केंदà¥à¤° सरकार ने à¤à¤•à¤²-उपयोग वाली पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• वसà¥à¤¤à¥à¤“ं की à¤à¤• सूची को तैयार कर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ 1 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ, 2022 से पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤‚धित कर दिया है, परनà¥à¤¤à¥ विडमà¥à¤¬à¤¨à¤¾ है कि कांवड यातà¥à¤°à¤¾ के दौरान पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• की बाॅटल, सिंगल यूज पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• के बैग और ंिसंगल यूज पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• के रेनकोट का à¤à¤¾à¤°à¥€ मातà¥à¤°à¤¾ में उपयोग किया जा रहा हैं|
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
ऋषिकेश, 20 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆà¥¤ केंदà¥à¤° सरकार ने à¤à¤•à¤²-उपयोग वाली पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• वसà¥à¤¤à¥à¤“ं की à¤à¤• सूची को तैयार कर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ 1 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ, 2022 से पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤‚धित कर दिया है, परनà¥à¤¤à¥ विडमà¥à¤¬à¤¨à¤¾ है कि कांवड यातà¥à¤°à¤¾ के दौरान पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• की बाॅटल, सिंगल यूज पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• के बैग और ंिसंगल यूज पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• के रेनकोट का à¤à¤¾à¤°à¥€ मातà¥à¤°à¤¾ में उपयोग किया जा रहा हैं, जो कि मानव और परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ दोनों के लिये घातक है। राजाजी राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ उदà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में सिंगल यूज पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• से वनà¥à¤¯ जीवों के साथ पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• वातावरण à¤à¥€ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ होने का खतरा बना रहता है इसलिये कांवडियों को अपने वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° में परिवरà¥à¤¤à¤¨ लाकर पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• कचरे को फैलाने से रोकने के साथ -साथ पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• का उपयोग बंद करना होगा। साथ ही समाज, सरकार और संसà¥à¤¥à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ को मिलकर सिंगल यूज पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर बायोडिगà¥à¤°à¥‡à¤¡à¥‡à¤¬à¤² पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• के विषय में मंथन करना होगा; सिंगल यूज पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• के विकलà¥à¤ªà¥‹à¤‚ खोजना होगा ताकि हमारा नेचर, कलà¥à¤šà¤° और फà¥à¤¯à¥‚चर को बचाया जा सके। परमारà¥à¤¥ निकेतन आशà¥à¤°à¤® दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤°à¥à¤· कांवड यातà¥à¤°à¤¾ के दौरान कांवडियों की सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ के लिये सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ शिविर, जल मनà¥à¤¦à¤¿à¤°à¥‹à¤‚ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ और सिंगल यूज पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जनसमà¥à¤¦à¤¾à¤¯ को जागरूक करने के लिये पपेट शो का आयोजन किया जाता है। इस वरà¥à¤· à¤à¥€ कांवडियों को जागरूक करने के लिये पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ तीन से चार शो किये जा रहे है ताकि पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• से होने वाले खतरों के बारे में जनसमà¥à¤¦à¤¾à¤¯ को जानकारी हो। à¤à¤•à¤² उपयोग वाले पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• वरà¥à¤· 2019 में वैशà¥à¤µà¤¿à¤• सà¥à¤¤à¤° पर 130 मिलियन मीटà¥à¤°à¤¿à¤• टन पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• अधिकांश कचरे के लिये जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° है, जिसमें से अधिकांश को जला दिया जाता है और लैंडफिल कर दिया जाता है या सीधे परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ में छोड़ दिया जाता है। कांवड यातà¥à¤°à¤¾ के दौरान à¤à¤•à¤² उपयोग पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• से बने रेनकोट को à¤à¤• बार उपयोग कर वहीं पर छोड़ दिया जाता है जिससे वनà¥à¤¯ जीवन और पà¥à¤°à¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ दोनों पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ होते है। अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ लगाया जा रहा है कि वरà¥à¤· 2050 तक à¤à¤•à¤²-उपयोग पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• गà¥à¤°à¥€à¤¨à¤¹à¤¾à¤‰à¤¸ गैस उतà¥à¤¸à¤°à¥à¤œà¤¨ के 5-10 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ के लिये जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° हो सकता है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने अपने संदेश में कहा कि कांवड़ यातà¥à¤°à¤¾ में आज का यà¥à¤µà¤¾ बहà¥à¤¤ उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ से à¤à¤¾à¤— ले रहा है। यà¥à¤µà¤¾à¤“ं को यातà¥à¤°à¤¾ के उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ के साथ ही कांवड़ यातà¥à¤°à¤¾ का इतिहास और उसके महतà¥à¤µ के विषय में à¤à¥€ जानकारी होनी चाहिये। कांवड़ यातà¥à¤°à¤¾ का मतलब यह नहीं कि हम गंगा जल लेकर जायें और à¤à¤—वान शिव का अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• करे बलà¥à¤•à¤¿ हमें इसकेे इतिहास को जानना होगा। कांवड यातà¥à¤°à¤¾ बहà¥à¤¤ दिवà¥à¤¯, पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ और पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾à¤¦à¤¾à¤¯à¤• है। कहा जाता है कि जब सागर मंथन हà¥à¤† था तब उसमें से सबसे पहले विष निकला। जीवन में à¤à¥€ à¤à¤¸à¤¾ कई बार होता है। हम चाहते है कि हमें अमृत मिले, जीवन में सफलता मिले; समृदà¥à¤§à¤¿ मिले और सिदà¥à¤§à¤¿ मिले लेकिन जब हम उस रासà¥à¤¤à¥‡ पर चलते है तो कई बार मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤²à¥‹à¤‚ का सामना करना पड़ता है। सागर मंथन में à¤à¥€ à¤à¤¸à¤¾ ही हà¥à¤† था सब ने मिलकर अपने लकà¥à¤·à¥à¤¯ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने के लिये सागर मंथन किया परनà¥à¤¤à¥ पहले उसमें à¤à¥€ विष निकला तब सà¤à¥€ ने मिलकर à¤à¤—वान शिव से पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ की। तब à¤à¤—वान शिव ने सà¤à¥€ पर कृपा करते हà¥à¤¯à¥‡ आंखे बंद की और विष का पान कर चले आये हिमालय में तब से गंगा के गोद में बसा नीलकंठपरà¥à¤µà¤¤ वह à¤à¤—वान शिव के नाम से ही पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ हà¥à¤†à¥¤ वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ समय में पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• à¤à¥€ धरती के लिये विष के समान है और हम सà¤à¥€ को मिलकर इस विष रूपी पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• का समाधान खोजना होगा। विषपान करने के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ उस उषà¥à¤£à¤¤à¤¾ को शांत करने के लिये à¤à¤—वान शिव को जब शीतलता की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ पड़़ी तो उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ गंगा जी में सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ किया उसी की याद में शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ माह में कांवड यातà¥à¤°à¤¾ का आयोजन किया जाता है। इस यातà¥à¤°à¤¾ की पवितà¥à¤°à¤¤à¤¾ को बनाये रखने सिंगल यूज पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• का उपयोग न करें।