निरंकारी सदà¥à¤—à¥à¤°à¥ माता सà¥à¤¦à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾ जी महाराज ने कहा है कि पà¥à¤°à¥‡à¤®, शांति और सदà¥à¤à¤¾à¤µ से जीना ही à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने रविवार को हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°Â सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ ऋषिकà¥à¤² मैदान में आयोजित विशाल निरंकारी संत समागम को संबोधित किया। समागम में उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ जिलों समेत वेसà¥à¤Ÿ यूपी से बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ पहà¥à¤‚चे।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° । निरंकारी सदà¥à¤—à¥à¤°à¥ माता सà¥à¤¦à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾ जी महाराज ने कहा है कि पà¥à¤°à¥‡à¤®, शांति और सदà¥à¤à¤¾à¤µ से जीना ही à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने रविवार को हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°Â सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ ऋषिकà¥à¤² मैदान में आयोजित विशाल निरंकारी संत समागम को संबोधित किया। समागम में उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ जिलों समेत वेसà¥à¤Ÿ यूपी से बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ पहà¥à¤‚चे। देर शाम आयोजित समागम में सदà¥à¤—à¥à¤°à¥ माता सà¥à¤¦à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾ जी महाराज ने कहा कि जब जीवन में परमातà¥à¤®à¤¾ की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ बà¥à¤°à¤¹à¤®à¤œà¥à¤žà¤¾à¤¨ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ हो जाती है तो फिर हर -पल परमातà¥à¤®à¤¾ का अहसास करना संà¤à¤µ हो जाता है। à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ सहज रूप में हो जाती है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि संत हमेशा दूसरों को सà¥à¤– पहà¥à¤‚चाने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करते हैं। कठोर वचनों को à¤à¥€ सहजता से सह लेते हैं। अपने अनà¥à¤¦à¤° नफरत का à¤à¤¾à¤µ नहीं पनपने देते। संत शीतल जल के समान होते हैं, जहां à¤à¥€ जाते हैं वहां ठंडक पहà¥à¤‚चाते हैं। बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤œà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥€ संत- महातà¥à¤®à¤¾à¤“ं का संग मानव जीवन को पà¥à¤°à¥‡à¤®, दया, करà¥à¤£à¤¾, विशालता, सहनशीलता, नमà¥à¤°à¤¤à¤¾, सहजता जैसे अनेक दैवीय गà¥à¤£à¥‹à¤‚ से à¤à¤° देता है। जब मनà¥à¤·à¥à¤¯ à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ में लीन हो जाता है तो फिर वह किसी से नफरत नहीं करता। फिर कोई किसी को चोट नहीं पहà¥à¤‚चाता। बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤œà¥à¤žà¤¾à¤¨ कोई à¤à¤¸à¥€ चीज नहीं जिसको बस केवल संà¤à¤¾à¤² कर रखना है, बलà¥à¤•à¤¿ इसको हर पल अपने जीवन में इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करना सदà¥à¤—à¥à¤°à¥ माता सà¥à¤¦à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾Â जी महाराज ने अपने पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨ में कहा कि ये तन परमातà¥à¤®à¤¾ की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ के लिठहै और अपनी पहचान à¤à¥€ परमातà¥à¤®à¤¾ की पहचान के बाद की जा सकती है। जब ये आतà¥à¤®à¤¾ शरीर में नहीं रहेगी तो जीवन खतà¥à¤® होने पर संà¤à¤µ नहीं है कि परमातà¥à¤®à¤¾ की जानकारी की जा सके। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि परमातà¥à¤®à¤¾ की आवशà¥à¤¯à¤• है। जानकारी से जो à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤°à¤¾ जीवन होता है, वह केवल इस मनà¥à¤·à¥à¤¯ जीवन में किया जा सकता है। परमातà¥à¤®à¤¾ की जानकारी के बाद वह सà¤à¥€ कारà¥à¤¯ आसान हो जाते हैं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि हर कारà¥à¤¯ करते हà¥à¤ हर सांस इस पà¥à¤°à¤à¥ परमातà¥à¤®à¤¾ का ही अहसास बना रहता है। उसके पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ परमातà¥à¤®à¤¾ सबकी à¤à¤²à¤¾à¤ˆ के लिठइस शरीर से कारà¥à¤¯ करा लेता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि जब हम सतà¥à¤µà¤°à¤‚ग में आते हैं, महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ की बातों पर गौर करते हैं तो हम कहां खड़े हैं, इसका हमें पता चलता है। फिर अपने जीवन को संतमति के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° मोड़ कर अपने अंदर गà¥à¤£ अपना लेते हैं। सदà¥à¤—à¥à¤°à¥ माता ने कहा कि परमातà¥à¤®à¤¾ हमारे अंग-संग खड़े हैं, मगर हमें खà¥à¤¦ को सही रासà¥à¤¤à¥‡ पर रखने के लिठसतà¥à¤¸à¤‚ग आवशà¥à¤¯à¤• है - à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ के लिठलंगर और पà¥à¤¯à¤¾à¤Š विशेष वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ कोविड की वजह से दो साल बाद हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° में समागम हà¥à¤†à¥¤ समागम में कोरोनाकाल में निरंकारी à¤à¤µà¤¨ में वैकà¥à¤¸à¥€à¤¨ शिविर की सराहना की गई। समागम में हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°, सहारनपà¥à¤°, टिहरी, पौड़ी, उतà¥à¤¤à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¥€ और देहरादून से बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में संतों और à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ ने पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤— किया। पूरा पंडाल खचाखच à¤à¤°à¤¾ रहा। इस दौरान à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ के लिठलंगर और पà¥à¤¯à¤¾à¤Š की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ की गई। पारà¥à¤•à¤¿à¤‚ग की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ के लिठà¤à¤•à¥à¤¤ खà¥à¤¦ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ बना रहे थे। इस दौरान दिलà¥à¤²à¥€ से आठउपमà¥à¤–à¥à¤¯ सहायक, मिशन के पदाधिकारी, मीडिया टीम और समसà¥à¤¤ सेवा दल के साथ साथ समसà¥à¤¤ सेवा दल मौजूद रहे टà¥à¤°à¥ˆà¤«à¤¿à¤• की सेवा की पà¥à¤²à¤¿à¤¸ à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ की टीमें à¤à¥€ मौजूद रही।