¤¯à¤¾ ने कहा कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ संत, महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ की धरती है। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ व सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ विशà¥à¤µ की सरà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ और समृदà¥à¤§ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ व सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ है। इसे विशà¥à¤µ की सà¤à¥€ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की जननी के रूप में माना जाता है। डॉ. पणà¥à¤¡à¤¯à¤¾ केरलवासियों के आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• तीरà¥à¤¥ संवाद सतà¥à¤° के विदाई समारोह को संबोधित कर रहे थे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ में जीवन जीने की कला हो या विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ हो सà¤à¥€ का विशेष सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ रहा है। कई देशों की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ तो समय के साथ-साथ बदलाव होती रही हैं, किंतॠà¤à¤¾à¤°à¤¤ की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ व सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ आदिकाल से ही अपने परंपरागत असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ के साथ अजर-अमर बनी हà¥à¤ˆ है। इससे पूरà¥à¤µ केरलवासियों à¤à¤¾à¤ˆ बहिनों ने गायतà¥à¤°à¥€ परिवार पà¥à¤°à¤®à¥à¤–दà¥à¤µà¤¯ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¥‡à¤¯ डॉ.पà¥à¤°à¤£à¤µ पणà¥à¤¡à¥à¤¯à¤¾ à¤à¤µà¤‚ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¥‡à¤¯à¤¾ शैलदीदी से à¤à¥‡à¤‚ट परामरà¥à¤¶ किया। पà¥à¤°à¤®à¥à¤–दà¥à¤µà¤¯ ने सà¤à¥€ परिजनों के उजà¥à¤œà¥à¤µà¤² à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ हेतॠमंगलकामना दी। इस अवसर पर पà¥à¤°à¤®à¥à¤–दà¥à¤µà¤¯ ने २३ से २५ दिसमà¥à¤¬à¤° २०२२ को कोचीन में १०८ कà¥à¤£à¥à¤¡à¥€à¤¯ गायतà¥à¤°à¥€ महायजà¥à¤ž की घोषणा की। इसके साथ ही शांतिकà¥à¤‚ज सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ दकà¥à¤·à¤¿à¤£ à¤à¤¾à¤°à¤¤ पà¥à¤°à¤•à¥‹à¤·à¥à¤ महायजà¥à¤ž तैयारी में जà¥à¤Ÿ गया। पं० शिवपà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ मिशà¥à¤° ने कहा कि साधक के जीवन में गà¥à¥à¤°à¥ का विशेष महतà¥à¤¤à¥à¤µ है। सदà¥à¤—à¥à¤°à¥ के सानिधà¥à¤¯ में साधक जब साधना करता है, तो उसका फल अवशà¥à¤¯ मिलता है। सात दिन तक चले इस आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• तीरà¥à¤¥ संवाद शिविर में कà¥à¤² अठà¥à¤ ाइस सतà¥à¤° समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हà¥à¤, जिसमें योगाà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸, साधना, संसà¥à¤•à¤¾à¤° à¤à¤µà¤‚ बौदà¥à¤§à¤¿à¤• ककà¥à¤·à¤¾à¤à¤ शामिल हैं। केरलवासियों ने पहली बार शांतिकà¥à¤‚ज में शà¥à¤•à¥à¤² यजà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦à¥€à¤¯ विधान से रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• किया। à¤à¤¸à¥‡ दकà¥à¤·à¤¿à¤£ à¤à¤¾à¤°à¤¤ में कृषà¥à¤£ यजà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦à¥€à¤¯ विधान से वैदिक करà¥à¤®à¤•à¤¾à¤‚ड कराने की परपंरा है। शिविर में शांतिकà¥à¤‚ज के विषय विशेषजà¥à¤žà¥‹à¤‚ पà¥à¤°à¥‹. पà¥à¤°à¤®à¥‹à¤¦ à¤à¤Ÿà¤¨à¤¾à¤—र, डॉ. गायतà¥à¤°à¥€ शरà¥à¤®à¤¾, शà¥à¤°à¥€ केदार पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ दà¥à¤¬à¥‡, डॉ. कामता साहू, डॉ. गोपाल शरà¥à¤®à¤¾, शà¥à¤°à¥€ जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· पà¥à¤°à¤à¤¾à¤•à¤°à¤¨, शà¥à¤°à¥€ उमेश शरà¥à¤®à¤¾, शà¥à¤°à¥€ à¤à¤®à¤Ÿà¥€ विशà¥à¤µà¤¨à¤¾à¤¥à¤¨, शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤‚ति शरà¥à¤®à¤¾ आदि विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ विषयों पर संबोधित किया। शिविर संयोजक के बताया केरल पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के चौदह जनपद तिरà¥à¤µà¤¨à¤‚तपà¥à¤°à¤®, पथनांतिटा, कोलà¥à¤²à¤®, कोटà¥à¤Ÿà¤¾à¤¯à¤®, अलपà¥à¤ªà¥€, इदà¥à¤•à¥€, कोचीन, तà¥à¤°à¤¿à¤¶à¥‚र, पालघाट, मलापà¥à¤°à¤®, कोà¤à¥€à¤•à¥‹à¤¡, कनà¥à¤¨à¥‚र, वायनाड, कासरगोड के दो सौ पचास से अधिक साधकों ने à¤à¤¾à¤— लिया।