शà¥à¤°à¥€ हरेराम आशà¥à¤°à¤® में आयोजित सà¥à¤µà¤°à¥à¤£ जयंती महोतà¥à¤¸à¤µ के शà¥à¤à¤¾à¤°à¤‚ठअवसर पर à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· मदन कौशिक ने नारियल फोड़कर यजà¥à¤žà¤¶à¤¾à¤²à¤¾ का उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ किया और यजà¥à¤ž अनà¥à¤·à¥à¤ ान में समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ होकर विशà¥à¤µ कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ की साथ ही विशà¥à¤µ परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ दिवस पर आशà¥à¤°à¤® परिसर में रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· के पौधों का रोपण किया।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°, 5 जून। शà¥à¤°à¥€ हरेराम आशà¥à¤°à¤® में आयोजित सà¥à¤µà¤°à¥à¤£ जयंती महोतà¥à¤¸à¤µ के शà¥à¤à¤¾à¤°à¤‚ठअवसर पर à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· मदन कौशिक ने नारियल फोड़कर यजà¥à¤žà¤¶à¤¾à¤²à¤¾ का उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ किया और यजà¥à¤ž अनà¥à¤·à¥à¤ ान में समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ होकर विशà¥à¤µ कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ की साथ ही विशà¥à¤µ परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ दिवस पर आशà¥à¤°à¤® परिसर में रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· के पौधों का रोपण किया। इस अवसर पर मदन कौशिक ने कहा कि संत महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ का सानिधà¥à¤¯ सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होता है। धरà¥à¤® नगरी हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° में आने वाले सà¤à¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ à¤à¤•à¥à¤¤ बड़े ही कृपा पातà¥à¤° हैं। जो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पतित पावनी मां गंगा और संतों का आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि धारà¥à¤®à¤¿à¤• अनà¥à¤·à¥à¤ ानों से देश में नई ऊरà¥à¤œà¤¾ का संचार होता है और यजà¥à¤ž से निकलने वाला धà¥à¤†à¤‚ जहां जहां आवरण बनाता है। वहां का संपूरà¥à¤£ वातावरण शà¥à¤¦à¥à¤§ हो जाता है। महामंडलेशà¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ हंसराम महाराज ने कहा कि विशà¥à¤µ कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ के लिठयजà¥à¤ž का आयोजन किया जाता है। सनातन धरà¥à¤® में यजà¥à¤ž का विशेष महतà¥à¤µ है। किसी à¤à¥€ शà¥à¤ कारà¥à¤¯ को पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठकरने से पहले यजà¥à¤ž अनà¥à¤·à¥à¤ ान होना आवशà¥à¤¯à¤• है। हम सà¤à¥€ को अपने आसपास के परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ को शà¥à¤¦à¥à¤§ रखना चाहिठऔर अधिक से अधिक पेड़ लगाकर उनका संरकà¥à¤·à¤£ संवरà¥à¤§à¤¨ करना चाहिà¤à¥¤ हरेराम आशà¥à¤°à¤® के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· महामंडलेशà¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ कपिल मà¥à¤¨à¤¿ महाराज ने कहा कि परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ के शà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤•à¤°à¤£ के लिठयजà¥à¤ž से अतिरिकà¥à¤¤ कोई धारà¥à¤®à¤¿à¤• अनà¥à¤·à¥à¤ ान नहीं है। पेड़ पौधे हमें पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤µà¤¾à¤¯à¥ ऑकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करते हैं और वातावरण को संतà¥à¤²à¤¿à¤¤ करने में सहायक होते हैं। अपने जीवन काल में पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को à¤à¤• पेड़ अवशà¥à¤¯ लगाना चाहिà¤à¥¤ ताकि परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ की शà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ के साथ-साथ समाज में à¤à¥€ इसका सकारातà¥à¤®à¤• संदेश पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ हो और हमारी यà¥à¤µà¤¾ पीà¥à¥€ अपने परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ सजग रहें। शà¥à¤°à¥€ पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के मà¥à¤–िया महंत दà¥à¤°à¥à¤—ादास महाराज ने कहा कि परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ को संतà¥à¤²à¤¿à¤¤ बनाठरखना सà¤à¥€ का करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ है। धारà¥à¤®à¤¿à¤• अनà¥à¤·à¥à¤ ानों के साथ-साथ संत समाज अपने सेवा पà¥à¤°à¤•à¤²à¥à¤ªà¤¾à¤‚े के माधà¥à¤¯à¤® से समाज को जागृत करता आया है। पेड़ पौधे मानव जीवन के लिठसंजीवनी औषधि के समान है। इसलिठसà¤à¥€ को पौधारोपण अवशà¥à¤¯ करना चाहिà¤à¥¤ इस अवसर पर डा.जितेंदà¥à¤° सिंह, विमल कà¥à¤®à¤¾à¤°, पà¥à¤°à¥‹.पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤šà¤‚दà¥à¤° शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€, नीलामà¥à¤¬à¤° खरà¥à¤•à¤µà¤¾à¤², रमेश उपाधà¥à¤¯à¤¾à¤¯, रामचंदà¥à¤° पाणà¥à¤¡à¥‡à¤¯, हरीश कà¥à¤®à¤¾à¤°, डा.अशà¥à¤µà¤¨à¥€ चौहान, मयंक गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ केशव मà¥à¤¨à¤¿, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ उमेश मà¥à¤¨à¤¿, शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त अदà¥à¤µà¥ˆà¤¤ दास, महंत रामसागर मà¥à¤¨à¤¿, महंत दामोदर दास, महंत जयेंदà¥à¤° मà¥à¤¨à¤¿, महंत निरंजन दास, महंत पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¦à¤¾à¤¸, महेंदà¥à¤° दामोदर शरण दास, महंत निरà¥à¤®à¤² दास, महामंडलेशà¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ संतोषानंद, महामंडलेशà¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ रूपेंदà¥à¤° पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶, महंत गोविंद दास, महामंडलेशà¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤®à¥à¤¨à¤¿, महंत शà¥à¤°à¤µà¤£ मà¥à¤¨à¤¿, महंत सà¥à¤¤à¥€à¤•à¥à¤·à¤£ मà¥à¤¨à¤¿, महंत गंगादास, महंत रंगनाथ दास, महंत सरà¥à¤µà¥‡à¤¶ मà¥à¤¨à¤¿, महंत दà¥à¤°à¥à¤—ेश मà¥à¤¨à¤¿, अनीता शरà¥à¤®à¤¾, सहित कई संत महापà¥à¤°à¥à¤· उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ रहे।