मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤‚द चाहते थे कि पतंजलि योगपीठआधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से, आंतरिक दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से सà¥à¤¦à¥ƒà¥ हो, पतंजलि के संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ अतà¥à¤¯à¤‚त यशसà¥à¤µà¥€ हों, संसà¥à¤¥à¤¾ की राषà¥à¤Ÿà¥à¤° और विशà¥à¤µà¤µà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥€ योजनाओं का नेतृतà¥à¤µ हमारे संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ करें। आने वाले 5-10 वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में हमारे संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ इतने समरà¥à¤¥ हो जाà¤à¤à¤—े कि à¤à¤• सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤‚द जी नहीं यहाठसैकड़ों सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤‚द उसी संकलà¥à¤ª से अनà¥à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¿à¤¤ होकर योगधरà¥à¤®, ऋषिधरà¥à¤® को निà¤à¤¾à¤à¤à¤—े, à¤à¤¸à¤¾ मेरा विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°, 29 मई। बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤‚द महाराज की सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ में पतंजलि विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के सà¤à¤¾à¤—ार में शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि/कृतजà¥à¤žà¤¤à¤¾ सà¤à¤¾ का आयोजन किया गया जिसमें सनातन संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ से जà¥à¥œà¥‡ देश के शीरà¥à¤· संतगणों ने अपनी à¤à¤¾à¤µà¤¾à¤‚जलि, सà¥à¤®à¤¨à¤¾à¤‚जलि, कà¥à¤¸à¥à¤®à¤¾à¤‚जलि à¤à¥‡à¤‚ट की। इस अवसर पर पूजà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ रामदेव जी महाराज ने कहा कि पूजà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤‚द जी महाराज à¤à¤• निषà¥à¤•à¤¾à¤® à¤à¤¾à¤µ सचà¥à¤šà¥‡ संत व पतंजलि की ऊरà¥à¤œà¤¾ के केनà¥à¤¦à¥à¤° थे। वे à¤à¤• जीवनमà¥à¤•à¥à¤¤ महापà¥à¤°à¥à¤·, समसà¥à¤¤ à¤à¤·à¤£à¤¾à¤“ं से मà¥à¤•à¥à¤¤, अकाम-निषà¥à¤•à¤¾à¤® करà¥à¤®à¤¯à¥‹à¤—ी, पà¥à¤°à¤¬à¤² पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¥‡à¤®à¥€, वैयाकरण विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥, योगी महातà¥à¤®à¤¾ संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ थे। उनके पà¥à¤°à¤¤à¤¿ कृतजà¥à¤žà¤¤à¤¾, उपकारों का पà¥à¤£à¥à¤¯ सà¥à¤®à¤°à¤£ करते हà¥à¤ उनकी सपà¥à¤¤à¤¦à¤¶à¥€ का यह कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® आयोजित किया गया है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि उनके महापà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤£ पर पतंजलि योगपीठपरिवार के साथ-साथ पूरा संत समाज शोक संतपà¥à¤¤ है। इस अवसर पर सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ रामदेव ने सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤‚द को याद कर à¤à¤¾à¤µ विहà¥à¤µà¤² हो गà¤à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ के कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ और योगदान को पà¥à¤£à¥à¤¯ सà¥à¤®à¤°à¤£ करते हà¥à¤ हम उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि अरà¥à¤ªà¤£ करते हैं। इस अवसर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤‚द चाहते थे कि पतंजलि योगपीठआधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से, आंतरिक दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से सà¥à¤¦à¥ƒà¥ हो, पतंजलि के संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ अतà¥à¤¯à¤‚त यशसà¥à¤µà¥€ हों, संसà¥à¤¥à¤¾ की राषà¥à¤Ÿà¥à¤° और विशà¥à¤µà¤µà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥€ योजनाओं का नेतृतà¥à¤µ हमारे संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ करें। आने वाले 5-10 वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में हमारे संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ इतने समरà¥à¤¥ हो जाà¤à¤à¤—े कि à¤à¤• सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤‚द जी नहीं यहाठसैकड़ों सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤‚द उसी संकलà¥à¤ª से अनà¥à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¿à¤¤ होकर