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हरिद्वार के प्रणव गौनियाल ने लेफ्टिनेंट के पद पर भारतीय सेना के मेडिकल ऑफिसर बनने पर हरिद्वार का एवं गांव का सम्मान बढ़ाया


रानीपुर स्थित शिवलोक कॉलोनी निवासी प्रणव गौनियाल के भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर मेडिकल आफिसर बनकर कमीशनिंग लेने पर शहर का तथा गांव का मान बढ़ाया है। प्रणव के पिता ओ पी गौनियाल,पन्नालाल भल्ला म्यु इंटर कॉलेज हरिद्वार के प्रधानाचार्य तथा माता श्रीमती आरती गौनियाल, राजकीय विद्यालय की प्रधानाध्यापिका है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार के रानीपुर स्थित शिवलोक कॉलोनी निवासी प्रणव गौनियाल के भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर मेडिकल आफिसर बनकर कमीशनिंग लेने पर शहर का तथा गांव का मान बढ़ाया है। प्रणव के पिता ओ पी गौनियाल,पन्नालाल भल्ला म्यु इंटर कॉलेज हरिद्वार के प्रधानाचार्य तथा माता श्रीमती आरती गौनियाल, राजकीय विद्यालय की प्रधानाध्यापिका है। मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर(डांडा मंडल) क्षेत्र के ग्राम कचुन्डा के प्रणव ने अपनी हायर सेकंडरी तक की शिक्षा जीवविज्ञान विषय से सैंट मैरी हायर सेकेंडरी स्कूल, ज्वालापुर, हरिद्वार से उत्तीर्ण की। उसके पश्चात नीट की परीक्षा में सफल होने के बाद ऑल इंडिया की रैंकिंग में स्थान पाने पर आर्म्ड फोर्स मेडिकल कॉलेज, AFMC पुणे से एम बी बी एस की डिग्री तथा सेना का प्रशिक्षण पूरा कर के भारतीय सेना में मेडिकल कोर की पासिंग आउट परेड में लेफ्टिनेंट के पद पर मेडिकल आफिसर के रूप में पूर्णकालिक कमीशनिंग लेकर शामिल हुए। प्रणव का कहना है कि उनका पूरा परिवार शिक्षा के क्षेत्र में ही कार्यरत है, किंतु उनके बचपन से ही दो सपने थे, कि या तो भारतीय सेना में अधिकारी बनना है, या डॉक्टर के रूप में समाज सेवा करनी है। यह दोनों ही सपने उनके एक साथ साकार हुए, जो भारतीय सेना में डॉक्टर के रूप में चयन होकर पूर्ण हुआ। उनका कहना है कि मजबूत इच्छाशक्ति के साथ ही देश सेवा व समाज सेवा का यदि लक्ष्य हो तो उसे मेहनत व लगन से ही प्राप्त किया जा सकता है। कड़ा अनुशासन व ध्येय प्राप्त करने के लिए समर्पण आवश्यक है। उनके लक्ष्य प्राप्ति में उनकी दोनों बड़ी बहिनों, जो एक कंप्यूटर इंजीनियर बेंगलुरु में सेवारत है तथा दूसरी छोटी बहिन जो अमेरिका से गणित विषय में पी एच डी कर रही हैं तथा उसी यूनिवर्सिटी में अध्यापन भी कर रही है, उनका मार्गदर्शन ही प्रेरणास्रोत रहा है। इसके अलावा प्रणव ने अपनी इस कामयाबी के पीछे अपने दादा जी स्व० श्री बृजमोहन गौनियाल, जो सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक रहे एवं दादी स्व० श्रीमती शोभा देवी, जो साक्षात देवी तुल्य थी उनका आशीर्वाद एवं माता जी पिता जी तथा गुरुजनों की प्रेरणा को अपनी कामयाबी का श्रेय देते हैं। प्रणव की इस कामयाबी की खुशी पर सभी रिश्तेदारों, परिवार के सदस्यों, शिक्षक परिवार के साथियों तथा उनके दोस्तों द्वारा बधाइयां एवं शुभकामनाएं दी गई, एवं खुशी में मिठाइयां बांटी गई।

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