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हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय भविष्य के लिए उपलब्धियां और लक्ष्य विषय पर एक दिवसीय परिचर्चा


मवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग में 'आज़ादी का अमृत महोत्सव - भारत की आज़ादी की यात्रा: भविष्य के लिए उपलब्धियां और लक्ष्य ' विषय पर एक दिवसीय परिचर्चा का आयोजन किया गया ।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

श्रीनगर, हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग में 'आज़ादी का अमृत महोत्सव - भारत की आज़ादी की यात्रा: भविष्य के लिए उपलब्धियां और लक्ष्य ' विषय पर एक दिवसीय परिचर्चा का आयोजन किया गया । गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा आज़ादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में इस कार्यक्रम की पिछली वर्ष शुरुआत की गई जिसके तहत पूरे देशभर में अलग अलग कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है । कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए शोधार्थी शिवानी पांडे ने इस विषय का परिचय श्रोताओं के समक्ष रखा और "आईडिया ऑफ़ इंडिया"के विचार को को रखते हुए भारत की कल्पना की। उन्होंने कहा कि भारत की खूबसूरती उसकी विविधता में है, जो भाषा - बोली, रहन - सहन और विचार अभिव्यक्ति के रूप में है। इसे सहेजने की आवश्यकता है। विभागाध्यक्ष प्रो एमएम सेमवाल ने आज़ादी के 75 वर्षों की यात्रा का वर्णन करते हुए इसके विभिन्न पहलुओं पर ध्यान आकर्षित किया । उन्होंने कहा कि आज लोगों में नैतिक मूल्य स्थापित करने की सबसे अधिक आवश्यकता है तभी हम एक राष्ट्र के रूप में विकास कर सकते हैं जिसके लिए सभी को जिम्मेदारीपूर्वक अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना होगा । उन्होंने देश की सफलताओं का उल्लेख करते हुए इसकी वर्तमान समस्याओं तथा भविष्य के लक्ष्यों की तरफ भी ध्यान आकृष्ट किया। विभाग के प्राध्यापक डॉ नरेश कुमार ने आज़ादी की एक समग्र व्याख्या करते हुए कहा कि भारत विवधताओं का देश है जिसकी सफलता तथा इतिहास के पीछे सभी का सामुहिक प्रयास सम्मिलित है। इसके साथ ही उन्होंने भारतीय गणराज्य के समक्ष विभिन्न चुनौतियों का भी जिक्र किया । शोधार्थी मनस्वी सेमवाल ने कहा कि सरकार अपने स्तर से हमेशा लोकहित के प्रयास करती है जबकि जनता के बीच इसको लेकर जागरूकता बढ़ाने के प्रयास करने चाहिए तथा लोगों को निःशुल्क सुविधा देने के स्थान पर उन्हें स्वनिर्भर बनाना चाहिए। एमए छात्र दीपक ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने की बात की जबकि सौरभ कुमार ने कहा कि भारत को विकसित करने के लिए पश्चिमी नहीं बल्कि भारतीय मॉडल की आवश्यकता है । शोध छात्रा लूसी ने पर्यावरण तथा महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर अपनी बात रखी। शोध छात्र मयंक उनियाल ने भारतीय लोकतंत्र की सफलताओं का उल्लेख करते हुए इसके वर्तमान समस्याओं पर चर्चा की। शोधार्थी मनस्वी सेमवाल ने कहा कि देश ने अब तक की यात्रा में बहुत कुछ हासिल किया है, और आगे बहुत कुछ हासिल करने की आवश्यकता है। जिसके लिए जनता और सरकार को सामूहिक रूप से काम करने की जरूरत है। शोधार्थी आयुषी थलवाल भारतीय अर्थव्यवस्था पर अपना वक्तव्य केंद्रित करते हुए नए भारत के निर्माण में इसकी जरूरत को रेखांकित किया शोधार्थी विदुषी डोभाल ने अमृत महोत्सव की जानकारी देते हुए इसके महत्व पर जोर दिया साथ ही उन्होंने विभिन्न तरह की असमानताओं को खत्म करने पर ज़ोर दिया। कार्यक्रम का संचालन शिवानी पांडे द्वारा किया गया। इस अवसर पर विभाग के शोधार्थी तथा स्नातकोत्तर के विद्यार्थी उपस्थित रहे ।

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