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चमोली में अमृत महोत्सव एवं चिपको आन्दोलन की स्वर्णिम जंयती


आजादी के अमृत महोत्सव एवं चिपको आन्दोलन की स्वर्णिम जंयती के परिपेक्ष्य में इस वर्ष हरेला पर्व के अवसर पर 16 जुलाई से 15 अगस्त तक वृहद रूप से फलदार एवं वन्य प्रजाति पौधों का रोपण किया जाएगा। हरेला पर्व की तैयारियों को लेकर जिलाधिकारी हिमांशु खुराना की अध्यक्षता में बुधवार को क्लेक्ट्रेट सभागार बैठक हुई।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

चमोली 13 जुलाई,2022, आजादी के अमृत महोत्सव एवं चिपको आन्दोलन की स्वर्णिम जंयती के परिपेक्ष्य में इस वर्ष हरेला पर्व के अवसर पर 16 जुलाई से 15 अगस्त तक वृहद रूप से फलदार एवं वन्य प्रजाति पौधों का रोपण किया जाएगा। हरेला पर्व की तैयारियों को लेकर जिलाधिकारी हिमांशु खुराना की अध्यक्षता में बुधवार को क्लेक्ट्रेट सभागार बैठक हुई। जिसमें सभी विभागों को लक्ष्य निर्धारित करते हुए आपसी समन्वय और जन सहभागिता के साथ वृहद स्तर पर पौधरोपण एवं उनका संरक्षण करने के निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने कहा कि हरेला पर्व हरियाली का प्रतीक है। इसका उदेश्य पर्यावरण और जल संरक्षण करना है। इस वर्ष ‘‘नदी एवं सरोवर का पुनरूद्वार’’ की थीम के साथ हरेला पर्व मनाया जा रहा है। उन्होंने निर्देश दिए कि एक महीने तक चलने वाले हरेला पर्व पर वृहद पौधरोपण के लिए सभी विभाग अपना लक्ष्य निर्धारित करते हुए इसकी सूचना आज ही बद्रीनाथ वन प्रभाग को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। ताकि डिमांड के अनुसार वन विभाग से पौध उपलब्ध किए जा सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सभी ब्लाक, तहसील, थाना, चौकी, स्कूल, वन पंचायत एवं कार्यालय परिसरों में पौधरोपण किया जाए। जल निगम व जल संस्थान विशेष तौर पर पेयजल स्रोत के आसपास, सड़क निर्माणदायी संस्थाएं सड़क किनारे, शिक्षा विभाग सभी विद्यालय परिसर एवं वन एवं पंचायतराज विभाग सभी वन पंचायतों में पौधरोपण करना सुनिश्चित करें। इसके अलावा मनरेगा, स्वयं सहायता समूह, महिला एवं युवक मंगलदलों एवं जन सहभागिता से भी हरेला पर्व पर पेयजल स्रोतों, नदी किनारे एवं सरोवरों के आसपास वृहद रूप से पौधरोपण किया जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि पौधरोपण जितना जरूरी है, उतना ही आवश्यक उनका संरक्षण भी है। इसलिए पौध लगाने के बाद उसके संरक्षण का भी पूरा ध्यान रखा जाए। उप वन संरक्षक सर्वेश कुमार दुबे ने कहा कि हरेला पर्व पर इस बार 50 प्रतिशत फलदार एवं 50 प्रतिशत वन प्रजाति के पौधों लगाए जाएंगे। जिसमें आंवला, काफल, दाडिम, पदम, अमरूद, तेजपात, सभी प्रकार के सिटरस प्लांट सहित बांझ, बुराश, अतीश, हरड, बेहड एवं अन्य वन प्रजाति के पौध शामिल है। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आगामी 16 जुलाई को हरेला पर्व का शुभांरभ किया जाएगा। इस दिन वन विभाग के माध्यम से जनपद में कम से कम 5 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य है। हरेला पर्व पर वन विभाग के माध्यम से प्रत्येक वन पंचायत को 75 पौध निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। विभागों को उनकी डिमांड के अनुसार पौध दी जाएगी। उप वन संरक्षक ने कहा कि जुलाई और अगस्त माह पौधे लगाने के लिए सबसे उपयोगी समय है और इस दौरान लगाए गए पौधे सबसे अधिक पनपते है। शासन के निर्देशों के क्रम में सभी विभागों को अपना लक्ष्य निर्धारित करते हुए पौधरोपण किया जाना है।

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