परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने अवधूत मंडल आशà¥à¤°à¤® में आयोजित à¤à¤—वान परशà¥à¤°à¤¾à¤® राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ शोध पर आधारित दो दिवसीय संगोषà¥à¤ ी के उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ सतà¥à¤° में सहà¤à¤¾à¤— किया। इस अवसर पर माननीय वरिषà¥à¤ सदसà¥à¤¯ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤µà¤¯à¤‚ सेवक संघ इनà¥à¤¦à¥à¤°à¥‡à¤¶ कà¥à¤®à¤¾à¤°, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ संतोषाननà¥à¤¦ महाराज, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ तà¥à¤²à¤¸à¥€ महाराज, नटवरलाल जोशी , नà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ रामजनà¥à¤®à¤à¥‚मि नà¥à¤¯à¤¾à¤¸, अयोधà¥à¤¯à¤¾ कामेशà¥à¤µà¤° चौपाल , संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• संरकà¥à¤·à¤• राÛ पÛ पÛ माननीय सà¥à¤¨à¥€à¤² à¤à¤°à¤¾à¤²à¤¾ , वरिषà¥à¤ अधिवकà¥à¤¤à¤¾ शिवपà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ मिशà¥à¤° , वरिषà¥à¤ समाजसेवी डा हरीश तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¤¾à¤ ी , उनके विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के कà¥à¤²à¤ªà¤¤à¤¿ और अनà¥à¤¯ विशिषà¥à¤Ÿ जन उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हà¥à¤¯à¥‡à¥¤
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
ऋषिकेश, 19 जून। परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने अवधूत मंडल आशà¥à¤°à¤® में आयोजित à¤à¤—वान परशà¥à¤°à¤¾à¤® राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ शोध पर आधारित दो दिवसीय संगोषà¥à¤ ी के उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ सतà¥à¤° में सहà¤à¤¾à¤— किया। इस अवसर पर माननीय वरिषà¥à¤ सदसà¥à¤¯ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤µà¤¯à¤‚ सेवक संघ इनà¥à¤¦à¥à¤°à¥‡à¤¶ कà¥à¤®à¤¾à¤°, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ संतोषाननà¥à¤¦ महाराज, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ तà¥à¤²à¤¸à¥€ महाराज, नटवरलाल जोशी , नà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ रामजनà¥à¤®à¤à¥‚मि नà¥à¤¯à¤¾à¤¸, अयोधà¥à¤¯à¤¾ कामेशà¥à¤µà¤° चौपाल , संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• संरकà¥à¤·à¤• राÛ पÛ पÛ माननीय सà¥à¤¨à¥€à¤² à¤à¤°à¤¾à¤²à¤¾ , वरिषà¥à¤ अधिवकà¥à¤¤à¤¾ शिवपà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ मिशà¥à¤° , वरिषà¥à¤ समाजसेवी डा हरीश तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¤¾à¤ ी , उनके विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के कà¥à¤²à¤ªà¤¤à¤¿ और अनà¥à¤¯ विशिषà¥à¤Ÿ जन उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हà¥à¤¯à¥‡à¥¤ इस संगोषà¥à¤ ी में à¤à¤—वान परशà¥à¤°à¤¾à¤® जी की समाज और राषà¥à¤Ÿà¥à¤° हेतॠसांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• देन, उनका समगà¥à¤° वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ, करà¥à¤®à¤à¥‚मि और तपोà¤à¥‚मि की खोज, यà¥à¤—ानà¥à¤•à¥à¤² पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिकता, अमà¥à¤¬à¤¾ पà¥à¤°à¤¸à¤‚ग, वैदिक व पौराणिक आधार पर उनका जीवन दरà¥à¤¶à¤¨, वैदिक संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के अपà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤® संरकà¥à¤·à¤• जैसे अनेक विषयों पर चितंन और मंथन किया जा रहा है। संगोषà¥à¤ ी को समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¿à¤¤ करते हà¥à¤¯à¥‡ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने कहा कि à¤à¤—वान परशà¥à¤°à¤¾à¤® शसà¥à¤¤à¥à¤° और शासà¥à¤¤à¥à¤° दोनों दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से महान थे। उनके पास अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯ की समापà¥à¤¤ करने के लिये परसा था तो नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ हेतॠपà¥à¤°à¤à¥ राम की दिवà¥à¤¯ शकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ थी। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ देश की माटी और थाती को पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤® करता हूà¤à¥¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤ की जनता की शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ को पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤®à¥¤ हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° में हो रहा यह समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ बहà¥à¤¤ महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ है। हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° में 12 वरà¥à¤· बाद पूरà¥à¤£ कà¥à¤®à¥à¤ और 6 वरà¥à¤· बाद अरà¥à¤¦à¥à¤§ कà¥à¤®à¥à¤ होता है। यहां पर सागर मंथन से अमृत निकला और फिर उस अमृत कलश से अमृत की कà¥à¤› बूंदे यहां गिरीं और आज à¤à¥€ लाखों-लाखों शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ यहां पर à¤à¤• डà¥à¤¬à¤•à¥€ और आचमन के लिये आते हंै। आज सागर मंथन की यातà¥à¤°à¤¾ सà¥à¤µà¤¯à¤‚ के मंथन की यातà¥à¤°à¤¾ बनें। इस देश में महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ हà¥à¤† लेकिन अब महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ नहीं बलà¥à¤•à¤¿ इसे महान à¤à¤¾à¤°à¤¤ बनाने की जरूरत है इसलिये परशà¥à¤°à¤¾à¤® जी के परशॠको फिर से परिà¤à¤¾à¤·à¤¿à¤¤ करने की जरूरत है। अब परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ का परशà¥; फरसा हम सà¤à¥€ अपने हाथ में ले लें तथा इससे परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ की रकà¥à¤·à¤¾ करें। आज हमारे कलà¥à¤šà¤°, नेचर और फà¥à¤¯à¥‚चर की रकà¥à¤·à¤¾ करना बहà¥à¤¤ जरूरी है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि हम वाटà¥à¤¸à¤…प जà¥à¤žà¤¾à¤¨ से वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• जà¥à¤žà¤¾à¤¨ की ओर बढ़े, à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ वाटà¥à¤¸à¤…प जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पर नहीं बलà¥à¤•à¤¿ ऋषियों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दिये गये जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पर आधारित है। आज जो छोटे-छोटे मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚ को लेकर हमारे समाज में जो हिंसा हो रही हैं उसकी à¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने निंदा की और कहा कि हिंसा धरà¥à¤® नहीं हो सकती। आज संवाद की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है, विवादों से दूर रहें और नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ में निषà¥à¤ ा रखते हà¥à¤¯à¥‡ संविधान में विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ रखे। यदि कोई समसà¥à¤¯à¤¾ है तो नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में जायें और समाधान पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करें।