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श्री सिद्ध बलि हनुमान नर्मदेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया गुरू पूर्णिमा पर्व


स्वामी आलोक गिरी महाराज ने कहा कि जीवन की नैया पार उतरने के लिए गुरु ज्ञान आवश्यक है। सनातन धर्म में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व है इस दिन शिष्य अपनी गुरु के पास जाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में गुरु का स्थान माता-पिता से भी ऊंचा है।‌

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार।‌ स्वामी आलोक गिरी महाराज ने कहा कि जीवन की नैया पार उतरने के लिए गुरु ज्ञान आवश्यक है। सनातन धर्म में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व है इस दिन शिष्य अपनी गुरु के पास जाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में गुरु का स्थान माता-पिता से भी ऊंचा है।‌ क्योकि गुरू अपने शिष्य के जीवन में आने वाली समस्त परेशानियों से निजात दिलाने और समस्त मनोकामना को पूरा करने का आशीर्वाद देते हैं। मनुष्य अपनी हर समस्याओं के समाधान के लिए गुरू के पास ही जाता है। गौरतलब है कि गुरुवार को श्री सिद्धबली हनुमान नर्मदेश्वर महादेव मंदिर, राज विहार कॉलोनी, निकट फुटबॉल ग्राउंड , जगजीतपुर, कनखल हरिद्वार में गुरू पूर्णिमा का पर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। जिसमें स्थानीय लोगों और पूर्वांचल समाज के लोगों ने पूर्वांचल स्थान संस्था के संयोजक एवं संरक्षक श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा की संत एवं मंदिर के पीठाधीश्वर महंत आलोक गिरी महाराज का विधिवत पूजा अर्चना कर फूल माला पहनाकर और उपहार भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया।‌ इस मौके पर रानीपुर विधायक आदेश चौहान ने कहा हर समस्याओं का समाधान और सफलता की चाभी गुरू के पास हैं। गुरू के शरण में जाने से किसी अनिष्ट की आशंका नहीं रहती। वरिष्ठ समाज सेवी एवं भाजपा नेता विशाल गर्ग ने कहा गुरू श्रद्धा और भाव के भूखे होते हैं और गुरू की कृपा समान भाव से सभी शिष्यों पर बरसती है।‌ विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष नितिन गौतम ने कहा कि गुरू साक्षात भगवान है जो हमारे सम्मुख उपस्थित होकर हमारी समस्याओं का समाधान करते हैं। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के पूर्व जिलाध्यक्ष रविकांत मलिक ने कहा कि गुरु का प्रभाव मनुष्य के जीवन भर रहता है। लेकिन छात्र जीवन व्यतीत होने के बाद लोग गुरु का महत्व भूल जाते हैं इसलिए सर्वाधिक परेशानियों का सामना करते हैं। पूर्वांचल उत्थान संस्था से सीए आशुतोष पांडेय ने कहा कि गुरु के सामने खुली किताब बनकर प्रस्तुत होना चाहिए। झूठी शान और बाह्य आडंबर दिखाने से गुरु नाराज में हो जाते हैं। बीएन राय गुरू त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति हैं। ‌ समय के साथ लोगों में गुरु के प्रति भाव बदले हैं, इसके चलते उन्हें तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है। गुरु के समक्ष निस्वार्थ भाव से प्रस्तुत होने से गुरु की कृपा आशीर्वाद अवश्य मिलता है। इस मौके पर राकेश राय, काली प्रसाद शाह, विष्णु देव ठेकेदार, विनोद शाह, रामसागर जायसवाल, रामसागर यादव, पं विनय मिश्रा अबधेश झा, नरेश मोहन झा, विकास प्रधान, अनिल मिश्रा, विमल कुमार, प्रदीप गुर्जर, ओमप्रकाश मलिक सहित अन्य गणमान्य लोगों ने स्वामी आलोक गिरी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया।

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