परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने आज राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ कवि संगम के संरकà¥à¤·à¤• डा हरिओम पवार जी और ऋषिकेश के 4 बार से लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯ विधायक और माननीय वितà¥à¤¤, शहरी विकास à¤à¤µà¤‚ आवास, विदà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥€ à¤à¤µà¤‚ संसदीय कारà¥à¤¯, पà¥à¤¨à¤°à¥à¤—ठन à¤à¤µà¤‚ जनगणना मंतà¥à¤°à¥€ उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड सरकार पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤šà¤‚द अगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤² जी को उनके जनà¥à¤®à¤¦à¤¿à¤µà¤¸ की हारà¥à¤¦à¤¿à¤• शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ देते हà¥à¤¯à¥‡ हरिओम पंवार को फलों का केक सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने अपने हाथों से खिलाया और रामचरितà¥à¤° मानस की पà¥à¤°à¤¤à¤¿ à¤à¥‡à¤‚ट की।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
ऋषिकेश, 24 मई। परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने आज राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ कवि संगम के संरकà¥à¤·à¤• डा हरिओम पवार जी और ऋषिकेश के 4 बार से लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯ विधायक और माननीय वितà¥à¤¤, शहरी विकास à¤à¤µà¤‚ आवास, विदà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥€ à¤à¤µà¤‚ संसदीय कारà¥à¤¯, पà¥à¤¨à¤°à¥à¤—ठन à¤à¤µà¤‚ जनगणना मंतà¥à¤°à¥€ उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड सरकार पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤šà¤‚द अगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤² जी को उनके जनà¥à¤®à¤¦à¤¿à¤µà¤¸ की हारà¥à¤¦à¤¿à¤• शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ देते हà¥à¤¯à¥‡ हरिओम पंवार को फलों का केक सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने अपने हाथों से खिलाया और रामचरितà¥à¤° मानस की पà¥à¤°à¤¤à¤¿ à¤à¥‡à¤‚ट की। डा हरिओम पवार जी के जनà¥à¤®à¤¦à¤¿à¤µà¤¸ के अवसर पर आयोजित कवि समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ में राषà¥à¤Ÿà¥à¤°, परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ और à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ कवि संगम के संरकà¥à¤·à¤• सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी, राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ कवि संगम के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· शà¥à¤°à¥€ जगदीश मितà¥à¤¤à¤² जी, डा हरिओम पवांर जी, शà¥à¤°à¥€à¤•à¤¾à¤‚त शरà¥à¤®à¤¾ जी, शà¥à¤°à¥€ अशोक बतà¥à¤¤à¤¾ जी, शà¥à¤°à¥€ अशोक गोयल जी और अनेकों कवियों ने राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की ततà¥à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं के विषय में अदà¥à¤à¥à¤¤ विचार वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किये और कविता पाठà¤à¥€ किया। मानस कथाकार शà¥à¤°à¥€ मà¥à¤°à¤²à¥€à¤§à¤° जी के शà¥à¤°à¥€à¤®à¥à¤– से परमारà¥à¤¥ निकेतन गंगा तट पर होने वाली मासिक मानस कथा में सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने कहा कि राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ कवि संगम जिसमें देश के हजारों कवियांे की à¤à¤¾à¤—ीदारी है और यह संगठन राषà¥à¤Ÿà¥à¤°, à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ है। इस मंच से जो कविता निकलती है वह दिलों को छू लेती है। इसमें वह पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¤à¤¤à¥à¤µ और संदेश है जिसके माधà¥à¤¯à¤® से निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ रूप से राषà¥à¤Ÿà¥à¤° में सकारातà¥à¤®à¤• परिवरà¥à¤¤à¤¨ होगा। अब समय आ गया है कि इस देश को और इस धरा को पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण, पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤•, कचरा-कूड़ा जैसी अनेक समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं से आजाद करायें। मानस कथा के मंच से सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने देश के कवियों का आहà¥à¤µà¤¾à¤¨ करते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ समय में à¤à¤¾à¤°à¤¤ में सदà¥à¤à¤¾à¤µ, समरसता और समता को और अधिक बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ की जरूरत है अतः à¤à¤¸à¥€ कवितायंे लिखी जायें जिससे सदà¥à¤à¤¾à¤µ पूरà¥à¤£ वातावरण का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ हो और कवियों की कवितायें जागरण, पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ और यà¥à¤µà¤¾à¤†à¤‚े को दिशा देने का कारà¥à¤¯ करें।