बिलावल à¤à¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥‹ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के विदेश मंतà¥à¤°à¥€ बने तब उनका à¤à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ इंटरवà¥à¤¯à¥‚ वायरल हà¥à¤†, जिसमें वो कह रहे हैं कि हरेक पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ के दिल में à¤à¤• हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ बसता है और हरेक हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ के दिल में à¤à¤• पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ मौजूद है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने ये बात जिस संदरà¥à¤ में कही है, वो ये है कि दोनों देशों के लोग, खासतौर से पशà¥à¤šà¤¿à¤® और उतà¥à¤¤à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ के लोग पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के साथ à¤à¤• अलग का जà¥à¥œà¤¾à¤µ महसूस करते हैं। ये बात अलग है कि दोनों तरफ से ही ये जà¥à¥œà¤¾à¤µ अब नफरत की बà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤¦ पर टिका है।
रिपोर्ट - सà¥à¤¶à¥€à¤² उपाधà¥à¤¯à¤¾à¤¯
बिलावल à¤à¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥‹ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के विदेश मंतà¥à¤°à¥€ बने तब उनका à¤à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ इंटरवà¥à¤¯à¥‚ वायरल हà¥à¤†, जिसमें वो कह रहे हैं कि हरेक पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ के दिल में à¤à¤• हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ बसता है और हरेक हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ के दिल में à¤à¤• पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ मौजूद है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने ये बात जिस संदरà¥à¤ में कही है, वो ये है कि दोनों देशों के लोग, खासतौर से पशà¥à¤šà¤¿à¤® और उतà¥à¤¤à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ के लोग पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के साथ à¤à¤• अलग का जà¥à¥œà¤¾à¤µ महसूस करते हैं। ये बात अलग है कि दोनों तरफ से ही ये जà¥à¥œà¤¾à¤µ अब नफरत की बà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤¦ पर टिका है। लेकिन जà¥à¥œà¤¾à¤µ है, इसमें कोई संदेह नहीं है। दोनों तरफ à¤à¤•-दूसरे के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ गहरी जिजà¥à¤žà¤¾à¤¸à¤¾ का à¤à¤¾à¤µ है कि न जाने उस तरफ कà¥à¤¯à¤¾ होगा, कैसा होगा, वो à¤à¥€ हमारे जैसे ही हैं या हमसे कà¥à¤› अलग हैं! ये तमाम बातें अनसà¥à¤²à¤à¥€ ही रहती हैं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि अलगाव की जड़ें बहà¥à¤¤ गहरी हैं। दोनों तरफ चंद ही लोग à¤à¤¸à¥‡ होंगे जिनकी निगाह उदार और समावेशी होगी, अनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨à¥€ का विष पिये बैठे हैं और इसमें रोज बà¥à¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤°à¥€ कर रहे हैं। और ये लोगों के सà¥à¤¤à¤° पर ही नहीं, सरकारों के सà¥à¤¤à¤° पर à¤à¥€ है। हाल ही में विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ अनà¥à¤¦à¤¾à¤¨ आयोग (यूजीसी) ने फैसला किया है कि जो लोग पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ से डिगà¥à¤°à¥€ लेंगे, वे à¤à¤¾à¤°à¤¤ में मानà¥à¤¯ नहीं होंगी। यानि पà¥à¤¨à¥‡ के लिठपाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ नहीं जाना है और न ही पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को यहां बà¥à¤²à¤¾à¤¨à¤¾ है। और यदि डिगà¥à¤°à¥€ मानà¥à¤¯ नहीं होगी तो सारà¥à¤• (दकà¥à¤·à¥‡à¤¸) में शैकà¥à¤·à¤¿à¤• आदान-पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ की बात कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ कही गई है! दोनों देश काॅमनवेलà¥à¤¥ का हिसà¥à¤¸à¤¾ हैं, वहां à¤à¥€ शैकà¥à¤·à¤¿à¤• आदान-पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ और उपाधियों की समककà¥à¤·à¤¤à¤¾ की बात कही गई है। तो कà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के अंतरराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ कमिटमेंट à¤à¥‚ठे हैं ? और डिगà¥à¤°à¥€ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ मानà¥à¤¯ नहीं होंगी ? इसलिठकà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ à¤à¤• दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨ देश है! लेकिन, पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ से कहीं खतरनाक चीन है। उसकी डिगà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के मामले में यूजीसी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ गोलमोल निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶ जारी होते हैं, ये आदेश सà¥à¤à¤¾à¤µ की तरह होेते हैं कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ के छातà¥à¤° उचà¥à¤š-शिकà¥à¤·à¤¾ के लिठचीनी विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ में न जाà¤à¤‚। तब à¤à¤• बार नहीं कहा जाता कि चीन की डिगà¥à¤°à¥€ मानà¥à¤¯ नहीं होगी। सीमाओं पर परेशानी पैदा कर रहे दो दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ अलग रà¥à¤– कà¥à¤¯à¤¾ कारोबार और ताकत के परिपà¥à¤°à¥‡à¤•à¥à¤·à¥à¤¯ में है ? खैर, ये टिपà¥à¤ªà¤£à¥€ चीन के संदरà¥à¤ में नहीं है, पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के संदरà¥à¤ में है। इसलिठइसके विरोधाà¤à¤¾à¤¸ को à¤à¥€ समà¤à¤¨à¥‡ की जरूरत है। दोनों देशों के संदरà¥à¤ में हमेशा लोगों के बीच संपरà¥à¤• बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ और रिशà¥à¤¤à¥‡ मजबूत करने की बात कही जाती है ताकि सरकारें मजबूर हों कि à¤à¤¸à¥€ नीतियां बनाà¤à¤‚ जिनसे मेलजोल बà¥à¥‡, न कि नफरत। यदि पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ और पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को देखना हो तो दोनों देशों की सीमाओं से बाहर जाकर देखिà¤à¥¤ तब अलग ही पिकà¥à¤šà¤° नजर आती है। कà¥à¤› साल पहले बैंकाॅक जाना हà¥à¤†à¥¤ जिस होटल में रà¥à¤•à¥‡ हà¥à¤ थे, वहां शाकाहारी खाना बहà¥à¤¤ महंगा था। करीब à¤à¤• हजार à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ में दो रोटी, थोड़ी दाल और जरा-सी सबà¥à¤œà¥€ मिल रही थी। किसी ने बताया कि कà¥à¤› दूर पर à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ खाने के रेसà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¥‡à¤‚ट हैं। उस जगह पर कई रेसà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¥‡à¤‚ट थे, अमृतसर रेसà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¥‡à¤‚ट, दिलà¥à¤²à¥€ रेसà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¥‡à¤‚ट, वीगन, पंजाब ढाबा और à¤à¥€ कई इसी तरह के नाम। à¤à¤• रेसà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¥‡à¤‚ट के बाहर à¤à¤• बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤— सजà¥à¤œà¤¨ बहà¥à¤¤ सलीके से गà¥à¤°à¤¾à¤¹à¤•à¥‹à¤‚ को बà¥à¤²à¤¾ रहे थे। शायद हम लोगों की शकà¥à¤²à¥‹à¤‚ पर कà¥à¤› à¤à¤¸à¤¾ à¤à¤¾à¤µ होगा कि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने देखते ही कहा कि हमारे यहां वीगन और वेजिटेरियन, दोनों के लिठखास धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखा जाता है। देश के बाहर जाने पर अपने जैसी शकà¥à¤²à¥‡à¤‚ दिखने पर अकà¥à¤¸à¤° पूछ लेते हैं कि आप कहां से हैं ? गेट पर मौजूद लड़के ने बताया कि वो बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ से है। बहà¥à¤¤ ही सधे हà¥à¤ ढंग से हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ बोल रहे वेटर ने खà¥à¤¦ को मà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤¾à¤° यानि बरà¥à¤®à¤¾ से बताया और रेसà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¥‡à¤‚ट के मैनेजर ने कहा कि वो पंजाब से है। खाना अचà¥à¤›à¤¾ था, लोगों का वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° à¤à¥€ बà¥à¤¿à¤¯à¤¾ था, बस à¤à¤• ही बात तय नहीं थी कि ये कà¥à¤¯à¤¾ सब लोग बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶, मà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤¾à¤°, नेपाल या फिर पंजाब से हैं à¤à¥€ या नहीं ? जवाब मिलने में देर नहीं हà¥à¤ˆà¥¤ हर कोई à¤à¤•-दूसरे को à¤à¤¾à¤ˆà¤œà¤¾à¤¨ कहकर बà¥à¤²à¤¾ रहा था। गà¥à¤°à¤¾à¤¹à¤•à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ बà¥à¤²à¤¾à¤ जाने पर à¤à¥€ à¤à¤¾à¤ˆà¤œà¤¾à¤¨ शबà¥à¤¦ में ही उतà¥à¤¤à¤° मिल रहा था। लाल किले और ताजमहल के साथ à¤à¤• कोने में मीनार-à¤-पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ à¤à¥€ मौजूद थी। बात साफ थी कि ये सब पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ से थे। जिस वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ ने रेसà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¥‡à¤‚ट में आने का नà¥à¤¯à¥Œà¤¤à¤¾ दिया था, उसी से पूछा कि आप पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में कहां से हैं, वो à¤à¤• पल के लिठà¤à¤¿à¤à¤•à¤¾ और फिर उसने कहा-लाहौर से। अगला सवाल, आपके ये लोग खà¥à¤¦ को अलग-अलग देशों से कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ बताते हैं। उसने बड़ी सीधी बता कही कि पहले खà¥à¤¦ को हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ से बताते थे, तब लोग ये पूछते थे कि किस शहर से हो। शहर à¤à¥€ बता दिया तो लोग जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ बारीक बातें पूछते थे और जब ये पता चलता था कि सामने वाला आदमी पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ से है तो लोगों की निगाह बदल जाती थी। इसलिठगोलमोल जवाब देने पड़ते हैं। और बिजनेस इस बात केे लिठमजबूर करता है कि अपनी पहचान छिपाकर उसे हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ या अनà¥à¤¯ पड़ोसी देशों से जोड़ा जाठकà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° गà¥à¤°à¤¾à¤¹à¤• हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ से हैं। अपने मà¥à¤²à¥à¤• से बाहर रह रहा ये आदमी हमेशा ये ही सोचता है कि दोनों देशों के रिशà¥à¤¤à¥‡ इतने अचà¥à¤›à¥‡ हो जाà¤à¤‚ कि उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ खà¥à¤¦ को पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ बताने में परेशानी न हो और उनके रेसà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¥‡à¤‚ट में हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को आने में à¤à¤¿à¤à¤• न हो। हालांकि इस आदमी के चाहने à¤à¤° से दोनों तरफ के रिशà¥à¤¤à¥‡ अचà¥à¤›à¥‡ हो जाà¤à¤‚गे, इसकी संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ नहीं है। पर, यदि ये उमà¥à¤®à¥€à¤¦ दोनों तरफ के दिलों में जगह बना ले तो कà¥à¤¯à¤¾ पता आने वाले समय में हालात सामानà¥à¤¯ हो जाà¤à¤‚ और इतने सामानà¥à¤¯ हो जाà¤à¤‚ कि दोनों तरफ के लोग डरे बिना à¤à¤•-दूसरे के यहां जा सकें। और ये डर à¤à¥€ कैसा है ? अविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ से à¤à¤°à¤¾ हà¥à¤† है। साल 2014 की बात है। मैं जामिया मिलà¥à¤²à¤¿à¤¯à¤¾ इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤¯à¤¾, दिलà¥à¤²à¥€ में à¤à¤• रिफà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤° कोरà¥à¤¸ में à¤à¤¾à¤— ले रहा था। पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के कà¥à¤› सà¥à¤Ÿà¥‚डेंटà¥à¤¸ का दल à¤à¤¾à¤°à¤¤ आया हà¥à¤† था। इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ जामिया à¤à¥€ आना था। उतà¥à¤¸à¥à¤•à¤¤à¤¾à¤µà¤¶ बहà¥à¤¤ सारे लोग वहां के छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ से बात करना चाहते थे, लेकिन इनके साथ आठपà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° किनà¥à¤¹à¥€à¤‚ छिपे हà¥à¤ निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥‹à¤‚ के चलते बातचीत को बà¥à¤¾à¤µà¤¾ या आपसी संपरà¥à¤• को तरजीह नहीं दे रहे थे। शायद उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ लगता हो कि कहीं उनके छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ को हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ हवा न लग जाà¤à¥¤ कई बार दोनों देशों का रिशà¥à¤¤à¤¾ कैसा रोचक दिखता है, इसका उदाहरण पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में इमरान खान के सतà¥à¤¤à¤¾ गंवाने के दौरान देखने को मिला। