विशà¥à¤µ जूनोसिस दिवस के अवसर सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ विà¤à¤¾à¤— दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ का आयोजन कर जानवरों से पैदा होने वाली बीमारी के बारे में जागरूक किया गया। विदित है कि हर वरà¥à¤· 6 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ का दिन विशà¥à¤µ जूनोसिस दिवस के रूप में मनाया जाता है।
रिपोर्ट - अंजना à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ घिलà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤²
चमोली 06 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ,2022, विशà¥à¤µ जूनोसिस दिवस के अवसर सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ विà¤à¤¾à¤— दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ का आयोजन कर जानवरों से पैदा होने वाली बीमारी के बारे में जागरूक किया गया। विदित है कि हर वरà¥à¤· 6 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ का दिन विशà¥à¤µ जूनोसिस दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उदेशà¥à¤¯ उन बीमारियों पर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ डालना है, जो जानवरों से पैदा होकर मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ में फैल सकती है। इस वरà¥à¤· ‘‘लेटà¥à¤¸ बà¥à¤°à¥‡à¤• द चेन ऑफ़ जूनोटिक टà¥à¤°à¤¾à¤‚समिशन’’ की थीम के साथ विशà¥à¤µ जूनोसिस दिवस पर जागरूकता कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® आयोजित किठगà¤à¥¤ मà¥à¤–à¥à¤¯ चिकितà¥à¤¸à¤¾ अधिकारी कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में आयोजित कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ में पà¥à¤°à¤à¤¾à¤°à¥€ मà¥à¤–à¥à¤¯ चिकितà¥à¤¸à¤¾ अधिकारी डा. उमा रावत ने कहा कि पशà¥-पकà¥à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से लोगों को काफी पà¥à¤°à¥‡à¤® रहता है। खासकर लोग गाय, कà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¾, बिलà¥à¤²à¥€, चूहे, पकà¥à¤·à¥€, मछलियां आदि जानवर पालने के शौकीन होते है। इनका पूरा खà¥à¤¯à¤¾à¤² रखते है। मगर थोडी असावधानी आपको या अपकी वजह से आपके पालतू जानवर को गमà¥à¤à¥€à¤° या बेहद गमà¥à¤à¥€à¤° बीमारी का शिकार बना सकती है। विशà¥à¤µ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€à¤œà¤¨à¥à¤¯ दिवस (जूनोसिस डे) à¤à¤¸à¥€ बिमारियों के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जागरूकता फैलाने के उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ से मनाया जाता है। जो जानवरों से मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ में और फिर मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ से जानवरों में फैलते है। मोटे तौर पर समà¤à¤¾à¤¯à¤¾ जाठतो जूनोटिक रोग वे संकà¥à¤°à¤¾à¤®à¤• रोग होते हैं जो जानवरों से मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ और मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ से जानवरों में फैलते हैं, तो इसे रिवरà¥à¤¸ जूनोसिस कहा जाता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि जूनोटिक रोग बैकà¥à¤Ÿà¥€à¤°à¤¿à¤¯à¤¾, वायरस, फफंूद अथवा परजीवी किसी à¤à¥€ रोग कारक से हो सकते है। जूनोटिक रोगों में रेबीज, सà¥à¤µà¤¾à¤ˆà¤¨-फà¥à¤²à¥‚, ईबोला, निपा, सालमोनेलोसिस, लेपà¥à¤Ÿà¥‹à¤¸à¥à¤ªà¤¾à¤‡à¤°à¥‹à¤¸à¤¿à¤¸, वेसà¥à¤Ÿ नाइल कà¥à¤› इसके उदाहरण हैं। पà¥à¤°à¤à¤¾à¤°à¥€ सीà¤à¤®à¤“ डा0 रावत बताती हैं कि जूनोसिस रोगों की रोकथाम à¤à¤µà¤‚ नियतà¥à¤°à¤‚ण हेतॠउचित सà¥à¤µà¤šà¥à¤›à¤¤à¤¾ बनाठरखना जरूरी है। जानवरों के संपरà¥à¤• में आने के बाद अपने हाथ धोना, जूनोटिक रोगों के सामà¥à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° को कम कर सकता है। बिना पका हà¥à¤† à¤à¥‹à¤œà¤¨ ना करें। अगर आपके पास जानवर है तो उनकी देखà¤à¤¾à¤² करें। उनकी नियमित जॉंच करवायें। जानवरों को छूने या उनके साथ खेलने के बाद अपने हाथों को साबà¥à¤¨ से अचà¥à¤›à¥€ तरह से धोयें। पालतू जानवरांे को समय पर जरूरी वैकà¥à¤¸à¥€à¤¨ लगायें। जानवरों के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ छà¥à¤ à¤à¤µà¤‚ चाटे गये या सूघे गठखादà¥à¤¯ पदारà¥à¤¥à¥‹à¤‚ का सेवन ना करें।