शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ मास में कांवड़ यातà¥à¤°à¤¾ का शà¥à¤à¤¾à¤°à¤‚ठहो चà¥à¤•à¤¾ है। शिव की नगरी कनखल में à¤à¤—वान à¤à¥‹à¤²à¥‡à¤¨à¤¾à¤¥ की ससà¥à¤°à¤¾à¤² सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है। जहां का अपना पौराणिक महतà¥à¤µ है। शिव à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ का शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ मास में à¤à¥‹à¤²à¥‡à¤¨à¤¾à¤¥ की पूजा का विशेष महतà¥à¤µ है। à¤à¤¸à¥€ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है कि शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ मास में à¤à¥‹à¤²à¥‡à¤¨à¤¾à¤¥ अपनी ससà¥à¤°à¤¾à¤² में निवास करते हैं।
रिपोर्ट - विकास शरà¥à¤®à¤¾
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° 17 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ (विकास शरà¥à¤®à¤¾) शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ मास में कांवड़ यातà¥à¤°à¤¾ का शà¥à¤à¤¾à¤°à¤‚ठहो चà¥à¤•à¤¾ है। शिव की नगरी कनखल में à¤à¤—वान à¤à¥‹à¤²à¥‡à¤¨à¤¾à¤¥ की ससà¥à¤°à¤¾à¤² सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है। जहां का अपना पौराणिक महतà¥à¤µ है। शिव à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ का शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ मास में à¤à¥‹à¤²à¥‡à¤¨à¤¾à¤¥ की पूजा का विशेष महतà¥à¤µ है। à¤à¤¸à¥€ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है कि शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ मास में à¤à¥‹à¤²à¥‡à¤¨à¤¾à¤¥ अपनी ससà¥à¤°à¤¾à¤² में निवास करते हैं। शिवपà¥à¤°à¤¾à¤£ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° जब à¤à¤—वान विषà¥à¤£à¥ योग निदà¥à¤°à¤¾ में चले जाते हैं। तब संसार की बागडोर à¤à¤—वान शिव के हाथों में रहती है। 14 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ से सावन मास का आरंठहो चà¥à¤•à¤¾ है। à¤à¤¸à¥€ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है कि इस दौरान शिव à¤à¤—वान कैलाश छोड़कर पृथà¥à¤µà¥€ पर आते हैं और यहीं से बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤‚ड का संचालन करते हैं। à¤à¤¸à¥€ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है कि सावन के महीने में à¤à¤—वान शिव अपने पूरे परिवार के साथ अपनी ससà¥à¤°à¤¾à¤² आ जाते हैं। हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° के पावन नगरी कनखल में à¤à¤—वान शिव की ससà¥à¤°à¤¾à¤² है। यहां सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ दकà¥à¤· मंदिर में à¤à¤—वान शिव माता सती से विवाह के बंधन में बंधे थे। à¤à¤—वान à¤à¥‹à¤²à¥‡ शंकर का दकà¥à¤·à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° मंदिर विशेष महतà¥à¤µ रखता है। इस सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर पूरे शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ मास में à¤à¤—वान à¤à¥‹à¤²à¥‡ शंकर की विशेष पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ शिव à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ निरंतर की जाती जाती है।