सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ ने कहा कि शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ माह में à¤à¤¾à¤°à¥€ संखà¥à¤¯à¤¾ में शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ ऋषिकेश और हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° माठगंगा और à¤à¤—वान शिव का दरà¥à¤¶à¤¨ करने हेतॠआते हैं। शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ माह à¤à¤—वान शिव को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ माह है, à¤à¤—वान शिव की दिवà¥à¤¯à¤¤à¤¾, सकारातà¥à¤®à¤•à¤¤à¤¾ और आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने हेतॠà¤à¤¾à¤°à¥€ संखà¥à¤¯à¤¾ में शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ आते हैं, à¤à¥‡à¤¸à¥‡ में उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ और दिवà¥à¤¯à¤¤à¤¾ पर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखना अतà¥à¤¯à¤‚त आवशà¥à¤¯à¤• है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ माह पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ की समृदà¥à¤§à¤¿, नैसरà¥à¤—िक सौनà¥à¤¦à¤°à¥à¤¯ के संवरà¥à¤§à¤¨ और संतà¥à¤²à¤¿à¤¤ जीवन का संदेश देता है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
ऋषिकेश, 8 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆà¥¤ परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी और मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड पà¥à¤·à¥à¤•à¤° सिंह धामी ने कनखल सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ दकà¥à¤·à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° महादेव मंदिर में रूदà¥à¤°à¤¾à¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• कर विशà¥à¤µ शानà¥à¤¤à¤¿ की पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ की। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ ने कहा कि शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ माह में à¤à¤¾à¤°à¥€ संखà¥à¤¯à¤¾ में शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ ऋषिकेश और हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° माठगंगा और à¤à¤—वान शिव का दरà¥à¤¶à¤¨ करने हेतॠआते हैं। शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ माह à¤à¤—वान शिव को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ माह है, à¤à¤—वान शिव की दिवà¥à¤¯à¤¤à¤¾, सकारातà¥à¤®à¤•à¤¤à¤¾ और आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने हेतॠà¤à¤¾à¤°à¥€ संखà¥à¤¯à¤¾ में शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ आते हैं, à¤à¥‡à¤¸à¥‡ में उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ और दिवà¥à¤¯à¤¤à¤¾ पर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखना अतà¥à¤¯à¤‚त आवशà¥à¤¯à¤• है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ माह पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ की समृदà¥à¤§à¤¿, नैसरà¥à¤—िक सौनà¥à¤¦à¤°à¥à¤¯ के संवरà¥à¤§à¤¨ और संतà¥à¤²à¤¿à¤¤ जीवन का संदेश देता है। नैसरà¥à¤—िक सौनà¥à¤¦à¤°à¥à¤¯ के संवरà¥à¤¦à¥à¤§à¤¨ के लिये शिवाà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• के साथ धराà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• और धरती अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• नितांत आवशà¥à¤¯à¤• है। वासà¥à¤¤à¤µ में देखे तो शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ मास पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को सà¥à¤¨à¤¨à¥‡, समà¤à¤¨à¥‡ और पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤®à¤¯ जीवन जीने का संदेश देता है। समà¥à¤¦à¥à¤° मंथन के दौरान निकले विष के विनाशकारी पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ से इस धरा को सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ रखने के लिये à¤à¤—वान शिव में उस हलाहल विष को अपने कंठमें धारण किया और पूरी पृथà¥à¤µà¥€ को विषाकà¥à¤¤ होने से; पà¥à¤°à¤¦à¥‚षित होने से बचा लिया और यह संदेश दिया कि हमें अपनी पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ का विशेष धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देना होगा। हम सà¤à¥€ को संकलà¥à¤ªà¤¿à¤¤ होना होगा कि सिंगल यूज पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• का उपयोग नहीं करेंगे तथा इस धरा को सिंगल यूज पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• से मà¥à¤•à¥à¤¤ रखेंगे।