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सनातन को जीवित रहने के लिये अपने आधार की ओर ही लौटना होगा-महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी


सर्वानंद घाट पर महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज व स्वामी अमृतानंद जी ने एक प्रेस वार्ता के माध्यम से अपनी भविष्य की योजनाओं को व्यक्त किया।

रिपोर्ट  - à¤‘ल न्यूज़ ब्यूरो

आज सर्वानंद घाट पर महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज व स्वामी अमृतानंद जी ने एक प्रेस वार्ता के माध्यम से अपनी भविष्य की योजनाओं को व्यक्त किया। प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि आज सनातन धर्म अभूतपूर्व संकट में है।हर ओर से सनातन धर्म को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है।हमारी कमजोरी का सबसे बड़ा कारण यह है कि हमने अपने धर्म को छोड़ दिया है और हमारा त्यागा हुआ अरक्षित धर्म ही हमारे विनाश का कारण बन रहा है।आज यदि हमे जीवित रहना है तो सनातन धर्म की ओर ही वापस लौटना पड़ेगा।अब हम दोनों हिन्दुओ के सनातन की ओर लौटने के मार्ग को प्रशस्त करने का प्रयास करेंगे। जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिज़वी और अपने सम्बन्धो पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि कुछ भेड़ की खाल में छिपे हुए भेड़िये अर्थात भगवा में छिपे हुए मुसलमानों के दलाल ये झूठी अफवाह फैला रहे हैं कि मैंने उनका और उनके परिवार का उनके जेल में रहने के दौरान साथ नहीं दिया तो मैं उन्हें बता दूँ की मेरे पास को दलाली या किसी संस्था का कोई पैसा नहीं है।मेरे पास तो तो धर्म का पैसा है जो मेरे पास मेरे ट्रस्ट के एकाउंट में मेरे साथी और हिंदूवादी भक्तगण दान करते हैं।इसीलिये मेरा दिया हुआ अधिकांश सहयोग बैंक के माध्यम से हुआ है।त्यागी जी ने जब भी कुछ कहा तो हमने तुरंत उनके परिवार को सहायता की जिसमे त्यागी जी के विदेश में पढ़ रहे बेटे की फीस भी शामिल है और इस सबका भुगतान बैंक के माध्यम से हुआ है। हमने त्यागी जी की जमानत का मुकदमा यहाँ हरिद्वार से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक अपने साथियों और ट्रस्ट के पैसों से लड़ा।सुप्रीम कोर्ट में त्यागी जी के बताए वकील खड़े किए जिनमे सिद्धार्थ लूथरा जी को विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक जी से प्रार्थना करके खड़ा किया और गौरव भाटिया जी को खुद खड़ा किया।गौरब भाटिया जी का सारा भुगतान हमने किया और सिद्धार्थ लूथरा जी का प्रारंभिक भुगतान हमने किया।केवल अंतिम तारीख पर एक वकील त्यागी जी के परिवार वालो ने खड़ा किया था जिसका भुगतान उन्होंने खुद किया है।जो लोग ये कह रहे हैं कि हम त्यागी जी को जेल से लेने नही गए वो जरा बताए की त्यागी जी के जमानतीयो की व्यवस्था करके उनके वेरिफिकेशन में कौन लोग लगे हुए थे।हमारे पास हमारी एक एक बात का प्रमाण है।अगर किसी को इन बातो में कोई संशय है तो वो जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी जी से बात करने इसकी सत्यता को जान सकता है।जो लोग आज हमें ये बता रहे हैं की हमारे और त्यागी जी के संबंधों में दरार पड़ गई है तो वो समझ ले की संबंध दो तरफ से निभाए जाते हैं,एक तरफ से नहीं।सब जानते हैं की मैं त्यागी जी के सम्मान के लिए एक महीने से ज्यादा की जेल काटकर आया जबकि उत्तराखंड पुलिस मुझे गिरफ्तार नहीं कर रही थी।आज त्यागी जी जिनके साथ है वो मीडिया मैनेज करके मेरी सारी विश्वसनीयता को समाप्त करने पर तुले हैं।त्यागी जी की क्या मजबूरी है,ये त्यागी जी जाने पर मैं किसी भी व्यक्ति को अपना चरित्र हनन नहीं करने दुगा।जो जिस भाषा में समझेगा,उसे उसी भाषा के ठीक से उत्तर देने का हर संभव प्रयास करुंगा। प्रेस वार्ता में स्वामी अमृतानन्द जी महाराज ने कहा कि अब हम योगेश्वर की गीता को आधार बनाकर अपने धर्म के प्रचार का कार्य करेंगे और सम्पूर्ण विश्व को सनातन धर्म समझाने का प्रयास करेगे ताकि दुनिया धर्म और अधर्म के अंतर को समझ सके।

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