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''जल शक्ति अभियान ’कैच द रेन’ कार्यो के संबंध में केन्द्रीय नोडल टीम जनपद भ्रमण पर’’


निदेशक इस्पात मंत्रालय और केन्द्रीय नोडल अधिकारी अरूण कुमार और अश्वनी, अरविन्द रानाडे वैज्ञानिक राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान रूड़की के नेतृत्व में जल शक्ति अभियान ’कैच द रेन’ कार्योें के निरीक्षण हेतु केन्द्रीय नोडल टीम भ्रमण पर है।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

पौड़ी/दिनांक 14 जून, 2022 निदेशक इस्पात मंत्रालय और केन्द्रीय नोडल अधिकारी अरूण कुमार और अश्वनी, अरविन्द रानाडे वैज्ञानिक राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान रूड़की के नेतृत्व में जल शक्ति अभियान ’कैच द रेन’ कार्योें के निरीक्षण हेतु केन्द्रीय नोडल टीम भ्रमण पर है। आज विकास भवन सभागार में जनपद के विभिन्न विभागों ने उनके जल शक्ति अभियान, अमृत सरोवर योजना, जल स्त्रोत पुनर्जीवन, वर्षा जल संरक्षण, चाल-खाल, नौले, वाटर पौन्ड, माइक्रो डैम इत्यादि संबधित कार्यो का विभागवार प्रजेन्टेशन दिया गया। इस दौरान सिंचाई विभाग, लघु सिंचाई, जल संस्थान, पेयजल निगम, ग्राम्य विकास, कृषि विभाग आदि विभागों ने जल शक्ति अभियान के कार्यो के साथ पर्यावरण संरक्षण, मृदा संरक्षण और वनीकरण के कार्यो की अभिनव पहल और भविष्य की कार्ययोजना के बारे में भी अवगत कराया। विभागीय अधिकारियों ने प्रथम चरण में वाटर बॉडी चिन्ह्किरण, द्वितीय चरण में उनकी मैपिंग, तृतीय चरण में जियो टैगिंग और चर्तुथ चरण में कार्य प्रारम्भ आदि का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। इस दौरान जिलाधिकारी डॉ0 विजय कुमार जोगदण्डे ने अवगत कराया कि जनपद में जल शक्ति अभियान, अमृत सरोवर और वृक्षारोपण कार्यो के संबंध में ग्राम सभा स्तर पर पहले बैठकों का आयोजन किया गया जिनमें अभियान के तहत किये जाने वाले कार्यों के संबंध में स्थानीय लोगों के साथ व्यापक विचार-विमर्श करते हुए उनकी भागीदारी ली गयी। विकासखण्ड स्तर से लेकर जिला पंचायत बैठकों तथा विभिन्न विद्यालयों के साथ ही विशेष आयोजन के अवसरों पर ’कैच द रेन’ शपथ दिलायी गयी तथा लोगों को जल के व्यावहारिक उपयोग, वैज्ञानिक तरीके से उसका संवर्धन संरक्षण के संबंध में जागरूक किया गया। उन्होंने कहा कि जनपद की सभी 1775 ग्राम पंचायतों में 1775 मनरेगा एसेट्स निर्मित किये गये, 1775 वाटर कन्जरवेशन सेंटर सुधारीकरण के साथ ही ग्राम पंचायत के जीपीडीपी (ग्राम पंचायत विकास योजना) में उन कार्यो को जोड़ा गया है। कहा कि इस वर्ष 125 गांवों में 121 हेक्टेयर भूमि पर 20 लाख पौधों को लगाया जायेगा। उन्होंने कहा कि जल शक्ति अभियान और जल संवर्द्धन के कार्यो को राज्य वित्त, मनरेगा, विभागीय फण्ड, कैम्पा, नाबार्ड आदि के माध्यम से वित्तीय आपूर्ति की जा रही है।

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