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शांतिकुंज से ब्रह्मवादिनी टोली रवाना, देश भर में आयोजित कार्यक्रमों का करेंगी संचालन


अखिल विश्व गायत्री परिवार की प्रमुख श्रद्धेया शैलदीदी ने नारी सशक्तिकरण वर्ष २०२२ के तहत चलने वाले कार्यक्रमों, रचनात्मक प्रशिक्षणों के संचालन, नेतृत्व के लिए उच्च प्रशिक्षित ब्रह्मवादिनी टोली को मंगल तिलक कर रवाना किया। इस अवसर पर श्रद्धेया शैलदीदी ने नारी जागरण के कार्यक्रमों से जुड़ी कार्य योजनाओं की जानकारी दी।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार १४ जुलाई। अखिल विश्व गायत्री परिवार की प्रमुख श्रद्धेया शैलदीदी ने नारी सशक्तिकरण वर्ष २०२२ के तहत चलने वाले कार्यक्रमों, रचनात्मक प्रशिक्षणों के संचालन, नेतृत्व के लिए उच्च प्रशिक्षित ब्रह्मवादिनी टोली को मंगल तिलक कर रवाना किया। इस अवसर पर श्रद्धेया शैलदीदी ने नारी जागरण के कार्यक्रमों से जुड़ी कार्य योजनाओं की जानकारी दी। ब्रह्मवादिनी टोली के विदाई कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या कि नारी सशक्तिकरण वर्ष के अंतर्गत चलने वाले विविध आयोजनों की रूपरेखा को समझाया। उन्होंने कहा कि महिलाओं में आत्म गौरव का जागरण, उनका परिपूर्ण शिक्षण, उनके स्वास्थ्य संवर्धन हेतु सर्वांगपूर्ण उपचार ये प्रमुख आवश्यकताएँ हैं। उन्होंने कहा कि संस्कारवान धर्मनिष्ठ महिलाएँ श्रेष्ठ पुरोहित-लोकशिक्षक की भूमिकाएँ भी निभा सकती हैं। शांतिकुंज की आधारशिला वन्दनीया माता भगवती देवी शर्मा द्वारा इसी बीजारोपण द्वारा रखी गयी है। इसे पुष्पित-पल्लवित करने का प्रयास इन दिनों विशेष अभियान के तहत किया जा रहा है। इसके लिए देश भर की बहिनों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है जो विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि वंदनीया माता जी के जन्मशताब्दी वर्ष २०२६ को उत्साहपूर्वक मनाया जायेगा। संस्था की अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैलदीदी ने कहा कि राष्ट्र का जागरण नारी जागरण से संभव है। एक नारी जब तप, साधना करती है, पढ़-लिखकर प्रशिक्षित होती है, तब उसका सत्परिणाम दो परिवार में परिलक्षित होता है। संस्था की अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैलदीदी ने कहा कि शांतिकुंज की नारी जागरण अभियान की अपनी एक अलग विशेषता है। यह आंदोलन नारी का सर्वांगीण विकास कर उसके गौरवमयी स्वरूप का बोध कराना, नारी के मौलिक गुणों का विकास करना एवं उसके खोये हुए वर्चस्व को पुनः स्थापित करने का है। नारी जागरण के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए श्रद्धेया शैलदीदी ने कहा कि परिवार में शालीनता उत्पन्न करना, भावी पीढ़ी को समुन्नत बनाना, सर्वतोमुखी आर्थिक प्रगति का पथ प्रशस्त करना व सद्भावना और सत्प्रवृत्तियों के अभिवर्धन का आधार खड़ा करना है।

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