वैदिक विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤¨à¤¶à¥à¤šà¤°à¥à¤¯à¤¾ पाठà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ का उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ परम शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¥‡à¤¯ आचारà¥à¤¯ बालकृषà¥à¤£ जी महाराज à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¥‹0 ईशà¥à¤µà¤° à¤à¤¾à¤°à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤œ जी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दीप पà¥à¤°à¤œà¥à¤œà¤µà¤²à¤¿à¤¤ कर किया गया। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ पतंजलि विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿-कà¥à¤²à¤ªà¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¥‹0 महावीर अगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤² जी ने किया। संकायाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· पूजà¥à¤¯à¤¾ साधà¥à¤µà¥€ देवपà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ जी ने शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¥‡à¤¯ आचारà¥à¤¯ बालकृषà¥à¤£ जी का à¤à¤µà¤‚ कà¥à¤²à¤¸à¤šà¤¿à¤µ व उप-कà¥à¤²à¤¸à¤šà¤¿à¤µ ने पà¥à¤°à¥‹0 ईशà¥à¤µà¤° à¤à¤¾à¤°à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤œ जी को पà¥à¤·à¥à¤ªà¤—à¥à¤šà¥à¤› देकर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° 19 जून पतंजलि विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में आज से वैदिक विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ पर आधारित पà¥à¤¨à¤¶à¥à¤šà¤°à¥à¤¯à¤¾ पाठà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का आयोजन किया जा रहा है जोकि 02 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ 2022 तक चलेगा। यहाठपर विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ विषयों पर आचारà¥à¤¯à¤—ण विदà¥à¤§à¤¤à¤¾à¤ªà¥‚रà¥à¤£ अपना वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨ देंगे। वैदिक विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤¨à¤¶à¥à¤šà¤°à¥à¤¯à¤¾ पाठà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ का उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ परम शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¥‡à¤¯ आचारà¥à¤¯ बालकृषà¥à¤£ जी महाराज à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¥‹0 ईशà¥à¤µà¤° à¤à¤¾à¤°à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤œ जी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दीप पà¥à¤°à¤œà¥à¤œà¤µà¤²à¤¿à¤¤ कर किया गया। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ पतंजलि विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿-कà¥à¤²à¤ªà¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¥‹0 महावीर अगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤² जी ने किया। संकायाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· पूजà¥à¤¯à¤¾ साधà¥à¤µà¥€ देवपà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ जी ने शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¥‡à¤¯ आचारà¥à¤¯ बालकृषà¥à¤£ जी का à¤à¤µà¤‚ कà¥à¤²à¤¸à¤šà¤¿à¤µ व उप-कà¥à¤²à¤¸à¤šà¤¿à¤µ ने पà¥à¤°à¥‹0 ईशà¥à¤µà¤° à¤à¤¾à¤°à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤œ जी को पà¥à¤·à¥à¤ªà¤—à¥à¤šà¥à¤› देकर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया। वैदिक विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤¨à¤¶à¥à¤šà¤°à¥à¤¯à¤¾ कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ में अपने उदà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ में परम शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¥‡à¤¯ आचारà¥à¤¯ बालकृषà¥à¤£ जी महाराज ने कहा कि आज पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• दिन सà¤à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को अपने आप को रिफà¥à¤°à¥‡à¤¶ करने की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है तà¤à¥€ उस वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ का वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ उà¤à¤°à¤•à¤° सामने आयेगा। वैसे तो पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ काल में योग दरà¥à¤¶à¤¨ विषय का à¤à¤• अंग होता था और उसे दरà¥à¤¶à¤¨ विषय के साथ ही पà¥à¤¾à¤¯à¤¾ जाता था मगर आज योग à¤à¤µà¤‚ दरà¥à¤¶à¤¨ अलग-अलग विषय हैं यह सब इसलिठसंà¤à¤µ हो पाया है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि समय-समय पर विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ ने इन विषयों को रिफà¥à¤°à¥‡à¤¶ करने का कारà¥à¤¯ किया। पतंजलि विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ वैदिक संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ पर आधारित à¤à¤• संसà¥à¤¥à¤¾ है इसलिठइस कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ का आयोजन कर सà¤à¥€ सहà¤à¤¾à¤—ी शिकà¥à¤·à¤•à¥‹à¤‚ को नूतन जà¥à¤žà¤¾à¤¨ की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ का अवसर यहाठपर पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किया जा रहा है। जब से हम वैदिक जà¥à¤žà¤¾à¤¨ अपनी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के मूल सिदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¥‹à¤‚ से दूर हà¥à¤ हंै तब से मानव विचारों में व वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° में निमà¥à¤¨à¤¤à¤¾ आती जा रही है। आज हमारे बीच में जो लोग आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ करते हंै वह अधिकतर पढे़ लिखे जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ ही होते हंै। à¤à¤¸à¤¾ वे अपने संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚, अपनी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿, अपने वैदिक जà¥à¤žà¤¾à¤¨ से दूरी के कारण करता है। महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ जी ने कहा है कि जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने के लिठजब विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ निकलता है तब तक उसके सामने अनेक पथ होते हंै मगर जो वह विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ दृढता से वैदिक जà¥à¤žà¤¾à¤¨ के पथ का अनà¥à¤¸à¤°à¤£ करता है वह सदैव अपने मंजिल तक पहà¥à¤à¤šà¤¤à¤¾ है। वैसे तो हमारी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ कà¤à¥€ à¤à¥€ संचय करने पर विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ नहीं रखती, हमारी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ सदैव जà¥à¤žà¤¾à¤¨ को बाà¤à¤Ÿà¤¨à¥‡ पर आधारित है। इसी कà¥à¤°à¤® में पतंजलि विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ वैदिक विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤¨à¤·à¥à¤šà¤°à¥à¤¯à¤¾ पाठà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® को आयोजित कर रहा है ताकि सà¤à¥€ इसका लाठउठा सकें।