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने à¤à¤¾à¤·à¤£à¥‹à¤‚ में अपने विरोधियों के लिठमीर जाफर और मीर सादिक का उलà¥à¤²à¥‡à¤– किया। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ इतिहास में दोनों को ही देश के दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨à¥‹à¤‚ के साथ मिलकर गदà¥à¤¦à¤¾à¤°à¥€ करने का गà¥à¤¨à¤¾à¤¹à¤—ार माना जाता है। पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ की कैसी मजबूरी है कि उसे गदà¥à¤¦à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ की पहचान के लिठà¤à¥€ उस धरती से उदाहरण ढूंढने पड़ते हैं जो à¤à¥Œà¤—ोलिक तौर पर उससे अलग है। सà¤à¥€ को पता है कि दोनों देशों का विà¤à¤¾à¤œà¤¨ बहà¥à¤¤ कृतà¥à¤°à¤¿à¤® है, दोनों का इतिहास साà¤à¤¾ है, लेकिन वजूद को अलग साबित करने की जिद में पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ ने इतिहास के खलनायकों को अपना नायक बना लिया है और अपने नायकों को बेगाना कर दिया इसीलिठलाहौर के सिख शासक महाराजा रणजीत सिंह और सिंध के आखिरी हिंदू राजा दाहिर उनके लिठबेगाने हो गठहैं। जबकि, à¤à¤¾à¤°à¤¤ के लिठमहाराजा रणजीत सिंह और सिंध के आखिरी हिंदू राजा दाहिर à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ असà¥à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ का हिसà¥à¤¸à¤¾ हैं और पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के लिठà¤à¥à¤²à¤¾ देने लायक à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• शखà¥à¤¸à¤¿à¤¯à¤¤à¥¤ फिलहाल, दोनों तरफ से चीजें सामानà¥à¤¯ होना इतना आसान à¤à¥€ नहीं लगता। जब ये लेख लिखा जा रहा है, उस वकà¥à¤¤ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के पेशावर में दो सिखों की हतà¥à¤¯à¤¾ कर दी गई। à¤à¤²à¥‡ ही पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ और विदेश मंतà¥à¤°à¥€ ने कड़ी कारà¥à¤°à¤µà¤¾à¤ˆ की बात कही है, संà¤à¤µ है कि हतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‡ जलà¥à¤¦ ही पकड़ à¤à¥€ लिठजाà¤à¤‚, लेकिन à¤à¤¾à¤°à¤¤ में इन हतà¥à¤¯à¤¾à¤“ं को हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ पर हमले की तरह देखा जाà¤à¤—ा। पिछले सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ यानि मई, २०२२ में शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र में कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ पंडित की हतà¥à¤¯à¤¾ में पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ आतंकवादियों के नाम सामने आने के बाद आम लोगों के बीच यह धारणा और मजबूत होगी कि पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨ है और दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨ ही रहेगा। सरकार à¤à¥€ इसी नैरेटिव को आगे बà¥à¤¾à¤¤à¥€ हैं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤·-परोकà¥à¤· पर उनका हित दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨à¥€ के नैरेटिव में ही सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ है। ये तमाम चीजें उस à¤à¤¾à¤µ को गहरी चोट पहà¥à¤‚चाती हैं, जो ये कहता है कि हरेक हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ के दिल में पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ और हरेक पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ के दिल में हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ बसता है।