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बात भारत की पांचजन्य साप्ताहिक प्रखर पत्रकारिता के 75 वर्ष पर आयोजित पर्यावरण संवाद में स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने किया सहभाग


परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने बात भारत की पांचजन्य साप्ताहिक प्रखर पत्रकारिता के 75 वर्ष पर आयोजित पर्यावरण संवाद में मुख्य अतिथि के रूप में सहभाग कर आह्वान किया कि भारत को भारत की दृष्टि से देखने का समय आ गया है। पांचजन्य की यह यात्रा महाभारत से महानभारत तक की यात्रा है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

ऋषिकेश, 15 जून। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने बात भारत की पांचजन्य साप्ताहिक प्रखर पत्रकारिता के 75 वर्ष पर आयोजित पर्यावरण संवाद में मुख्य अतिथि के रूप में सहभाग कर आह्वान किया कि भारत को भारत की दृष्टि से देखने का समय आ गया है। पांचजन्य की यह यात्रा महाभारत से महानभारत तक की यात्रा है। पांचजन्य और अन्य आर्गनाइजर्स द्वारा दिल्ली में आयोजित पर्यावरण संवाद को सम्बोधित करते हुये स्वामी चिदानंद सरस्वती जी ने कहा कि वर्तमान समय में पर्यावरण सबसे प्रमुख विषय है उस पर चिंतन और मंथन होना नितांत आवश्यक है। स्वामी जी ने कहा कि वर्तमान समय में पांचजन्य को नई दृष्टि से बजाने की जरूरत है। पांचजन्य कुरुक्षेत्र में बजा था, वहां महाभारत हुयी और आज फिर पांचजन्य बजेगा परन्तु अब महानभारत बनाने के लिये बजेगा। यह यात्रा महाभारत से महानभारत तक की यात्रा है, तब केवल कुरुक्षेत्र में पांचजन्य बजा था लेकिन अब हर घर में बजेगा। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि एक समय था जब महाभारत के लिये पांचजन्य बजा अब महान भारत के लिये पांचजन्य बज रहा है और ये इसलिये भी जरूरी है कि पर्यावरण का पांचजन्य बजेगा तो पक्का माने हमारी संस्कृति बचेगी, प्रकृति बचेगी और संतति बचेगी। हमारा कल्चर बचेगा, नेचर बचेगा और फ्यूचर बचेगा इसलिये यह पांचजन्य हमेशा बजता रहे। स्वामी जी ने कहा कि हमें अपने जल स्रोतों और पर्यावरण के प्रति सेंस आफ बिलॉन्गिंगनेस की जरूरत है। अब समय आ गया है कि जल चेतना, जन चेतना बने, जल जागरण, जन जागरण बने, जल क्रान्ति, जन क्रान्ति बने तथा जल आन्दोलन जन आन्दोलन बने। उन्होंने सभी का आह्वान करते हुये कहा कि हम सभी को अपने स्तर पर सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद करना होगा क्योंकि हमारा पर्यावरण स्वच्छ होगा तभी हम और हमारी आने वाली पीढ़ियां सुरिक्षत रह सकती हैं।

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