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निदेशक इस्पात मंत्रालय द्वारा पौड़ी विकासखंड थलीसैंण के ग्राम बगेली, सलोनधार तथा सतपुली में मत्स्य विभाग की योजनाओं का निरीक्षण


निदेशक इस्पात मंत्रालय व केन्द्रीय नोडल अधिकारी अरूण कुमार तथा वैज्ञानिक राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान रूड़की अश्वनी रानाडे ने जल शक्ति अभियान ’कैच द रेन’ कार्योें के अन्तर्गत विकासखंड थलीसैंण के ग्राम बगेली, सलोनधार तथा सतपुली में मत्स्य विभाग की योजनाओं का निरीक्षण किया।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

पौड़ी/दिनांक 16 जून, 2022, निदेशक इस्पात मंत्रालय व केन्द्रीय नोडल अधिकारी अरूण कुमार तथा वैज्ञानिक राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान रूड़की अश्वनी रानाडे ने जल शक्ति अभियान ’कैच द रेन’ कार्योें के अन्तर्गत विकासखंड थलीसैंण के ग्राम बगेली, सलोनधार तथा सतपुली में मत्स्य विभाग की योजनाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने संबंधित अधिकारी को कार्यो में तेजी लाने के निर्देश दिये। कहा कि बन रहे तालाबोें में पानी एकत्रित होकर लोगों के लिए कृषि सिंचाई, बागवानी सहित विभिन्न कार्यो में उपयोग हो सकेगा। उन्होंने कहा कि समस्त नागरिकों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक होना चाहिए है। जिससे पानी की एक-एक बंूद उपयोग में लाया जा सकेगा। उन्होंने बीते बुधवार को पाबौ विकासखंड के भैंसवाड़ा में अमृत सरोवर का निरीक्षण भी किया। भारत सरकार द्वारा जल शक्ति अभियान हेतु नामित किये गये निदेशक व वैज्ञानिक राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान रूड़की ने बगेली में अमृत सरोवर(तालाब) तथा सलोनधार में मनरेगा कार्यो का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने जल संरक्षण के क्षेत्र में अन्य स्थानों में किये गये कार्यों की जानकारी भी ली। उन्होंने जल शक्ति अभियान, अमृत सरोवर योजना, जल स्त्रोत पुनर्जीवन, वर्षा जल संरक्षण, चाल-खाल आदि के संबंध में जानकारी लेते हुए सम्बधित अधिकारियों को योजना का प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि ’कैच द रेन’ जल संरक्षण अभियान को स्थानीय लोगों के सहयोग से ही सफल बनाया जा सकता है। साथ ही उन्होंने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से मुलाकात कर जल संरक्षण हेतु किये जा रहे कार्यो की जानकारी ली। इसके आलावा उन्होंने बीते बुधवार देर सांय को पाबौ विकासखंड के भैंसवाड़ा में अमृत सरोवर का निरीक्षण किया। उन्होंने वहां उपस्थित लोेगों को कैच द रैन की जानकारी दी। कहा कि वर्षा का जल तालाब में एकत्रित होकर उपयोग में लाया जा सकेगा। जिसके लिए स्थानीय निवासियों को भी पानी बचाने में अपना सहयोग देना चाहिए। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों के साथ वृक्षारोपण भी किया।

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