परमारà¥à¤¥ निकेतन में आयोजित कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ योग पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ शिविर का समापन हà¥à¤†à¥¤ कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ योग शिविर के समापन अवसर पर योग जिजà¥à¤žà¤¾à¤¸à¥à¤“ं ने परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी से à¤à¥‡à¤‚ट कर आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ लिया।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
ऋषिकेश, 9 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆà¥¤ परमारà¥à¤¥ निकेतन में आयोजित कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ योग पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ शिविर का समापन हà¥à¤†à¥¤ कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ योग शिविर के समापन अवसर पर योग जिजà¥à¤žà¤¾à¤¸à¥à¤“ं ने परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी से à¤à¥‡à¤‚ट कर आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ लिया। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने कहा कि जब आप माठगंगा के तट और हिमालय की गोद में आकर योग का पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ लेते हैं तो न केवल आप योग को जानते है बलà¥à¤•à¤¿ उसे जीते à¤à¥€ है। योग, केवल कà¥à¤·à¤£ मातà¥à¤° का अनà¥à¤à¤µ नहीं है बलà¥à¤•à¤¿ चारों पहर की अनà¥à¤à¥‚ति है। योग हमें सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ तन और पà¥à¤°à¤«à¥à¤²à¥à¤²à¤¿à¤¤ मन का दिवà¥à¤¯ मंतà¥à¤° सिखाता है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि योग का ‘फोलà¥à¤¡à¤¿à¤‚ग हैंड लोगो’ हाथों की यह मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ सारà¥à¤µà¤à¥Œà¤®à¤¿à¤• चेतना के साथ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त चेतना के मिलन का संदेश देती है। आतà¥à¤®à¤¾ à¤à¤µà¤‚ परमातà¥à¤®à¤¾, मन à¤à¤µà¤‚ शरीर, मनà¥à¤·à¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के बीच à¤à¤• परिपूरà¥à¤£ सामंजसà¥à¤¯, सà¤à¥€ के सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ जीवन और कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ के लिये à¤à¤• समगà¥à¤° दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥‹à¤£ की अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ कराती है। साथ ही शरीर के किसी हिसà¥à¤¸à¥‡ में दरà¥à¤¦ हो या फिर मानसिक तनाव इन सà¤à¥€ को बिना किसी नकारातà¥à¤®à¤• पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ के ठीक करने में योग à¤à¤• बहेतर विकलà¥à¤ª है। योगाचारà¥à¤¯ साधà¥à¤µà¥€ आà¤à¤¾ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने बताया कि कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ योग धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ की à¤à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ तकनीक है, जिससे हम पà¥à¤°à¤¾à¤£ शकà¥à¤¤à¤¿ और अपने शà¥à¤µà¤¾à¤¸ को नियंतà¥à¤°à¤£ में ला सकते हैं। कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ योग का अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ à¤à¤• वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• तकनीक और जीवन का हिसà¥à¤¸à¤¾ à¤à¥€ है, जिसे सातà¥à¤µà¤¿à¤• जीवन शैली अपनाकर आतà¥à¤®à¤¸à¤¾à¤¤ किया जा सकता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि हमारे जीवन के चार आयाम हैं - à¤à¤¾à¤µ, बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿, शरीर और ऊरà¥à¤œà¤¾à¥¤ योग जब à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ से जà¥à¥œà¤¤à¤¾ है तो à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ योग का मारà¥à¤— पà¥à¤°à¤¶à¤¸à¥à¤¤ होता है, योग जब बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ से जà¥à¥œà¤¤à¤¾ है तो जीवन में जà¥à¤žà¤¾à¤¨ की वृदà¥à¤§à¤¿ होती है, योग जब शरीर से जà¥à¥œà¤¤à¤¾ है तो शारीरिक सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होता है और योग जब आसनों के रूप में किया जाता है तब जीवन में ऊरà¥à¤œà¤¾ का पà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤µ होता है।