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मातृ सदन हरिद्वार में जुटेंगे देशभर के पर्यावरणविद्, गंगा भक्त


सभी लोगों को जानकारी है 2011 में एक बहुत बड़े आपराधिक षड़यंत्र के तहत स्वामी निगमानंद सरस्वती की शासन और प्रशासन द्वारा मिलकर, माफियाओं के साथ एकीभूत होकर, षड़यंत्र के तहत ‘Organo Phosphate’ ज़हर देकर मार दिया गया | इसके चलते प्रत्येक वर्ष स्वामी निगमानंद की पुण्यतिथि, जोकि 13 जून को है, मनाया करते हैं |

रिपोर्ट  - à¤‘ल न्यूज़ ब्यूरो

हरिद्वार।‌ मातृ सदन के संस्थापक स्वामी शिवानंद ने कहा कि गंगा पुत्र निगमानंद के बलिदान दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित पत्रकार वार्ता का मुख्य विषय है कि सभी लोगों को जानकारी है 2011 में एक बहुत बड़े आपराधिक षड़यंत्र के तहत स्वामी निगमानंद सरस्वती की शासन और प्रशासन द्वारा मिलकर, माफियाओं के साथ एकीभूत होकर, षड़यंत्र के तहत ‘Organo Phosphate’ ज़हर देकर मार दिया गया | इसके चलते प्रत्येक वर्ष स्वामी निगमानंद की पुण्यतिथि, जोकि 13 जून को है, मनाया करते हैं | इस साल दो दिवसीय प्रोग्राम है जिसमें देशभर से अतिथि आ रहे हैं, जिसमें मुख्य जल पुरुष राजेंद्र सिंह हैं, PSI से जुड़े रहे अनिल गौतम हैं, Wednesday’s for Water की प्रो. मानसी बाल भार्गव हैं, Asia Greens Pacific Party की अनीता नौटियाल हैं, Rishihood University के संजय सिंह आदि मौजूद रहेंगे | 13 जून को सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक श्रद्धांजलि सभा स्वामी निगमानंद की समाधी स्थल के समीप, उसके बाद का कार्यक्रम आश्रम के सभागार में आयोजित किया गया है | उन्होंने बताया कि वर्तमान में खनन की जो विभीषिका है, इतना होने के बावजूद भी जिस प्रकार शासन-प्रशासन माननीय प्रधानमंत्री के द्वारा आदेश की भी अवहेलना कर रहे हैं, माननीय उच्च न्यायालय द्वारा गंगाजी में खनन पर रोक, शासन-प्रशासन की गलत बयानबाजी, और जिस प्रकार गंगा को नष्ट किया जा रहा है, इस विषय पर पहले दिन, यानी 13 जून का कार्यक्रम और दोपहर के भोजन के पश्चात प्रेस वार्ता भी रखी गयी है | दूसरे दिन, यानी 14 जून को जनरल पर्यावरण पर चर्चा होगी और इसी दिन के दूसरे हिस्से में भोजन के पश्चात आयुर्वेद इत्यादि पर चर्चा की जाएगी | इसी बीच एक बहुत विचित्र बात सामने आई है कि मातृ सदन द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में जनहित याचिका संख्या 15/2022 में अपनी याचिका में यह वर्णित किया गया कि गंगाजी राष्ट्रीय नदी हैं, करोडों हिन्दुओं की आस्था की प्रतिक हैं, हिन्दुओं की इनमें श्रद्धा है, बहुत से हिन्दू गंगाजी में स्नान करते हैं, इस तथ्य के जवाब में प्रमुख सचिव, उत्तराखंड शासन द्वारा इस तथ्य का खंडन किया गया है | यानी उत्तराखंड सरकार की नज़र में गंगाजी हिन्दुओं की आस्था का विषय नहीं हैं, गंगाजी की पवित्रता से उत्तराखंड सरकार को कोई लेना-देना नहीं है, इस शपथ पत्र से तो यही साबित हो रहा है। ऐसे में तो अब हम माननीय पुष्कर सिंह धामी को यह पत्र लिखने जा रहे हैं कि आप हमें यह जवाब दें कि आपने जो यह प्रतियुत्तर दाखिल किया है, सरकार के सचिव ने जो जवाब दिया है, क्या सरकार इस बात से ताल्लुकात रखती है या फिर यह सचिव महोदय की अपनी निजी मान्यता है | यदि सरकार इसका जवाब नहीं देगी, क्यूंकि सरकार का काम है जवाब नहीं देना, क्यूंकि जब से उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ है, तबसे यह धारणा बैठ ही गयी है कि किसी के भी पत्र का जवाब देने की कोई आवश्यकता नहीं है | उत्तराखंड के अधिकारी पत्र का जवाब देना जानते ही नहीं हैं क्यूंकि जितने मुख्यमंत्री होते हैं, अधिकांश अयोग्य होते हैं, और नौकरशाही का काम ही हो गया है इनको बरगलाना | तो हम मुख्यमंत्री से पूछना चाहते हैं कि यदि यह आपकी मान्यता है कि आप हमें जवाब नहीं देंगे तो हम यह मान लेंगे कि गंगाजी को लेकर जो सचिव महोदय द्वारा मान्यता दर्शायी गयी है, वही आपकी भी मान्यता है और फिर हम तदोनुकूल इसके व्यवहार करेंगे | और यदि यह आपकी मान्यता नहीं है, तो सचिव महोदय पर आप क्या कार्यवाही कर रहे हैं, यह कार्यवाही कर हमें सूचित करने का कष्ट करें | और जैसा कि आप सब जानते हैं कि खनन पर अभी स्टे है | उत्तराखंड वन विकास निगम एक से बढ़कर एक षड़यंत्र कर रहा है | एक तरफ खनन पर पूरी तरीके से रोक है, और दूसरी ओर रात में खनन चल रहा है | बिशनपुर के सैसा घाट से रात को खनन द्वारा उपखनिज निकालकर स्टार-पोली क्रेशर पर पहुँचाया जा रहा है | जिलाधिकारी, हरिद्वार और एसएसपी, हरिद्वार को इस विषय में सूचना दे दी गयी है, लेकिन विगत तीन दिनों से यह अवैध क्रियाकलाप जारी है और इसपर कोई कार्यवाही अभी तक नहीं हुई है | इसकी फोटोग्राफी भी हमारे पास मौजूद है | अन्ना हजारे भी गंगाजी इत्यादि से जुड़ना चाह रहे हैं और इसलिए उन्होनें अभी अपने निजी सचिव को रालेगण सिद्धि से आश्रम मातृ सदन भेजा है | अन्ना हजारे ने परम उन्हें को एक कार्यक्रम के लिए आमंत्रित भी किया है और उन्होंने अन्ना के आमंत्रण को स्वीकार भी किया है | मातृ सदन अन्ना की इस पहल का स्वागत करता है | अन्ना जी के पास विभिन्न प्रकार का एजेंडा है, और यदि गंगाजी भी उनके एजेंडा में शामिल हुई है, तो यह सराहनीय है | इसलिए मातृ सदन उनके आमंत्रण पर इसमें शामिल होगी |

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