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कांवड़ मेला-2022 के सफल आयोजन हेतु सीमावर्ती जनपदों के जिलाधिकारियों एवं वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ एक बैठक


सुशील कुमार, आयुक्त गढ़वाल मण्डल की अध्यक्षता में बुधवार को डामकोठी में कांवड़ मेला-2022 के सफल आयोजन हेतु सीमावर्ती जनपदों के जिलाधिकारियों एवं वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित हुई।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार: सुशील कुमार, आयुक्त गढ़वाल मण्डल की अध्यक्षता में बुधवार को डामकोठी में कांवड़ मेला-2022 के सफल आयोजन हेतु सीमावर्ती जनपदों के जिलाधिकारियों एवं वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित हुई। बैठक में जिलाधिकारी श्री विनय शंकर पाण्डेय ने प्रस्तुतीकरण देते हुये आगामी 14 जुलाई से 27 जुलाई,2022 तक चलने वाले कांवड़ मेले के सम्बन्ध में विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि दो वर्षों से कोविड-19 के कारण कांवड़ यात्रा नहीं हो पा रही थी। उन्होंने वर्ष 2019 में हुई कांवड़ यात्रा के विभिन्न पहलुओं की जानकारी भी बैठक में साक्षा की तथा किस राज्य से तथा कितनी संख्या में यात्री यहां आते हैं, के सम्बन्ध में भी अवगत कराया। उन्होंने कांवड़ की ऊंचाई के सम्बन्ध में बताया कि कांवड़ की अधिक से अधिक ऊंचाई सात फीट होनी चाहिये, ताकि वह कांवड़, यात्रा में व्यवधान उत्पन्न न करे। उन्होंने बताया कि इस वर्ष कांवड़ियों की संख्या चार करोड़ के लगभग हो सकती है, जिनमें से अधिकतर युवा कांवड़िये होंगे, जिसको देखते हुये सारी व्यवस्थायें की जा रही हैं। बैठक में सीमावर्ती जनपदों के अधिकारियों के साथ बार्डर में किस तरह की रणनीति अपनाई जाये कि कांवड़ यात्रा का सकुशल संचालन काफी अच्छे ढंग से हो सके, के सम्बन्ध में विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत विचार-विमर्श हुआ, जिसमें सीमावर्ती जनपदों से आये हुये अधिकारियों ने अपने अनुभवों को साझा करते हुये कांवड़ यात्रा के सफल संचालन के लिये अपने महत्वपूर्ण सुझाव भी दिये। श्री सुशील कुमार, आयुक्त गढ़वाल मण्डल ने बैठक में सीमावर्ती जनपदों के अधिकारियों से कहा कि जो भी कांवड़ यात्री आपके जनपद से हरिद्वार की ओर प्रस्थान करेंगे, तो उनकी एक सूची जरूर तैयार कर ली जाये तथा उसकी जानकारी सभी को आपस में दी जाये, जिससे आकस्मिकता के समय काफी मदद मिल सकती है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण एक बड़ी चुनौती है, इसलिये इस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आस्था के साथ-साथ अन्य पहलुओं का भी पूरा ध्यान रखा जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि दुकानों में कोई भी ऐसी चीज की बिक्री नहीं होनी चाहिये, जिसे हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, ऐसी वस्तुआंे की बिक्री पर पूरी तरह से रोक होनी चाहिये। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार डॉ0 योगेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि जो भी कांवड़िये यात्रा पर निकलें तो वे अपने साथ कोई न कोई पहचान पत्र अवश्य लेकर चलें तथा रोड साइड की जितनी भी दुकानें हैं, वे अपनी ओरेजनल आईडी जरूर रखें। जिलाधिकारी हरिद्वार ने बैठक में कावंड़ यात्रा के दौरान प्रयोग किये जाने वाले जुगाड़ वाहनों का जिक्र करते हुये कहा कि इनसे यात्रा के दौरान काफी व्यवधान पैदा होता है। इस पर गढ़वाल मण्डलायुक्त ने कहा कि इस पर रोक होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि जुगाड़ वाहनों का प्रयोग न किया जाये, के सम्बन्ध में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये। बैठक में सीमावर्ती जनपदों से लेकर हरिद्वार तक किस तरह का ट्रैफिक प्लान होगा, के सम्बन्ध में भी विस्तृत विचार-विमर्श हुआ।

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