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गंगा पुत्र निगमानंद के बलिदान दिवस पर उत्तराखंड सरकार का कोर्ट में वाद दायर करना निंदनीय: स्वामी शिवानंद


मातृ सदन के स्वामी शिवानंद ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने गंगापुत्र निगमानंद के बलिदान को भुला दिया है। ‌ इसलिए गंगा पुत्र के बलिदान दिवस पर एनएमसीजी के आदेश के खिलाफ खनन खोलने के लिए कोर्ट में वाद दायर किया है। ‌ उत्तराखंड सरकार खनन माफियाओं की हितैषी सरकार है। ‌

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार। मातृ सदन के स्वामी शिवानंद ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने गंगापुत्र निगमानंद के बलिदान को भुला दिया है। ‌ इसलिए गंगा पुत्र के बलिदान दिवस पर एनएमसीजी के आदेश के खिलाफ खनन खोलने के लिए कोर्ट में वाद दायर किया है। ‌ उत्तराखंड सरकार खनन माफियाओं की हितैषी सरकार है। ‌ गंगापुत्र निगमानंद की पुण्यतिथि के अवसर पर मातृ सदन आश्रम जगजीतपुर कनखल हरिद्वार में आयोजित समारोह के दूसरे दिन स्वामी शिवानंद सरस्वती ने उत्तराखंड सरकार पर जमकर निशाना साधा।‌ उन्होंने कहा कि गंगापुत्र के बलिदान दिवस पर उत्तराखंड सरकार द्वारा कोर्ट में एनएमसीजी के खनन पर रोक का आदेश हटाने के वाद दायर किया जाना शर्मनाक है। मातृ सदन सरकार के इस रवैया की घोर निंदा करता है। ‌ आखिर सरकार ने वाद दायर करने के लिए गंगापुत्र के बलिदान दिवस, 13 जून को ही क्यों चुना। इससे साफ जाहिर होता है कि उत्तराखंड सरकार नहीं गंगा पुत्र के बलिदान को भुला दिया है वही खनन माफियाओं को लाभ पहुंचाने के लिए कोर्ट में वाद दायर किया है। लेकिन मातृ सदन अवैध खनन के खिलाफ अपना संघर्ष जारी रखेगा एवं खनन माफियाओं के मंसूबों को कभी पूरा नहीं होने देगा। वही जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने कहा कि जिन 5 राज्यों से होकर गंगा गुजरती है, उन राज्यों में गंगा रक्षा सेना का गठन किया जाएगा। ‌ गंगा सेना के सैनिक गंगा रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहेंगे। इस मौके पर डाॅ विजय वर्मा, डॉ मानसी बाल भट्टाचार्य, प्रोफेसर संगीता सिंह,अमोघ चौधरी,भोपाल सिंह, संजय गुप्ता, इंदौर, संजीव चौधरी, दीपिका चोरसिया, जमशेदपुर, कैशवानंद, अनीता भारती, ब्रह्मचारी दयानंद ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ब्रह्मचारी सुधानंद ब्रह्मचारी यजनानंद, सहित अन्य प्रबुद्ध जन मौजूद रहे।

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