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आदतें अच्छी होगी तो हमारा चरित्र अच्छा होगा -शिव खेड़ा


परमार्थ निकेतन में प्रभावशाली वक्ता, लेखक और चिंतक शिव खेड़ा पधारे। उन्होंने स्वामी चिदानन्द सरस्वती से भेंट विभिन्न समसामयिक विषयों पर विशद् चर्चा की। शिवखेड़ा ने स्वामी के पावन सान्निध्य में विख्यात गंगा आरती में सहभाग किया वे परमार्थ निकेतन की अपनी चार दिवसीय यात्रा पर है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

ऋषिकेश, 31 मई। परमार्थ निकेतन में प्रभावशाली वक्ता, लेखक और चिंतक शिव खेड़ा पधारे। उन्होंने स्वामी चिदानन्द सरस्वती से भेंट विभिन्न समसामयिक विषयों पर विशद् चर्चा की। शिवखेड़ा ने स्वामी के पावन सान्निध्य में विख्यात गंगा आरती में सहभाग किया वे परमार्थ निकेतन की अपनी चार दिवसीय यात्रा पर है। स्वामी ने रूद्राक्ष का पौधा देकर उनका अभिनन्दन किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि शिव खेड़ा जी दुनिया के उन प्रभावशाली वक्ताओं, लेखकों और चिंतकों में से एक हैं जिन्होंने लाखों - लाखों लोगों की जिन्दगी को अपने विचारों से सकारात्मक दिशा प्रदान की। उन्होंने कई प्रेरणादायी पुस्तकें लिखीं हैं. उनकी लिखी पुस्तकों को जो भी एक बार पढ़ लेता है उसका जीवन सकारात्मकता और आत्मविश्वास से भर जाता है। स्वामी जी ने कहा कि शिवखेड़ा जी की जीवन के प्रति जो सकारात्मक सोच, प्रेरणा और दृष्टिकोण है, वह अद्भुत है जिसने न केवल भारत के बल्कि वैश्विक स्तर पर युवाओं की सोच में सकारात्मक परिवर्तन किया है। हमारे पूज्य ऋषियों ने जीवन को समृद्ध और सशक्त बनाने के लिये दो बातें कही हैं एक है विचार एवं दूसरा है व्यवहार। हमारा ही व्यवहार है जो किसी को मित्र बना देता है और दूसरे को शत्रु। श्रेष्ठ विचारों से ही जीवन में विनम्रता आती है। स्वामी जी ने कहा कि इस देश को लीडर चाहिये। हमारे देश के युवा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व करें। अन्तर्राष्ट्रीय लीडरशिप के लिये अक्टूबर माह में परमार्थ निकेतन में एक कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि भारत का नेतृत्व सशक्त है। नेतृत्व सशक्त होगा तो देश सशक्त होगा और समृद्ध होगा इसलिये सशक्त नेतृत्व की आवश्यकता है। देश को आगे बढ़ना है तो युवा नेतृत्व को आगे लाना होगा। लेखक और चिंतक शिव खेड़ा जी ने पूज्य स्वामी जी का अभिवादन करते हुये कहा कि विचार और व्यवहार का आपस में गहरा संबंध है। व्यवहार कभी भी बिना विचार के नहीं आता। विचार पहले आता है फिर व्यवहार आता है। हम सब आदतों के मजबूर है इसलिये अच्छी आदतें बनाओं क्योंकि आदतों से ही चरित्र बनता है। उन्होंने कहा कि 90 प्रतिशत हमारा व्यवहार आदतों से ही होता है। आदतंे अच्छी होगी तो हमारा चरित्र अच्छा होगा। अच्छी आदतंे कठिनाई से आती है परन्तु उसके साथ जीना आसान है इसलिये सकारात्मक व्यवहार हमारी आदत बन जाये तो जीवन सरल हो जाता है और अभ्यास से आदतंे हमारे भीतर स्थायी हो जाती है इसलिये अच्छी आदतंे को ही जीवन में अपनाये। जिस व्यवहार को आप प्रोत्साहन देंगे वही बच्चों की आदत बन जाती है। शिवखेड़ा जी ने स्वामी जी को जीत आपकी, बेचना सीखो और सफल बनो, फ्रीडम इज नाट फ्री आदि अन्य पुस्तकें भेंट की।

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