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संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा मानव पर्यावरण के संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन


5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। जिसकी शुरुआत का उद्देश्य हमारे वातावरण को स्वच्छ व शुद्ध रखना है। संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा मानव पर्यावरण के संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन से 1972 में इसकी शुरुआत हुई थी। आज भारतीय संस्कृति और सभ्यता के लिये तन्मयता से कार्य कर रही हरिद्वार की इमैक समिति द्वारा नमामि गंगे, चंडी घाट पर पर्यावरण दिवस मनाया गया।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। जिसकी शुरुआत का उद्देश्य हमारे वातावरण को स्वच्छ व शुद्ध रखना है। संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा मानव पर्यावरण के संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन से 1972 में इसकी शुरुआत हुई थी। आज भारतीय संस्कृति और सभ्यता के लिये तन्मयता से कार्य कर रही हरिद्वार की इमैक समिति द्वारा नमामि गंगे, चंडी घाट पर पर्यावरण दिवस मनाया गया। प्रकृति दिवस के प्रति भारत देश के भविष्य छोटे बच्चों को जागरूक करने के लिये लिए समिति ने सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमे इमैक की युवा टीम ने आसपास की बस्ती में रहने वाले गरीब बच्चों को संगीत और नृत्य के माध्यम से पर्यावरण के प्रति संवेदना का संचार किया। बच्चो को रंगों के माध्यम से फूल और पौधों का रूप दिया और इन गरीब बच्चों से ही सबके बीच सन्देश देने का कार्य करवाया। बस्ती के बच्चों ने इस कार्यक्रम में बढ़ चढ़ कर सहभागिता की। इस प्रस्तुति में सन्देशपूर्ण गीत अनन्या भटनागर द्वारा गाया गया जिसमे कीबोर्ड पर उनका साथ कमल गौर ने दिया। कार्यक्रम के लिये बच्चों को रंगों से वाणी उज्जलायन ने तैयार किया। वैष्णवी झा ने अपनी स्वरचित कविता से सबको पर्यावरण दिवस पर एक सन्देश दिया । समिति की सचिव डॉ० मौसमी गोएल ने बच्चों को प्रत्येक रविवार शिक्षा की पाठशाला में आने पर आभार व्यक्त किया और बताया कि समिति द्वारा लगाई जा रही ये कक्षा आपके उज्ज्वल भविष्य के लिये ही है। और बच्चो को आगे भी निरन्तर कक्षा में आने के लिये प्रोत्साहित किया। उन्होंने बताया की समिति द्वारा समय समय पर विभिन्न तरह की पर्यावरण संबंधी गतिविधियां की जाती रहती है। प्रकृति के प्रति सकारात्मक रवैये को लेकर लोगों को जागरूक किया जाता है। स्कूल, कॉलेज व अन्य स्थानों पर निबंध, भाषण, क्विज, कला प्रतियोगिता, बैनर प्रदर्शन, संगोष्ठी, कार्यालय, नुक्कड़-नाटक आदि के जरिए लोगों को प्रोत्साहित करने का कोशिश किया जाता है। समिति के अध्यक्ष आशीष कुमार झा ने बच्चों को बताया कि पर्यावरण दिवस क्यों मनाया जाता है और हमे आने वाले समय के लिये पर्यावरण संवर्धन पर विशेष चिंतन की आवश्यकता है। समिति की उपाध्यक्ष हेमा भंडारी ने बताया कि हमे सिर्फ एक दिन पर्यावरण दिवस नहीं बनाना है इसको अपने जीवन मे उतारना है। पृथ्वी ही हमारा घर है। समिति की कोर सदस्या सुनीता झा ने बताया की बढ़ते प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग के कारण वातावरण अशुद्ध होते जा रहा है। ऐसे में आने वाली पीढ़ी के लिए इसे अनुकूल बनाने के संकल्प का दिन है विश्व पर्यावरण दिवस। हरिद्वार के उद्योगपति राकेश पाहवा ने बच्चो के बीच फल, फ्रूटी और बिस्किट का वितरण किया और समिति के द्वारा किये जा रहे जनजागरूकता के कार्यों की सराहना की। उनके साथ आये अनिल भारती, विनोद मित्तल और जोगेंद्र तनेजा ने बच्चो का प्रोत्साहन कर उनकी सराहना की। इस अवसर पर समिति की युवा टीम से आशु वर्मा, आस्था गोयल, आयुष डंगवाल, कुशहाल आहूजा, आरती सिंह, दीपिका सिंह आदि उपस्थित रहे।

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