निरंजन पीठाधीशà¥à¤µà¤° आचारà¥à¤¯ महामंडलेशà¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा है कि देवों के देव महादेव à¤à¤—वान शिव की आराधना से मन की शà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ के साथ-साथ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के अंतःकरण की à¤à¥€ शà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ होती है और पà¥à¤°à¥‡à¤® à¤à¤¾à¤µ का जो अंकà¥à¤° पà¥à¤°à¤¸à¥à¤«à¥à¤Ÿà¤¿à¤¤ होता है। वह à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ की आतà¥à¤®à¤¾ का परमातà¥à¤®à¤¾ से साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•à¤¾à¤° करवाता है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°, 17 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆà¥¤ निरंजन पीठाधीशà¥à¤µà¤° आचारà¥à¤¯ महामंडलेशà¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा है कि देवों के देव महादेव à¤à¤—वान शिव की आराधना से मन की शà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ के साथ-साथ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के अंतःकरण की à¤à¥€ शà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ होती है और पà¥à¤°à¥‡à¤® à¤à¤¾à¤µ का जो अंकà¥à¤° पà¥à¤°à¤¸à¥à¤«à¥à¤Ÿà¤¿à¤¤ होता है। वह à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ की आतà¥à¤®à¤¾ का परमातà¥à¤®à¤¾ से साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•à¤¾à¤° करवाता है। जिससे वह अपने मोकà¥à¤· का मारà¥à¤— पà¥à¤°à¤¶à¤¸à¥à¤¤ करते हैं। नीलधारा तट सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ शà¥à¤°à¥€ दकà¥à¤·à¤¿à¤£ काली मंदिर में शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ परà¥à¤¯à¤‚त जारी à¤à¤—वान शिव की विशेष आराधना के दौरान शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को शिव महिमा का सार समà¤à¤¾à¤¤à¥‡ हà¥à¤ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि à¤à¤—वान शिव आदि अनादि और निराकार हैं और सृषà¥à¤Ÿà¤¿ की उतà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ और अंत के कारक हैं। जो अपने à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ का संरकà¥à¤·à¤£ का उनकी सà¤à¥€ मनोकामनाà¤à¤‚ पूरà¥à¤£ करते हैं। à¤à¤—वान शिव की शकà¥à¤¤à¤¿ अपरंपार है। जो दीन दà¥à¤–ी दिनानाथ के दरबार में आ जाता है। उसका कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ अवशà¥à¤¯ ही निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ मास में à¤à¤—वान शिव की आराधना का विशेष महतà¥à¤µ है। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ मास à¤à¤—वान शिव को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ रहता है। हमें शिव आराधना के साथ-साथ पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के संरकà¥à¤·à¤£ संवरà¥à¤§à¤¨ का संकलà¥à¤ª लेना चाहिठऔर अधिक से अधिक पौधारोपण करना चाहिà¤à¥¤ ताकि अपना और आने वाली पीà¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का जीवन संरकà¥à¤·à¤£ किया जा सके। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ अवंतिकानंद बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ ने कहा कि पूजà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤µ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ जारी शिव आराधना से अवशà¥à¤¯ ही देश में नई ऊरà¥à¤œà¤¾ का संचार होता है और विशà¥à¤µ कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ जागृत होती है। à¤à¤—वान शिव दया कृपा और करà¥à¤£à¤¾ के सागर हैं। à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ का à¤à¤—वान के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ à¤à¤¾à¤µ और समरà¥à¤ªà¤£ ही सनातन धरà¥à¤® और à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की पहचान है। संपूरà¥à¤£ उतà¥à¤¤à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ में à¤à¤—वान शिव की à¤à¤¸à¥€ कठिन साधना और कहीं नहीं होती। शà¥à¤°à¥€ दकà¥à¤·à¤¿à¤£ काली मंदिर के पà¥à¤°à¤¾à¤‚गण में आने वाले शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ का उदà¥à¤§à¤¾à¤° सà¥à¤µà¤¤à¤ƒ ही निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ हो जाता है। इस दौरान आचारà¥à¤¯ पवनदतà¥à¤¤ मिशà¥à¤°, पंडित पà¥à¤°à¤®à¥‹à¤¦ पांडे। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विवेकानंद बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ कृषà¥à¤£à¤¾à¤¨à¤‚द बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€, महंत लालबाबा, बाल मà¥à¤•à¥à¤‚दानंद बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ अनà¥à¤°à¤¾à¤—ी महाराज सहित सैकड़ों शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ à¤à¤•à¥à¤¤ उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ रहे।