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ब्रेकिंग प्वाइंट से मेंकिग प्वाइंट की यात्रा - स्वामी चिदानन्द सरस्वती


परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती से नीर फाउंडेशन के संस्थापक नदीपुत्र रमन कान्त और उनकी पूरी टीम ने भेंट कर शिवालय से जलाशय की यात्रा प्रोजेक्ट के ग्राउंड प्लान और ग्रांड प्लान पर विस्तृत चर्चा की।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

ऋषिकेश, 30 जून। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती से नीर फाउंडेशन के संस्थापक नदीपुत्र रमन कान्त और उनकी पूरी टीम ने भेंट कर शिवालय से जलाशय की यात्रा प्रोजेक्ट के ग्राउंड प्लान और ग्रांड प्लान पर विस्तृत चर्चा की। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने शिवालय से जलाशय की यात्रा प्रोजेक्ट के विषय में जानकारी देते हुये बताया कि नीलकंठ पैदल यात्रा मार्ग पर वन विभाग के सहयोग एवं अनुज्ञा के बाद इस प्रोजेक्ट को पायलट प्रोजेक्ट प्रथम फेज के रूप में लागू करने का प्लान बनाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत छोटे व बड़े जलाशयों का निर्माण किया जायेगा तथा उस ऐरिया में जलदार पौधों का रोपण भी किया जायेगा ताकि ग्राउंड वाटर का बेस फ्लो बना रहे और बढ़ता भी रहे, जिससे जंगली जीवों को जल की कमी का सामना न करना पड़े। जहां पर माइक्रो और मेगा वाटर बाडी स्ट्रक्चर बनाये जायेंगे उसके आस-पास में जो वेस्ट वाटॅर है उसे लोकल तकनीक व जल स्वच्छ करने वाले पौधों का रोपण कर स्वच्छ किया जायेगा। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से समाज और सरकार साथ मिलकर स्वच्छ ईको सिस्टम को डेवलप कर अपनी धरा को सुरक्षित करने हेतु कार्य किया जा रहा हैं। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि शिवालय से जलाशय की यात्रा शिवाभिषेक से जलाभिषेक और हाथों से हाथियों तक की यात्रा है। जिसके अन्तर्गत पायलट प्रोजेक्ट नम्बर वन में नीलकंठ पैदल मार्ग, दूसरे नम्बर पर चंड़ी देवी और मंसा देवी पैदल मार्ग, हरिद्वार, तीसरे नम्बर पर केदारनाथ और नंदा देवी तथा अगला गंगोत्री मार्ग पर इस प्रोजेक्ट को लागू किये जाने की योजना है। स्वामी जी ने कहा कि यह हमारी यात्रा ब्रेकिंग प्वाइंट से मेंकिग प्वाइंट की यात्रा है।

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