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चमोली में जानवरों से पैदा होने वाली बीमारी के बारे में जागरूक किया


विश्व जूनोसिस दिवस के अवसर स्वास्थ्य विभाग द्वारा कार्यशाला का आयोजन कर जानवरों से पैदा होने वाली बीमारी के बारे में जागरूक किया गया। विदित है कि हर वर्ष 6 जुलाई का दिन विश्व जूनोसिस दिवस के रूप में मनाया जाता है।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

चमोली 06 जुलाई,2022, विश्व जूनोसिस दिवस के अवसर स्वास्थ्य विभाग द्वारा कार्यशाला का आयोजन कर जानवरों से पैदा होने वाली बीमारी के बारे में जागरूक किया गया। विदित है कि हर वर्ष 6 जुलाई का दिन विश्व जूनोसिस दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उदेश्य उन बीमारियों पर प्रकाश डालना है, जो जानवरों से पैदा होकर मनुष्यों में फैल सकती है। इस वर्ष ‘‘लेट्स ब्रेक द चेन ऑफ़ जूनोटिक ट्रांसमिशन’’ की थीम के साथ विश्व जूनोसिस दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में आयोजित कार्यशाला में प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. उमा रावत ने कहा कि पशु-पक्षियों से लोगों को काफी प्रेम रहता है। खासकर लोग गाय, कुत्ता, बिल्ली, चूहे, पक्षी, मछलियां आदि जानवर पालने के शौकीन होते है। इनका पूरा ख्याल रखते है। मगर थोडी असावधानी आपको या अपकी वजह से आपके पालतू जानवर को गम्भीर या बेहद गम्भीर बीमारी का शिकार बना सकती है। विश्व प्राणीजन्य दिवस (जूनोसिस डे) ऐसी बिमारियों के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। जो जानवरों से मनुष्यों में और फिर मनुष्यों से जानवरों में फैलते है। मोटे तौर पर समझाया जाए तो जूनोटिक रोग वे संक्रामक रोग होते हैं जो जानवरों से मनुष्यों और मनुष्यों से जानवरों में फैलते हैं, तो इसे रिवर्स जूनोसिस कहा जाता है। उन्होंने बताया कि जूनोटिक रोग बैक्टीरिया, वायरस, फफंूद अथवा परजीवी किसी भी रोग कारक से हो सकते है। जूनोटिक रोगों में रेबीज, स्वाईन-फ्लू, ईबोला, निपा, सालमोनेलोसिस, लेप्टोस्पाइरोसिस, वेस्ट नाइल कुछ इसके उदाहरण हैं। प्रभारी सीएमओ डा0 रावत बताती हैं कि जूनोसिस रोगों की रोकथाम एवं नियत्रंण हेतु उचित स्वच्छता बनाए रखना जरूरी है। जानवरों के संपर्क में आने के बाद अपने हाथ धोना, जूनोटिक रोगों के सामुदायिक प्रसार को कम कर सकता है। बिना पका हुआ भोजन ना करें। अगर आपके पास जानवर है तो उनकी देखभाल करें। उनकी नियमित जॉंच करवायें। जानवरों को छूने या उनके साथ खेलने के बाद अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह से धोयें। पालतू जानवरांे को समय पर जरूरी वैक्सीन लगायें। जानवरों के द्वारा छुए एवं चाटे गये या सूघे गए खाद्य पदार्थों का सेवन ना करें।

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