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उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के मध्य परिसंपत्तियों को लेकर उत्तराखण्ड राज्य विरोधी सहमति के विरोध तथा पुनर्विचार कराने की मांग


उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के मध्य परिसंपत्तियों को लेकर उत्तराखण्ड राज्य विरोधी सहमति के विरोध तथा पुनर्विचार कराने की मांग को लेकर वरिष्ठ पत्रकार गोपाल रावत के साथ मैंने संयुक्त रूप से हरिद्वार के सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को शुक्रवार को ज्ञापन दिया है।

रिपोर्ट  - à¤°à¤¤à¤¨à¤®à¤£à¥€ डोभाल

उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के मध्य परिसंपत्तियों को लेकर उत्तराखण्ड राज्य विरोधी सहमति के विरोध तथा पुनर्विचार कराने की मांग को लेकर वरिष्ठ पत्रकार गोपाल रावत के साथ मैंने संयुक्त रूप से हरिद्वार के सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को शुक्रवार को ज्ञापन दिया है। हमने उन्हें बताया कि दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के मध्य 18 नवंबर 2021 को लखनऊ बैठक थी जिसमें दोनों राज्यों के शीर्ष अधिकारियों ने भाग लिया था जिसमें हरिद्वार के लैंड रिकार्ड में 2009 से दर्ज आरक्षित कुंभ मेला परियोजन की भूमि का स्वामित्व उत्तर प्रदेश को देने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सहमति हैरान करने वाली है। अब हरिद्वार में कुंभ-अर्द्धकुंभ के आयोजन के साथ वर्ष भर होने वाले लक्खी मेलों का आयोजन करने के लिए उत्तर प्रदेश की अनुमति लेनी होगी। इसी प्रकार सिंचाई नहरों में हैड से 100 मीटर की दूरी तक उत्तर प्रदेश का कब्जा रहेगा। ऊधम सिंह नगर में धौरी बेगुल, नानक सागर जलाशय में पर्यटन व जल क्रीड़ा के लिए भी उत्तर प्रदेश की अनुमति लेनी होगी। ज्ञापन में हरिद्वार सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से मांग की गई है कि वह राज्य विरोधी निर्णय पर पुनर्विचार कराने के लिए हस्तक्षेप करें तथा मुख्यमंत्री से वार्ता करें। ज्ञापन के साथ उन्हें 18 नवंबर 2021 की बैठक में बनी राज्य विरोधी सहमति का कार्यवृत की प्रति भी दी गई है। हरिद्वार सांसद निशंक ने ज्ञापन लेते हुए कहा कि उत्तराखंड के हितों के खिलाफ भाजपा सरकार कोई काम नहीं करेगी, कुछ कमी रह गई होगी तो उसमें आवश्यक सुधार कराया जाएगा। इस संबंध में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक से भी अनुरोध किया गया तो उन्होंने टका सा जवाब दिया कि उनसे तो वार्डों के बारे में पूछा करो।

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