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श्रावण मास के पहले सोमवार में तीर्थ नगरी के शिवालयों और दक्षेश्वर महादेव मंदिर मे लगा शिव भक्तों का तांता।


श्रावण मास के पहले सोमवार में तीर्थ नगरी शिव भक्तों की भक्ति से गूंज रही है।हरिद्वार शहर पूरी तरह शिव भक्ति के रंग में रंग गया है। सोमवार सुबह से ही शिवालयों के बाहर श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लगी रही। साथ ही हरकी पैड़ी से गंगाजल लेने के लिए कांवड़ियों की भीड़ जुट रही है। शिव भक्त हर की पौड़ी पर भारी संख्या में गंगाजल लेने पहुंच रहे हैं।

रिपोर्ट  - à¤µà¤¿à¤•à¤¾à¤¸ शर्मा

हरिद्वार 18 जुलाई (विकास शर्मा) श्रावण मास के पहले सोमवार में तीर्थ नगरी शिव भक्तों की भक्ति से गूंज रही है।हरिद्वार शहर पूरी तरह शिव भक्ति के रंग में रंग गया है। सोमवार सुबह से ही शिवालयों के बाहर श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लगी रही। साथ ही हरकी पैड़ी से गंगाजल लेने के लिए कांवड़ियों की भीड़ जुट रही है। शिव भक्त हर की पौड़ी पर भारी संख्या में गंगाजल लेने पहुंच रहे हैं। श्रावण मास के पहले सोमवार में कनखल स्थित दक्ष मंदिर में जलाभिषेक करने हेतु शिव भक्तों का तांता लगा हुआ है। दक्षेश्वर महादेव मंदिर को भगवान शिव की ससुराल कहा जाता है। सावन माह में शिव भक्त बेलपत्र, भांग, धतूरा, गंगाजल, दूध, दही, शहद आदि से भगवान शंकर के शिवलिंग की पूजा करते हैं। ऐसी मान्यता है कि पूरे श्रावण मास में भगवान भोलेनाथ दक्ष मंदिर में निवास करते हैं। मुख्य पुजारी महंत विश्वेश्वर पुरी के अनुसार राजा दक्ष द्वारा यज्ञ में अपने दामाद भगवान भोलेनाथ को निमंत्रण नहीं दिया था। पति के अपमान से क्रोधित माता पार्वती ने उसी यज्ञ में अपनी आहुति दे दी। इस घटना से क्रोधित होकर भगवान भोलेनाथ की आज्ञा से उनके गण वीरभद्र द्वारा राजा दक्ष का सिर धड़ से अलग कर दिया और उन्हें मुक्ति दिलाई । राजा दक्ष द्वारा अनुरोध करने पर भगवान शिव ने उन्हें बकरे का शीश लगाकर श्रावण मास में दक्षेश्वर मंदिर में निवास करने का आशीर्वाद प्रदान किया। तब से भगवान भोलेनाथ श्रावण मास में यही निवास कर सृष्टि का संचालन कर विश्व का कल्याण करते हैं।

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