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पौड़ी में बागवानी को जंगली-जानवरों से सुरक्षित रखने हेतु इक्यूबमेंट(मशीन) का बटन दबाकर शुभारंभ किया।


बागवानी को जंगली-जानवरों से सुरक्षित रखने हेतु इक्यूबमेंट(मशीन) का बटन दबाकर शुभारंभ किया। यह मशीन दिन में विभिन्न प्रकार की आवाजें तथा रात्रि समय विभिन्न प्रकार की लाइटिंग के प्रयास से जंगली-जानवरों को भगाने का कार्य करती है।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

पौड़ी/दिनांक 30 मई, 2022, जिलाधिकारी डाॅ0 विजय कुमार जोगदण्डे ने आज खांडस्यूसैंण स्थित उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण बागवानी को जंगली-जानवरों से सुरक्षित रखने हेतु इक्यूबमेंट(मशीन) का बटन दबाकर शुभारंभ किया। यह मशीन दिन में विभिन्न प्रकार की आवाजें तथा रात्रि समय विभिन्न प्रकार की लाइटिंग के प्रयास से जंगली-जानवरों को भगाने का कार्य करती है। यह इक्यूबमेंट सौरचालित जिसकी लागत भी औंसतन 08 हजार है तथा 02 सीजन के लिए कारागार है। जिलाधिकारी ने अवलोकन के दौरान मुख्य उद्यान अधिकारी निर्देशित किया कि इक्यूबमेंट में चलने वाली आवाज को कुछ दिनों बाद परिवर्तित करते रहें। जिससे जंगली-जानवर आवाज सुनकर बाग-बगीचों को नुकशान न पहुंचाएं। पोखड़ा विकासखंड के निवासी भाष्कर द्धिवेदी द्वारा इस मशीन का निर्माण किया गया है। जिलाधिकारी ने सेब, किवी सहित पाॅलिहाउस बागवानी में अन्य फलदार पेड़ो का निरीक्षण भी किया। इस दौरान उन्होंने मुख्य उद्यान अधिकारी की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह की बेहतर गतिविधियों को विभिन्न स्थानों पर बड़े पैमाने पर(कलस्टर आधारित) करें। साथ ही पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर नई-नई प्रकार की प्रजातियों को आजमाने का प्रसास करें। जिससे किसानों, काश्तकारों का बागवानी में बेहतर मुनाफा प्राप्त हो सके। जिलाधिकारी ने कहा कि उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण बागवानी में विभिन्न प्रकार की पौधों व बीचों का उत्पादन कर तथा उसेे किसानों को वितरित किया जाता है। कहा कि मशीन में विभिन्न प्रकार की आवाजें जंगली जानवरों को भगाने के लिए संग्रह किया गया है। कहा कि ऐसे उपकरणों का अन्य किसानों को भी अपने खेतों में प्रयोग करना चाहिए, जिससे उन्हें जंगली जानवरों के आतंक से निजात मिल सकेगी। कहा कि प्रयोगिक के आधार पर इस मशीन का शुभारंभ किया गया हैै। साथ ही उन्होंने कहा कि मशीन को विभिन्न विकासखंड़ों के किसानों को वितरित किया जाएगा। कहा कि बेहतर परिणाम आने पर अन्य किसानों को भी यह मशीन उपलब्ध कराई जाएगी। जिससे किसानों को जंगली-जानवरों से नुकशान का भय नहीं रहेगा।

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