75 वें आजादी का अमृत महोतà¥à¤¸à¤µ के अवसर पर परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£, नदियों और जलसà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥‹à¥‡à¤‚ को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ परमारà¥à¤¥ निकेतन के पावन गंगा तट पर आयोजित मासिक मानस कथा के मंच से परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने आज अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• मà¥à¤•à¥à¤¤ दिवस के अवसर पर पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• मà¥à¤•à¥à¤¤ धरा का आहà¥à¤µà¤¾à¤¨ करते हà¥à¤¯à¥‡ सà¤à¥€ को à¤à¤•à¤²-उपयोग पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• का उपयोग न करने का संकलà¥à¤ª कराया।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
ऋषिकेश, 25 मई। 75 वें आजादी का अमृत महोतà¥à¤¸à¤µ के अवसर पर परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£, नदियों और जलसà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥‹à¥‡à¤‚ को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ परमारà¥à¤¥ निकेतन के पावन गंगा तट पर आयोजित मासिक मानस कथा के मंच से परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने आज अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• मà¥à¤•à¥à¤¤ दिवस के अवसर पर पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• मà¥à¤•à¥à¤¤ धरा का आहà¥à¤µà¤¾à¤¨ करते हà¥à¤¯à¥‡ सà¤à¥€ को à¤à¤•à¤²-उपयोग पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• का उपयोग न करने का संकलà¥à¤ª कराया। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि आजादी का अमृत महोतà¥à¤¸à¤µ के पावन अवसर पर मानस कथा के दिवà¥à¤¯ अमृत से पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ लेकर नठविचारों और नठसंकलà¥à¤ªà¥‹à¤‚ का सजृन कर पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• मà¥à¤•à¥à¤¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ करना हम सà¤à¥€ का परम करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ है। जà¥à¤žà¤¾à¤¤ हो कि हर साल 380 मिलियन टन से अधिक पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• का उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ होता है। जितने पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• का उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ होता है, उसका आधा सिंगल यूज होता है - यानी इसे सिरà¥à¤« à¤à¤• बार इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करने के बाद फेंक दिया जाता है। सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• का केवल 9 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ ही पà¥à¤¨à¤°à¥à¤¨à¤µà¥€à¤¨à¥€à¤•à¤°à¤£ किया जाता है, इसलिठइसमें से अधिकांश हमारे शहरों को गंदा करते हैं; लैंडफिल को à¤à¤°à¤¤à¥‡ हैं, और हमारे महासागरों को पà¥à¤°à¤¦à¥‚षित करते हैं। अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• मà¥à¤•à¥à¤¤ दिवस हमें यह सोचने का अवसर देता है कि हम पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ कितने पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• का उपयोग करते हैं, और हम पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• का उपयोग कैसे कम कर सकते हैं। पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• का उपयोग न करके हम पृथà¥à¤µà¥€ पर सतत और सà¥à¤¥à¤¾à¤¯à¥€ बदलाव ला सकते है।