गà¥à¤°à¥‚पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ के पावन अवसर पर परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने देशवासियों को शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ देते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि गà¥à¤°à¥‚पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ गà¥à¤°à¥‚-शिषà¥à¤¯ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ का पावन परà¥à¤µ है। गà¥à¤°à¥ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ के पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° के साथ-साथ समाज के विकास में महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ योगदान देते है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
13 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ, ऋषिकेश। आज गà¥à¤°à¥‚पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ के पावन अवसर पर परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने देशवासियों को शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ देते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि गà¥à¤°à¥‚पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ गà¥à¤°à¥‚-शिषà¥à¤¯ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ का पावन परà¥à¤µ है। गà¥à¤°à¥ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ के पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° के साथ-साथ समाज के विकास में महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ योगदान देते है। परमारà¥à¤¥ निकेतन में आज पूजà¥à¤¯ महामणà¥à¤¡à¤²à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ शà¥à¤•à¤¦à¥‡à¤µà¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी महाराज का 57 वाठनिरà¥à¤µà¤¾à¤£ à¤à¤µà¤‚ गà¥à¤°à¥‚पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ महोतà¥à¤¸à¤µ मनाया गया। इस अवसर पर महामणà¥à¤¡à¤²à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ असंगाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने पूजà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥‚ओं का पूजन कर पंचदिवसीय सामूहिक संगीतमय शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤®à¤šà¤°à¤¿à¤¤ मानस पाठका शà¥à¤à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ किया। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने पशà¥à¤šà¤¿à¤® की धरती से à¤à¥‡à¤œà¥‡ अपने संदेश में कहा कि गà¥à¤°à¥‚पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ महापरà¥à¤µ जीवन में जà¥à¤žà¤¾à¤¨ के अवतरण का पावन परà¥à¤µ है। सनातन काल से लेकर अब तक गà¥à¤°à¥‚ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ के अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤—त आने वाली सà¤à¥€ दिवà¥à¤¯ विà¤à¥‚तियों और गà¥à¤°à¥‚जनों को कोटि कोटि नमन! गà¥à¤°à¥‚पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ पूरà¥à¤£-माà¤à¥¤ जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° ‘माà¤â€™ बचà¥à¤šà¥‡ का विकास करती है उसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° ‘गà¥à¤°à¥‚’ आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• विकास कर जीवन में पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ पैदा करते हैं। शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥à¤à¤—वद गीता में à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ ने कहा है ‘‘कृषà¥à¤£à¤‚ वंदे जगदà¥à¤—à¥à¤°à¥à¤®à¥â€™â€™ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ जिससे à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ मिले, जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हो, जो à¤à¥€ शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ और सही मारà¥à¤— दिखाये, जीवन के अनà¥à¤§à¤•à¤¾à¤°, विषाद, पीड़ा को दूर कर करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का बोध कराये वह गà¥à¤°à¥-ततà¥à¤¤à¥à¤µ है और वह गà¥à¤°à¥-ततà¥à¤¤à¥à¤µ सबके à¤à¥€à¤¤à¤° विराजमान है। हमारे जीवन के पà¥à¤°à¤¥à¤® गà¥à¤°à¥ हमारे माता-पिता होते हैं। जो हमारा पालन-पोषण करते हैं, अतः माता-पिता का सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ सरà¥à¤µà¥‹à¤ªà¤°à¤¿ है परनà¥à¤¤à¥ à¤à¤¾à¤µà¥€ जीवन का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• गà¥à¤°à¥‚ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ही होता है। à¤à¤• बेहतर à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ हेतॠगà¥à¤°à¥ का विशेष योगदान होता है इसलिये तो कबीर दास जी ने गà¥à¤°à¥‚ की महिमा का वरà¥à¤£à¤¨ करते हà¥à¤¯à¥‡ कहा है कि-गà¥à¤°à¥‚ गोविनà¥à¤¦ दोऊ खड़े का के लागॠपाà¤à¤µ, बलिहारी गà¥à¤°à¥‚ आपने गोविनà¥à¤¦ दियो बताय। गà¥à¤°à¥ शबà¥à¤¦ दो अकà¥à¤·à¤°à¥‹à¤‚ से मिलकर बना है- ‘गà¥â€™ का अरà¥à¤¥ होता है अंधकार (अजà¥à¤žà¤¾à¤¨) à¤à¤µà¤‚ ‘रà¥â€™ का अरà¥à¤¥ होता है पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ (जà¥à¤žà¤¾à¤¨)। गà¥à¤°à¥ हमें अजà¥à¤žà¤¾à¤¨ रूपी अंधकार से जà¥à¤žà¤¾à¤¨ रूपी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ की ओर ले जाते हैं। आईये उस परम पावन गà¥à¤°à¥‚सतà¥à¤¤à¤¾ को नमन करते हà¥à¤¯à¥‡ शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ मारà¥à¤— पर बà¥à¤¨à¥‡ का संकलà¥à¤ª लें।