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तीर्थ पर आकर गन्दगी ही करनी है तो, तीर्थ पर आने का कोई अधिकार नहीं.


अन्य किसी स्थान पर किया हुआ पाप तीर्थ में यात्रा करने से गंगा स्नान करने से धूल जाता है लेकिन तीर्थ पर किया हुआ पाप वज्रपात के समान होता है वह धुलता नहीं है भोगना ही पड़ता है या तो इन शिव भक्तों को ज्ञान नहीं है अगर ज्ञान है तो तीर्थ पर आकर यह महापाप क्यों करके जा रहे हैं जबकि कावड भरने से पूर्व अपने गुरुओं एवं माता पिता से तीर्थ पर आने व कांवड़ में जल भरकर ले जाने के नियम मालूम करके आना चाहिए अगर नहीं मालूम तो ऐसे तीर्थ पर आने का कोई लाभ नहीं है सिवाय पाप के|

रिपोर्ट  - à¤°à¤¾à¤®à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° गौड़

हरिद्वार हर की पौड़ी पर जल भरने आए लाखों कावड़ियों हर की पौड़ी पर जल भरने के उपरांत छोड़ गए गंदगी के अंबार| तीर्थ नगरी हरिद्वार एक बहुत ही पवित्र नगरी है जहां मां गंगा में स्नान कर चारधाम की यात्रा का शुभारंभ होता है और कावड़ यात्रा के दौरान करोड़ों शिव भक्त ईसी तीर्थ से जल भर कर ले जाते हैं लेकिन तीर्थ पर आने पर यह शिवभक्त अपने पुराने कपड़े, पुरानी चप्पल, जूते, खाने पीने का सामान की पैकिंग, पॉलिथीन यानी जो गंदगी है उसे तीर्थ पर छोड़ने की परंपरा बना ली है| जबकि सनातन परंपरा के अनुसार तीर्थ पर गंदगी छोड़ कर जाना महापाप है| जो अन्य किसी स्थान पर किया हुआ पाप तीर्थ में यात्रा करने से गंगा स्नान करने से धूल जाता है लेकिन तीर्थ पर किया हुआ पाप वज्रपात के समान होता है वह धुलता नहीं है भोगना ही पड़ता है या तो इन शिव भक्तों को ज्ञान नहीं है अगर ज्ञान है तो तीर्थ पर आकर यह महापाप क्यों करके जा रहे हैं जबकि कावड भरने से पूर्व अपने गुरुओं एवं माता पिता से तीर्थ पर आने व कांवड़ में जल भरकर ले जाने के नियम मालूम करके आना चाहिए अगर नहीं मालूम तो ऐसे तीर्थ पर आने का कोई लाभ नहीं है सिवाय पाप के आज हर की पौड़ी पर जब मैं कवरेज हेतु गया तो ब्रह्मकुंड में लोग चप्पल जूते लेकर अंदर घुसे हुए थे एवं कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य के साथ आने वाली स्थानीय महिलाएं भी चप्पल पहनकर ब्रह्मकुंड में घुसी हुई थी यह नजारा देख मुझे बड़ा दुख हुआ यह देख सनातन धर्म प्रेमियों को अपने तीर्थ के प्रति कितना सम्मान है यह एक सोचने का विषय है जो हम अपने तीर्थ का सम्मान नहीं कर सकते तो हमें तीर्थ पर आने की कोई अधिकार नहीं है|

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