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लाखों-करोड़ों कावड़िया अपने शहरों की टनों धार्मिक गंदगी हरिद्वार गंगा में बहा रहे हैं


कावड मेले में कोई भी अधिकारी इन नियमों का पालन नहीं करा पा रहा है यहाँ का प्रसाशन ngt के असेशों एवं शासनादेश को रद्दी की टोकरी में डाल कर जिला प्रशासन आने वाले कावड़ियों के आंकड़े देकर अपनी पीठ थपथपा रहा है जबकि गंगा लगातार प्रदूषित हो रही है न तो किसी घाट पर कोई बोर्ड लगाया गया है और ना ही किसी सुरक्षाकर्मियों को धार्मिक सामग्री एवं लाखों पुरानी कावडों के विसर्जन पर पर प्रतिबंध लगाया गया है हरिद्वार आने वाली लाखों-करोड़ों कावड़िया अपने शहरों की टनों धार्मिक गंदगी हरिद्वार गंगा में बहा रहे हैं|

रिपोर्ट  - à¤°à¤¾à¤®à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° गौड़

हरिद्वार में सावन के कांवड़ मेले में आने वाले करोड़ों कावड़िया गंगा का जल भरकर वापस हो रहे हैं लेकिन तीर्थ नगरी में बहने वाली मां गंगा की अविरल धारा को प्रदूषित कर रहे हैं 18 नवंबर 2020 राज्य सरकार द्वारा जारी शासनादेश एवं राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा निर्देशानुसार पत्र संख्या l- 64 / 7/ 2020 में साफ-साफ जारी आदेश में लिखा है आगामी त्योहारी सीजन के दृष्टिगत जल निकायों में पूजा सामग्री, मूर्ति एवं अन्य धार्मिक चढ़ावे आदि के विसर्जन को निष्द्ध करते हुए कि माननीय एनजीटी के आदेशों का उल्लंघन करने पर नियमों अनुसार ₹50,000 कि पर्यावरण क्षतिपूर्ति आरोपित की जाएगी एवं पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 का उल्लंघन करने पर 5 वर्ष की सजा एवं ₹1,00000 तक का अर्थदंड अथवा दोनों आरोपित किए जाएंगे लेकिन इस त्योहारी सीजन कावड मेले में कोई भी अधिकारी इन नियमों का पालन नहीं करा पा रहा है यहाँ का प्रसाशन ngt के असेशों एवं शासनादेश को रद्दी की टोकरी में डाल कर जिला प्रशासन आने वाले कावड़ियों के आंकड़े देकर अपनी पीठ थपथपा रहा है जबकि गंगा लगातार प्रदूषित हो रही है न तो किसी घाट पर कोई बोर्ड लगाया गया है और ना ही किसी सुरक्षाकर्मियों को धार्मिक सामग्री एवं लाखों पुरानी कावडों के विसर्जन पर पर प्रतिबंध लगाया गया है हरिद्वार आने वाली लाखों-करोड़ों कावड़िया अपने शहरों की टनों धार्मिक गंदगी हरिद्वार गंगा में बहा रहे हैं जो हरिद्वार प्रशासन को दिखाई नहीं दे रहा अब देखना है की इस खबर से उच्च अधिकारी कितना संज्ञान ले कर कार्यवाही करते है या अपना पल्ला झाड़ते है |

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