सरसंघचालक राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤µà¤¯à¤‚सेवक संघ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤‹à¤·à¤¿ शà¥à¤°à¥€ मोहन à¤à¤¾à¤—वत जी à¤à¤µà¤‚ परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने नीर फाउंडेशन दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ‘à¤à¤¾à¤°à¤¤ के जल संसाधनः मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‡, चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ व समाधान’ विषय पर आयोजित à¤à¤• दिवसीय कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में सहà¤à¤¾à¤— कर जल के संरकà¥à¤·à¤£ और घटते जल सà¥à¤¤à¤° के विषय में विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ चरà¥à¤šà¤¾ की।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
ऋषिकेश, 15 जून। सरसंघचालक राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤µà¤¯à¤‚सेवक संघ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤‹à¤·à¤¿ मोहन à¤à¤¾à¤—वत à¤à¤µà¤‚ परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ ने नीर फाउंडेशन दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ‘à¤à¤¾à¤°à¤¤ के जल संसाधनः मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‡, चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ व समाधान’ विषय पर आयोजित à¤à¤• दिवसीय कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में सहà¤à¤¾à¤— कर जल के संरकà¥à¤·à¤£ और घटते जल सà¥à¤¤à¤° के विषय में विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ चरà¥à¤šà¤¾ की। माननीय à¤à¤¾à¤—वत, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी, सरदार वलà¥à¤²à¤ à¤à¤¾à¤ˆ पटेल कृषि à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¥Œà¤¦à¥à¤¯à¥‹à¤—िक विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ कà¥à¤²à¤ªà¤¤à¤¿ आर के मितà¥à¤¤à¤² , पूरà¥à¤µ कà¥à¤²à¤ªà¤¤à¤¿ चैधरी चरण सिंह विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ à¤à¤¨ के तनेजा ने दीप पà¥à¤°à¤œà¥à¤µà¤²à¤¿à¤¤ कर आज के कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का शà¥à¤à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ किया तथा ‘à¤à¤¾à¤°à¤¤ के जल संसाधनः मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‡, चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ व समाधान’ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• का विमोचन किया। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने à¤à¤¾à¤°à¤¤ के जल संसाधनः मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‡, चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ व समाधान’ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ करते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि समय आ गया है कि अब हम वरà¥à¤·à¤¾ का जल अधिक-से-अधिक संचयन करने की कोशिश करें, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि जल का कोई विकलà¥à¤ª नहीं है, इसकी à¤à¤•-à¤à¤• बूà¤à¤¦ अमूलà¥à¤¯ है; अमृत है इसलिये जल को सहेजना बहà¥à¤¤ ही आवशà¥à¤¯à¤• है। हम à¤à¤¾à¤µà¥€ पीà¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिये धन सहेजे या न सहेजे परनà¥à¤¤à¥ जल और परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ पर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देना अतà¥à¤¯à¤‚त आवशà¥à¤¯à¤• है। अगर अà¤à¥€ à¤à¥€ जल नहीं सहेजा गया तो हम और हमारी आगे आने वाली पीà¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ नहीं है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ ने कहा कि पिघलते गà¥à¤²à¥‡à¤¶à¤¿à¤¯à¤° और गà¥à¤²à¥‹à¤¬à¤² वारà¥à¤®à¤¿à¤— जल संकट की विà¤à¥€à¤·à¤¿à¤•à¤¾ को बयाठकर रहे हंै। निःसंदेह दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ विकास के मारà¥à¤— पर अगà¥à¤°à¤¸à¤° है, लेकिन कई शहरों में लोगों को सà¥à¤µà¤šà¥à¤› जल मिलना कठिन हो रहा है इसलिये जल आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ को जन आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ बनाना होगा। संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• नीर फाउंडेशन नदीपà¥à¤¤à¥à¤° रमन कानà¥à¤¤ और कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® समनà¥à¤µà¤¯à¤• नवीन पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ ने सà¤à¥€ विशिषà¥à¤Ÿ अतिथियों का आà¤à¤¾à¤° वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किया। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ ने सà¤à¥€ विशिषà¥à¤Ÿ अतिथियों और संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• नीर फाउंडेशन रमन कांत जी को रूदà¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· का पौधा à¤à¥‡à¤‚ट कर इस उतà¥à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿ कारà¥à¤¯ हेतॠसाधà¥à¤µà¤¾à¤¦ दिया।