Latest News

समय का आह्वान - एक विधान, एक निशान और एक प्रधान - स्वामी चिदानन्द सरस्वती


उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद पौड़ी तीरथ सिंह रावत परमार्थ निकेतन पधारे। उन्होंने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती से भेंट कर आशीर्वाद लिया तथा विभिन्न समसामयिक विषयों पर चर्चा की। इस अवसर पर पूर्व राज्य मंत्री विरेन्द्र सिंह भी उपस्थित थे।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

ऋषिकेश, 6 जुलाई। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद पौड़ी तीरथ सिंह रावत परमार्थ निकेतन पधारे। उन्होंने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती से भेंट कर आशीर्वाद लिया तथा विभिन्न समसामयिक विषयों पर चर्चा की। इस अवसर पर पूर्व राज्य मंत्री विरेन्द्र सिंह भी उपस्थित थे। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य आध्यात्मिकता व पौराणिकता के साथ ही नैसर्गिक सुंदरता से युक्त है। हमारे राज्य में कहीं ऊँची- ऊँची पर्वत श्रृंखलायें हैं तो कहीं मखमली बुग्याल पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। साथ ही सुदूरवर्ती पर्वतों के मध्य प्राकृतिक रूप से निर्मित झीलें पर्यटकों को स्वर्ग सा अनुभव कराती है। यह राज्य पर्यटन के साथ तीर्थाटन का भी केन्द्र है। इस दिव्य भूमि को प्लास्टिक और प्लास्टिक अपशिष्ट से मुक्त रखने के लिये हम सभी को मिलकर कार्य करना होगा। स्वामी जी ने कहा कि प्लास्टिक प्रदूषण को दूर करने के लिये सिंगल यूज वाले प्लास्टिक बैग पर रोक लगाना, प्लास्टिक के उत्पादन एवं वितरण पर नियंत्रण करना आज की सबसे बड़ी जरूरत है, जिसके लिये सरकार अपना कार्य कर रही हैं परन्तु अब समाज की बारी है क्योंकि हमारी संस्कृति ‘उपयोग करना और फेंकना’ वाली नहीं है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि ’’आज भारत के लिये गर्व का दिवस है क्योंकि आज एक विधान, एक निशान और एक प्रधान को साकार करने हेतु अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले डाॅ श्यामाप्रसाद मुखर्जी जी की जयंती है।’’ श्री मुखर्जी ने भारत की एकता, अखंडता और विकास के लिये स्वयं को भारत माता की सेवा में समर्पित कर दिया था, आज उनके जन्म दिवस पर उनकी देशभक्ति, निष्ठा और दृढ़ संकल्प को नमन और भावभीनी श्रद्धाजंलि। उन्होंने अध्यात्मवाद, मानवतावाद और वैज्ञानिकता के आधार पर देश के विकास पर जोर दिया। उनका मानना था कि मानव सेवा ही ईश्वर की सेवा है।

Related Post