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प्लास्टिक पर्यावरण के लिये खतरा - स्वामी चिदानन्द सरस्वती


75 वें आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर पर्यावरण, नदियों और जलस्रोतोें को समर्पित परमार्थ निकेतन के पावन गंगा तट पर आयोजित मासिक मानस कथा के मंच से परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने आज अंतर्राष्ट्रीय प्लास्टिक मुक्त दिवस के अवसर पर प्लास्टिक मुक्त धरा का आह्वान करते हुये सभी को एकल-उपयोग प्लास्टिक का उपयोग न करने का संकल्प कराया।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

ऋषिकेश, 25 मई। 75 वें आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर पर्यावरण, नदियों और जलस्रोतोें को समर्पित परमार्थ निकेतन के पावन गंगा तट पर आयोजित मासिक मानस कथा के मंच से परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने आज अंतर्राष्ट्रीय प्लास्टिक मुक्त दिवस के अवसर पर प्लास्टिक मुक्त धरा का आह्वान करते हुये सभी को एकल-उपयोग प्लास्टिक का उपयोग न करने का संकल्प कराया। स्वामी जी ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के पावन अवसर पर मानस कथा के दिव्य अमृत से प्रेरणा लेकर नए विचारों और नए संकल्पों का सजृन कर प्लास्टिक मुक्त भारत का निर्माण करना हम सभी का परम कर्तव्य है। ज्ञात हो कि हर साल 380 मिलियन टन से अधिक प्लास्टिक का उत्पादन होता है। जितने प्लास्टिक का उत्पादन होता है, उसका आधा सिंगल यूज होता है - यानी इसे सिर्फ एक बार इस्तेमाल करने के बाद फेंक दिया जाता है। सभी प्रकार के प्लास्टिक का केवल 9 प्रतिशत ही पुनर्नवीनीकरण किया जाता है, इसलिए इसमें से अधिकांश हमारे शहरों को गंदा करते हैं; लैंडफिल को भरते हैं, और हमारे महासागरों को प्रदूषित करते हैं। अंतर्राष्ट्रीय प्लास्टिक मुक्त दिवस हमें यह सोचने का अवसर देता है कि हम प्रतिदिन कितने प्लास्टिक का उपयोग करते हैं, और हम प्लास्टिक का उपयोग कैसे कम कर सकते हैं। प्लास्टिक का उपयोग न करके हम पृथ्वी पर सतत और स्थायी बदलाव ला सकते है।

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