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शिक्षित बेटियां समृद्ध समाज - स्वामी चिदानन्द सरस्वती


परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और डिवाइन शक्ति फाउंडेशन की अध्यक्ष साध्वी भगवती सरस्वती जी के मार्गदर्शन में गर्ल पाॅवर प्रोजेक्ट की शुरूआत डिवाइन शक्ति फाउंडेशन, परमार्थ निकेतन और जस्ट लाइक माई चाइल्ड फाउंडेशन द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पब्लिक इंटर कालेज डोईवाला में की गयी थी।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

ऋषिकेश, 13 मई। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और डिवाइन शक्ति फाउंडेशन की अध्यक्ष साध्वी भगवती सरस्वती जी के मार्गदर्शन में गर्ल पाॅवर प्रोजेक्ट की शुरूआत डिवाइन शक्ति फाउंडेशन, परमार्थ निकेतन और जस्ट लाइक माई चाइल्ड फाउंडेशन द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पब्लिक इंटर कालेज डोईवाला में की गयी थी। इस परियोजना के दौरान सैकड़ों किशोरियों ने जीवन जीने की कला के साथ अपने अधिकारों, कर्तव्यों, संवाद कला, आत्मविश्वास बढ़ाने के साथ ही एक जिम्मेदार नागरिक बनने की शिक्षा प्राप्त की। गर्ल पावर परियोजना के माध्यम से न केवल किशोरियों बल्कि उनके परिवारवालों के जीवन में भी एक रोशनी की किरण आयी हंै। गर्ल पावर कैंप के समापन अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, साध्वी भगवती सरस्वती जी, प्रसिद्ध गायक श्री कैलाश खेर और मेयर ऋषिकेश श्रीमती अनिता ममगाईं जी ने माँ गंगा के पावन तट पर दीप प्रज्वलित कर विधिवत उद्घाटन किया। लड़कियां अकेले अपनी किस्मत नहीं बदल सकतीं। उन्हें एक ऐसे समुदाय की जरूरत होती है जो हिंसा को रोके और उनके अधिकारों का सम्मान करे यही गर्ल पावर प्रोजेक्ट का मूल उद्देश्य भी है। ज्ञात हो कि जब हम एक लड़की में निवेश करते हैं, तो वह अपना, अपने परिवार व बच्चों, अपने समुदाय और अपने राष्ट्र की समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करती है। आज परमार्थ निकेतन में गर्ल पावर प्रोजेक्ट के समापन अवसर पर एक दिवसीय गर्ल पावर कैंप का आयोजन किया गया, जिसमें डोईवाला के गन्ना कृषक इंटर कॉलेज की 300 किशोर लड़कियों और उनके अध्यापकों ने सहभाग इस कार्यशाला के अन्तिम चरण का प्रशिक्षण लिया। गर्ल पावर प्रोजेक्ट तीन चरणों में सम्पन्न हुआ जिसके मुख्य लक्ष्य लड़कियों को शिक्षा के लिये प्रेरित करना, उन्हें हिंसा से बचाना और जल्दी गर्भधारण न करने हेतु प्रशिक्षित करना। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि जब मातृशक्ति शिक्षित और सशक्त होगी तो वह अपने पूरे परिवार को भी सशक्त और समृद्ध बना सकती है। अपने परिवार को गरीबी की जंजीरों से बाहर निकालकर उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ने में मदद कर सकती है परन्तु यह तभी सम्भव हो सकता है जब हमारी बेटियां शिक्षित होगी, स्वस्थ रहेगी तथा अपने पर्यावरण को भी स्वच्छ रखेगी। बेटियां शिक्षित हो और देश के काम आये, श्रेष्ठ भविष्य का निर्माण करें यही इस परियोजना का उद्देश्य है।

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