माघ मेला पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤— । सदाननà¥à¤¦ ततà¥à¤¤à¥à¤µà¤œà¥à¤žà¤¾à¤¨ परिषदॠके पà¥à¤²à¥‰à¤Ÿ नं 91 सेकà¥à¤Ÿà¤° नं 2 सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ पणà¥à¤¡à¤¾à¤²à¤®à¥‡à¤‚ चलरहे सतà¥à¤¸à¤‚ग कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में सनà¥à¤¤ जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ सदाननà¥à¤¦ जी परमहंस के शीषà¥à¤¯ महातà¥à¤®à¤¾ दशरथ जी ने कहा।
रिपोर्ट - ऑल नà¥à¤¯à¥‚ज़ à¤à¤¾à¤°à¤¤
दि0 20 जनवरी, माघ मेला पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤— । सदाननà¥à¤¦ ततà¥à¤¤à¥à¤µà¤œà¥à¤žà¤¾à¤¨ परिषदॠके पà¥à¤²à¥‰à¤Ÿ नं 91 सेकà¥à¤Ÿà¤° नं 2 सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ पणà¥à¤¡à¤¾à¤²à¤®à¥‡à¤‚ चलरहे सतà¥à¤¸à¤‚ग कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में सनà¥à¤¤ जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ सदाननà¥à¤¦ जी परमहंस के शीषà¥à¤¯ महातà¥à¤®à¤¾ दशरथ जी ने कहा, जप-तप-बà¥à¤°à¤¤-नियम-धà¥à¤¯à¤¾à¤¨-साधना-पूजा-आराधना-à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿-सेवा इसलिये किया जाता है कि जिससे हमारे जीवन का लकà¥à¤·à¥à¤¯ परमपà¥à¤°à¤à¥ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हो जाये ताकि हमारा जीवन मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿-अमरता से यà¥à¤•à¥à¤¤ à¤à¤—वदमय हो जाये। जिस साधना से, जिस गà¥à¤°à¥ से हमारे कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ के बजाय पतन-विनाश हो जाये à¤à¤¸à¥‡ साधना और à¤à¤¸à¥‡ गà¥à¤°à¥ को सरà¥à¤µà¤¥à¤¾ छोड़ देना चाहिये । उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ कहा आजकल à¤à¤¸à¥‡ बहà¥à¤¤ गà¥à¤°à¥à¤œà¥€ लोग मिलते हो जो अपने शिषà¥à¤¯Â को सोऽहठसाधना कराते हो। वे सोऽहठको ही परमातà¥à¤®à¤¾ मानते हो । सनà¥à¤¤ जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° जी का सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ कहना है कि à¤à¤¸à¤¾ करके वे गà¥à¤°à¥ जी लोग अपने शिषà¥à¤¯Â के दà¥à¤°à¥à¤²à¤ व अनमोल मानव जीवन को पतन विनाश में धकेल रहे हो । महातà¥à¤®à¤¾ जी ने कहा कि सोऽहठपरमातà¥à¤®à¤¾ तो है ही नहीं विशà¥à¤¦à¥à¤§à¤¤à¤ƒ आतà¥à¤®à¤¾ à¤à¥€ नहीं है । सोऽहठघोर पतन के तरफ लेजाने वाली शà¥à¤µà¤¾à¤à¤¸ और निःशà¥à¤µà¤¾à¤à¤¸ के माधà¥à¤¯à¤® से सहज à¤à¤¾à¤µ से होते-रहने वाली सहज सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ है, आतà¥à¤®à¤¾ का कà¥à¤°à¤®à¤¶à¤ƒ जीव-शरीर-संसारमय होते-रहने वाली पतनोनà¥à¤®à¥à¤–ी सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ है यानी विनाश को ले जाने वाली सहज सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ है । सोऽहठतो योग की कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¥€ नहीं है इसे ही ‘ततà¥à¤¤à¥à¤µà¤œà¥à¤žà¤¾à¤¨â€™ कह देना तो घोर अजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¤à¤¾ की बात है । ततà¥à¤¤à¥à¤µà¤œà¥à¤žà¤¾à¤¨ तो वह है जिसमे जीव à¤à¤µà¤‚ आतà¥à¤®à¤¾-ईशà¥à¤µà¤° और परमातà¥à¤®à¤¾-परमेशà¥à¤µà¤° तीनों का अलग-अलग जानकारी, साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥ दरà¥à¤¶à¤¨ और बात-चीत सहित उनके विराटरूप का à¤à¥€ वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• दरà¥à¤¶à¤¨ व मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿-अमरता का साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥ बोध पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होता है ।