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रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम एवं मठ के सचिव स्वामी नित्य शुद्धानंद महाराज ब्रह्मलीन हुए, देशभर के रामकृष्ण मिशन आश्रमों और हरिद्वार में शोक की लहर


उत्तराखंड के शीर्षस्थ संतो में शामिल श्री रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम एवं मठ के सचिव स्वामी नित्य शुद्धानंद महाराज ब्रह्मलीन हो गए हैं आज 80 साल की उम्र में उन्होंने रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम परिसर में शाम 4:15 बजे अंतिम सांस ली हृदयाघात के कारण उनका शरीर शांत हुआ यह जानकारी रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम एवं मठ के सह सचिव स्वामी उमेश्वरानंद मंजू महाराज ने दी|

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार 24 जुलाई उत्तराखंड के शीर्षस्थ संतो में शामिल श्री रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम एवं मठ के सचिव स्वामी नित्य शुद्धानंद महाराज ब्रह्मलीन हो गए हैं आज 80 साल की उम्र में उन्होंने रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम परिसर में शाम 4:15 बजे अंतिम सांस ली हृदयाघात के कारण उनका शरीर शांत हुआ यह जानकारी रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम एवं मठ के सह सचिव स्वामी उमेश्वरानंद मंजू महाराज ने दी रामकृष्ण मिशन के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक स्वामी दयाधिपानंद महाराज(डॉ शिवकुमार) ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार कल सोमवार को श्मशान घाट कनखल में दोपहर 2:00 बजे के बाद किया जाएगा कल सोमवार दोपहर 2:00 बजे कनखल स्थित रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम एवं मठ से उनकी अंतिम यात्रा शुरू होगी जो कनखल के मुख्य बाजारों से होती हुई कनखल श्मशान घाट पहुंचेगी और वहां उनका दाह संस्कार किया जाएगा पर्यावरण को देखते हुए रामकृष्ण मिशन के साधु संत जल समाधि नहीं देते हैं वह अग्नि संस्कार करते हैं स्वामी नित्य शुद्धानंद महाराज ने रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम एवं मठ कनखल की सचिव के रूप में 40 सालों तक सेवा की उन्होंने रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम अस्पताल कनखल को ऊंचाइयों तक पहुंचाया और इसमें अत्याधुनिक चिकित्सा सेवाओं की स्थापना की मृदुभाषी एवं वेदांत के प्रकांड विद्वान स्वामी नित्य शुद्धानंद महाराज महाराज का व्यक्तित्व बहुत विशाल था वे सरल स्वभाव और दयालु प्रवृत्ति के थे 1942 में पश्चिम बंगाल मैं उनका जन्म हुआ था कोलकाता से उन्हें 40 साल पहले हरिद्वार रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम एवं मठ सचिव के रूप में भेजा गया कोरोना महामारी के कठिन दौर में उन्होंने 2 सालों तक समर्पित भाव से जनसेवा की और गरीबों को घर-घर दवाई और खाद्यान्न पहुंचाया उनके निधन पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, हरिद्वार के सांसद पूर्व केंद्रीय डॉ रमेश पोखरियाल निशंक, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक,पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतिश्वरानंद महाराज, पूर्व विधायक संजय गुप्ता,श्री निरंजनी पंचायती अखाड़ा के सचिव एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी महाराज,श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय संरक्षक महंत हरि गिरी महाराज श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा के सचिव एवं दक्षेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी महाराज, श्री निर्मल पंचायती अखाड़ा के श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ,श्री उदासीन पंचायती बड़ा अखाड़ा श्री महंत महेश्वर दास महाराज, पतंजलि योगपीठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं योगाचार्य स्वामी रामदेव, महामंत्री आचार्य बालकृष्ण, परमार्थ आश्रम हरिद्वार के अध्यक्ष पूर्व सांसद स्वामी चिन्मयानंद महाराज, परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि महाराज ,जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी, श्री निरंजनी पंचायती अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज, शंकराचार्य स्वामी राज राजेश्वराश्रम महाराज ,श्री महानिर्वाणी पंचायती अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर विशोकानंद महाराज, श्री आनंद अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर बालकानंद महाराज, हरिराम आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी कपिल मुनि महाराज ,प्राचीन अवधूत मंडल आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश महाराज, बैरागी अखाड़े के महंत दुर्गादास, महंत बाबा हठयोगी, महंत राजेंद्र दास, नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप चौधरी, सतपाल ब्रह्मचारी, जयराम आश्रम के अध्यक्ष ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी , नगर निगम हरिद्वार की मेयर श्रीमती अनीता शर्मा, रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ चौधरी, डॉक्टर संजय शाह, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ दिनेश सिंह आदि ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया और उन्हें महान संत बताया अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद, षड्दर्शन साधु समाज, अखिल भारतीय युवा साधु समाज, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन हरिद्वार, फार्मा एसोसिएशन हरिद्वार, पैथोलॉजी लैब एसोसिएशन हरिद्वार ,श्री सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर देशबंधु ,कार्यकारी अध्यक्ष इंद्र मोहन गोस्वामी ,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुधीर कुमार गुप्ता समेत कई सामाजिक संस्थाओं ने स्वामी नित्य शुद्धानंद महाराज के निधन पर गहरा दुख जताया है और इसे चिकित्सा सेवा जगत एवं संत समाज की एक अपूरणीय क्षति बताया

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