योगधरà¥à¤®, ऋषिधरà¥à¤® को निà¤à¤¾à¤à¤à¤—े, à¤à¤¸à¤¾ मेरा विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ है। हम शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¥‡à¤¯ आचारà¥à¤¯ बालकृषà¥à¤£ जी महाराज के साथ कई दौर की वारà¥à¤¤à¤¾ के बाद इस निषà¥à¤•à¤°à¥à¤· पर पहà¥à¤à¤šà¥‡ कि à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में दिवà¥à¤¯ योग मंदिर (टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ) व पतंजलि योगपीठ(टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ) का टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿà¥€ कोई गृहसà¥à¤¥à¥€ नहीं अपितॠकेवल संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ ही होगा। दिवà¥à¤¯ योग मंदिर (टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ) व पतंजलि संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¾à¤¶à¥à¤°à¤® में हमारी वरिषà¥à¤ संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¿à¤¨à¥€ बहनें साधà¥à¤µà¥€ देवपà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾, साधà¥à¤µà¥€ देवमयी, साधà¥à¤µà¥€ देवशà¥à¤°à¥à¤¤à¤¿, साधà¥à¤µà¥€ देवादिति व साधà¥à¤µà¥€ देववरणà¥à¤¯à¤¾ आदि रहेंगी। इसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° पतंजलि योगपीठ(टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ) में सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ परमारà¥à¤¥à¤¦à¥‡à¤µ, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ आरà¥à¤·à¤¦à¥‡à¤µ, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ ईशदेव, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विदेहदेव रहेंगे। पतंजलि गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤²à¤®à¥ में सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ मितà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤µ, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ हरिदेव व सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ आतà¥à¤®à¤¦à¥‡à¤µ आदि रहेंगे। योजना को मूरà¥à¤¤à¤°à¥‚प पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करने के लिठवैधानिक पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤“ं को शीघà¥à¤° पूरà¥à¤£ कर लिया जाà¤à¤—ा। इस अवसर पर जूनापीठाधीशà¥à¤µà¤° आचारà¥à¤¯ महामणà¥à¤¡à¤²à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ अवधेशानंद महाराज ने कहा कि सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤‚द जी महाराज परमारà¥à¤¥ का दूसरा नाम हैं। जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° पेड़-पौधे-फूल अपना सब कà¥à¤› दूसरों को अरà¥à¤ªà¤£ कर देते हैं उसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¥€ दूसरों के लिठअपना सब कà¥à¤› नà¥à¤¯à¥Œà¤›à¤¾à¤µà¤° कर दिया। पतंजलि विविध कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ की सà¤à¥€ तरह की उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का आधार बन रही है। यहाठपर न केवल योग-औषधियों के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ रोगों का उपचार किया जा रहा है अपितॠपतंजलि उदà¥à¤¯à¤®à¥‹à¤‚ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आरà¥à¤¥à¤¿à¤• रोगों को à¤à¥€ दूर कर रहा है। चाणकà¥à¤¯ ने à¤à¥€ कहा है कि अरà¥à¤¥, धरà¥à¤®, काम और मोकà¥à¤· यही जीवन का आधार है। उसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° मनà¥à¤·à¥à¤¯ का जनà¥à¤® à¤à¥€ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ अरà¥à¤œà¤¨ के बाद अरà¥à¤¥ अरà¥à¤œà¤¨ के लिठही हà¥à¤† है। उसके उपरानà¥à¤¤ पूरà¥à¤£ अरà¥à¤œà¤¨ करना उसका तीसरा करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ है। आज पतंजलि ने देश के समà¥à¤®à¥à¤– अनेकों उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤§à¤¿à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में नेतृतà¥à¤µ करने के लिठव सफलता के नठकीरà¥à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करने के लिठपà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया है। अंत में मैं पà¥à¤¨à¤ƒ मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤‚द जी को याद करते हà¥à¤ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सचà¥à¤šà¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ करता हूà¤à¥¤