शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त रविंदà¥à¤° पà¥à¤°à¥€ महाराज ने बताया कि साधिका साधà¥à¤µà¥€ संजनानंद गिरि से लगà¤à¤— 4 वरà¥à¤· पूरà¥à¤µ कामाखà¥à¤¯à¤¾ मंदिर में à¤à¥‡à¤‚ट हà¥à¤ˆ थी। उस दौरान उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने निरंजनी अखाड़े की महामंडलेशà¥à¤µà¤° बनने की इचà¥à¤›à¤¾ पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ की। इसी इचà¥à¤›à¤¾ के साथ वे गà¥à¤µà¤¾à¤¹à¤¾à¤Ÿà¥€ से चलकर हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° पंचायती अखाड़ा निरंजनी आयी हैं। साधिका साधà¥à¤µà¥€ संजनाननà¥à¤¦ गिरि मां कामाखà¥à¤¯à¤¾ की साधक है। मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के दतिया में उनका सà¥à¤•à¥‚ल और आशà¥à¤°à¤® का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ à¤à¥€ चल रहा है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°, 12 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆà¥¤ अखिल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ अखाड़ा परिषद अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· à¤à¤µà¤‚ पंचायती अखाड़ा शà¥à¤°à¥€ निरंजनी के सचिव शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त रविंदà¥à¤° पà¥à¤°à¥€ महाराज ने निरंजनी अखाड़ा के सà¤à¤¾à¤—ार में घोषणा करते हà¥à¤ बताया कि मां कामाखà¥à¤¯à¤¾ मंदिर गà¥à¤µà¤¾à¤¹à¤¾à¤Ÿà¥€ की साधिका साधà¥à¤µà¥€ संजनाननà¥à¤¦ गिरि को 25 अगसà¥à¤¤ को पंचायती अखाड़ा शà¥à¤°à¥€ निरंजनी हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° में विधि विधान और पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ कर महामंडलेशà¥à¤µà¤° बनाया जाà¤à¤—ा। शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त रविंदà¥à¤° पà¥à¤°à¥€ महाराज ने बताया कि साधिका साधà¥à¤µà¥€ संजनानंद गिरि से लगà¤à¤— 4 वरà¥à¤· पूरà¥à¤µ कामाखà¥à¤¯à¤¾ मंदिर में à¤à¥‡à¤‚ट हà¥à¤ˆ थी। उस दौरान उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने निरंजनी अखाड़े की महामंडलेशà¥à¤µà¤° बनने की इचà¥à¤›à¤¾ पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ की। इसी इचà¥à¤›à¤¾ के साथ वे गà¥à¤µà¤¾à¤¹à¤¾à¤Ÿà¥€ से चलकर हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° पंचायती अखाड़ा निरंजनी आयी हैं। साधिका साधà¥à¤µà¥€ संजनाननà¥à¤¦ गिरि मां कामाखà¥à¤¯à¤¾ की साधक है। मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के दतिया में उनका सà¥à¤•à¥‚ल और आशà¥à¤°à¤® का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ à¤à¥€ चल रहा है। शà¥à¤°à¥€ महंत रविंदà¥à¤° पà¥à¤°à¥€ महाराज ने बताया कि 25 अगसà¥à¤¤ को हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° अखाड़े में पंच परमेशà¥à¤µà¤° और पंचायती अखाड़ा शà¥à¤°à¥€ निरंजनी के आचारà¥à¤¯ महामंडलेशà¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ कैलाशानंद गिरी महाराज के समकà¥à¤· विधि विधान और अखाड़े की परंपराओं के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° साधà¥à¤µà¥€ संजनानंद गिरि को अखाड़े के महामंडलेशà¥à¤µà¤° पद पर अà¤à¤¿à¤¸à¤¿à¤•à¥à¤¤ किया जाà¤à¤—ा। साधà¥à¤µà¥€ संजनानंद गिरि ने बताया कि à¤à¤®à¤ की शिकà¥à¤·à¤¾ गà¥à¤°à¤¹à¤£ करने के उपरांत मां कामाखà¥à¤¯à¤¾ की साधना करते हà¥à¤ लोक कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ से अपना समूचा जीवन अखाड़े को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ करना चाहती हूं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि करते हà¥à¤ संत महापà¥à¤°à¥‚षों की सेवा में जीवन वà¥à¤¯à¤¤à¥€à¤¤ करना चाहती हूं।