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मुख्यमंत्री ने ननूरखेड़ा में ‘बाल वाटिका कक्षा’ का शुभारम्भ किया।


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को निदेशालय माध्यमिक शिक्षा, ननूरखेड़ा में ‘बाल वाटिका कक्षा’ का शुभारम्भ किया। बाल वाटिका के शुभारम्भ के साथ ही उत्तराखण्ड राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की शुरूआत करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय भवन का लोकार्पण एवं एस.सी.ई.आर.टी भवन का शिलान्यास किया।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

देहरादून 12 जुलाई, 2022, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को निदेशालय माध्यमिक शिक्षा, ननूरखेड़ा में ‘बाल वाटिका कक्षा’ का शुभारम्भ किया। बाल वाटिका के शुभारम्भ के साथ ही उत्तराखण्ड राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की शुरूआत करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय भवन का लोकार्पण एवं एस.सी.ई.आर.टी भवन का शिलान्यास किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बच्चों में उद्यमिता के विकास के लिए कौशलम् पुस्तक एवं कैरियर कार्ड का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि इस क्षेत्र के जिन आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थिति जीर्ण-शीर्ण हो रही है, उनकी मरम्मत की जायेगी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को श्री नरेन्द्र मोदी जी के राजनीतिक जीवन पर आधारित पुस्तक ‘मोदी / 20 : ड्रीम्स मीट डिलीवरी’ सौंपी। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत बाल वाटिका के शुभारम्भ करने वाला उत्तराखण्ड पहला राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश में शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 एक नया क्रान्तिकारी परिवर्तन है। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा नीति नौनिहालों के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करेगी। यह शिक्षा नीति भारतीय सनातन ज्ञान और विचार की समृद्ध परंपरा के आलोक में तैयार की गई है, जो प्रत्येक व्यक्ति में निहित रचनात्मक क्षमताओं के विकास पर विशेष जोर देती है। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं के व्यक्तित्व निर्माण में शिक्षकों की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है। बच्चों को सबसे पहले संस्कार माता-पिता से मिलते हैं, उसके बाद उनके व्यक्तित्व निर्माण में पूरी भूमिका शिक्षकों की होती है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 को 2030 तक पूरी तरह लागू करने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग से अपेक्षा की है कि विभाग द्वारा 2025 तक शिक्षा के क्षेत्र में कुछ ऐसे कार्य किये जाएं, जो देश में एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत हों। उन्होंने कहा कि सभी विभागों को लक्ष्य दिया गया है कि 2025 में जब उतराखण्ड राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती मनायेगा, सभी विभाग अपनी कुछ विशेष उपलब्धियां धरातल पर दिखाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार विकल्प रहित संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है।

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