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कुम्भ के नाम पर हजारों करोड़ खर्च के बाद भी हरकी पौड़ी पर शिवालय में सीवर का गन्दा पानी


हर 12 वर्ष यहां पर महाकुंभ का आयोजन होता है एवं 6 वर्ष के अंतराल में अर्ध कुंभ का आयोजन होता है अर्ध कुंभ एवं महाकुंभ के लिए केंद्र सरकार से हजारों करोड़ रुपए का बजट इस तीर्थ नगरी के लिए आता है अगर इस देश एवं राज्य के नेता भ्रष्ट ना हो तो इतने बजट में तीर्थ नगरी हरिद्वार को स्वर्ग बनाया जा सकता है लेकिन हजारों करोड़ रुपए लगने के बावजूद भी तीर्थ नगरी में बरसात का मौसम आते ही होटलों नालो एवं घरों का सीवर गंगा में बहाया जाता है|

रिपोर्ट  - à¤°à¤¾à¤®à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° गौड़

तीर्थ नगरी हरिद्वार जहां पर हर वर्ष करोड़ों श्रद्धालु इस तीर्थ नगरी में पहुंचते हैं पवित्र मां गंगा के जल में स्नान कर अपने आप को पुण्य के भागी समझते हैं हर 12 वर्ष यहां पर महाकुंभ का आयोजन होता है एवं 6 वर्ष के अंतराल में अर्ध कुंभ का आयोजन होता है अर्ध कुंभ एवं महाकुंभ के लिए केंद्र सरकार से हजारों करोड़ रुपए का बजट इस तीर्थ नगरी के लिए आता है अगर इस देश एवं राज्य के नेता भ्रष्ट ना हो तो इतने बजट में तीर्थ नगरी हरिद्वार को स्वर्ग बनाया जा सकता है लेकिन हजारों करोड़ रुपए लगने के बावजूद भी तीर्थ नगरी में बरसात का मौसम आते ही होटलों नालो एवं घरों का सीवर गंगा में बहाया जाता है| इसके अलावा नमामि गंगे योजना के तहत गंगा के नाम पर 24000 करोड रुपए का बजट केंद्र सरकार द्वारा गंगा को स्वच्छता एवं निर्मल बनाने के लिए पास हुआ था 4 वर्ष पूर्व माननीय पूर्व मंत्री उमा भारती ने प्रेस के माध्यम से बताया था कि गंगा के किनारे एक बड़ी सीवर लाइन हरिद्वार में डाली जाएगी जो छोटे बड़े नाले उस सीवर लाइन में डाले जाएंगे लेकिन वह सीवर लाइन कहां है कहां पर डाली गई वह आज तक किसी को पता नहीं है हजारों करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी मां गंगा की हालत 20 वर्ष पूर्व जैसी ही है क्योंकि नमामि गंगे योजना के तहत न तो कोई नाला टेप किया गया वही पुराने नालों पर लगे ट्रीट प्लांटों पर पर लगाया आज भी शहर में कई गंदे नाले सीधे गंगा में बह रहे हैं और बरसात के दौरान सभी सीधे नाले गंगा में बहाए जा रहे हैं इसी बरसात के दौरान हरिद्वार गंगा पर लगने वाले कांवड़ मेले में आने वाले लाखों करोड़ों श्रद्धालु सीवर युक्त जल भरकर लेजायेंगे जिसे न तो केंद्र व राज्य सरकार को चिंता है और नाही धर्म के नाम पर इन बजट गाने लगाने वाले हिंदू भ्रष्ट नेताओं को है और नाहीं यहाँ के संतो और समाज सेवियों को हर की पौड़ी घाट पर बने शिवालय मंदिर मैं जब आज सीवर का पानी भर गया तब स्थानीय लोगों ने उसका विरोध किया लेकिन जब इन भ्रष्ट नेताओं को वोट देने की बारी आती है यही जनता एक-एक बोतल में बिक जाती है उस दौरान इस जनता को भी धर्म नहीं दिखाई देता और जब कुंभ के नाम पर हजारों करोड रुपए तीर्थ नगरी की सुंदरता के लिए आते हैं उस दौरान भी यह जनता चुप्पी साधी रहती है आज जब कावड़ मेला है और जब करोड़ों श्रद्धालु इस सीवर के जल को भरकर सिवालय पर चढ़ाएंगे उस दौरान भी यहां की जनता मौन ही रहेगी| क्योंकि यहां का प्रशासन व्यापारियों को एसपीओ पास बना कर खुश कर देता है और अन्य बचे लोगों को असलियत का पता ही नहीं होता जिसकी वजह से गंगा लगातार दूषित होती जा रही हैं| वह तो कुछ जागरूक नागरिकों ने हर की पौड़ी शिवालय में जा रहे सीवर की शोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड कर दी है जो लोग कोमेट्स कर नेताओं व प्रशासन को गालियां दे रहे है |

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