उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के पावन परà¥à¤µ बसंत पंचमी के अवसर पर लोक परंपराओं के संरकà¥à¤·à¤£ और संवरà¥à¤§à¤¨ के तहत आज नगर पालिका सà¤à¤¾à¤—ार शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र में परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤—त लोक गीतों,थडिया ,चौफला और à¤à¥à¤®à¥ˆà¤²à¤¾ लोक गीतों के गायन के साथ ही परंपरागत वादà¥à¤¯ यंतà¥à¤°à¥‹à¤‚ का वादन लोक कलाकारों के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किया गया।
रिपोर्ट - अंजना à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ घिलà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤²
उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के पावन परà¥à¤µ बसंत पंचमी के अवसर पर लोक परंपराओं के संरकà¥à¤·à¤£ और संवरà¥à¤§à¤¨ के तहत आज नगर पालिका सà¤à¤¾à¤—ार शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र में परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤—त लोक गीतों,थडिया ,चौफला और à¤à¥à¤®à¥ˆà¤²à¤¾ लोक गीतों के गायन के साथ ही परंपरागत वादà¥à¤¯ यंतà¥à¤°à¥‹à¤‚ का वादन लोक कलाकारों के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किया गया। मà¥à¤–à¥à¤¯ आतिथि पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ इतिहास कार शà¥à¤°à¥€ शिब पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ नैथानी नगर पालिका सà¤à¤¾à¤¸à¤¦ पूजा गौतम और पà¥à¤°à¤®à¤¿à¤²à¤¾ à¤à¤£à¥à¤¡à¤¾à¤°à¥€ बिणà¥à¤·à¥à¤£à¥à¤¦à¤¤à¥à¤¤ कà¥à¤•à¤°à¥‡à¤¤à¥€ शिकà¥à¤·à¤¾ विà¤à¤¾à¤— के विà¤à¤¾à¤—ाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· शà¥à¤°à¥€ पी० के० जोशी जी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दीप पà¥à¤°à¤œà¥à¤œà¤µà¤²à¤¿à¤¤ कर किया गया। मà¥à¤–à¥à¤¯ अतिथियों का सà¥à¤µà¤¾à¤—त पारमà¥à¤ªà¤°à¤¿à¤• लयà¥à¤¯à¤¾ के फूलो के गà¥à¤²à¤¦à¤¸à¥à¤¤à¥‡ से किया गया।उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड की महान लोक परंपरा पर आधारित इस कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ ढोल सागर के जà¥à¤žà¤¾à¤¤à¤¾ शà¥à¤°à¥€ देवेनà¥à¤¦à¥à¤° लाल जी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ढोलवादन से कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ की गई। महिला मंगल दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾,चमराड़ा दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आई फà¥à¤šà¤‚मी माघ की... à¤à¥à¤®à¥ˆà¤²à¤¾ चौफला गाया गया। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® थडिया,चौफà¥à¤²à¤¾ और à¤à¥à¤®à¥ˆà¤²à¤¾ में पà¥à¤°à¤®à¤¿à¤²à¤¾ à¤à¤£à¥à¤¡à¤¾à¤°à¥€ à¤à¤µà¤‚ साथी महिलाओं दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आकरà¥à¤·à¤• पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ दी गई। ढोलवादक देवेनà¥à¤¦à¥à¤° ,दमाऊठपर सोनू दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ देवी जागर व बसनà¥à¤¤ का गीत सोनू और मसà¥à¤•à¤¾ वादक राजकà¥à¤®à¤¾à¤° मसà¥à¤•à¥‡ बाजे पर कई गीतों का पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ किया।इन सà¤à¥€ लोक कलाकारो को शाल ओढाकर समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया गया।अतà¥à¤² चमोली रा० आ० उ० पà¥à¤°à¤¾à¥¦ वि० चमराड़ा और शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ आसती पà¥à¤£à¥à¤¡à¥€à¤° के शिषà¥à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ डौंर थाली का संयà¥à¤•à¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ किया गया। माघ का यह पूरा मास ही उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ देने वाला है, माघ मास से हमारे पारमà¥à¤ªà¤¾à¤°à¤¿à¤• तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ का आगमन बसनà¥à¤¤ के साथ शà¥à¤°à¥ हो जाता है।वसंत पंचमी का परà¥à¤µ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जनजीवन को अनेक तरह से पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ करता है। पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨à¤•à¤¾à¤² से इसे जà¥à¤žà¤¾à¤¨ और कला की देवी मां सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ का जनà¥à¤®à¤¦à¤¿à¤µà¤¸ माना जाता है। जो शिकà¥à¤·à¤¾à¤µà¤¿à¤¦ à¤à¤¾à¤°à¤¤ और à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯à¤¤à¤¾ से पà¥à¤°à¥‡à¤® करते हैं, वे इस दिन मां शारदे की पूजा कर उनसे और अधिक जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤µà¤¾à¤¨ होने की पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ करते हैं। जो महतà¥à¤µ सैनिकों के लिठअपने शसà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ और विजयादशमी का है, जो विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के लिठअपनी पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‹à¤‚ और वà¥à¤¯à¤¾à¤¸ पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ का है, कवि हों या लेखक, गायक हों या वादक, नाटककार हों या नृतà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤°, सब दिन का पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ अपने उपकरणों की पूजा और मां सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ की वंदना से करते हैं।वसनà¥à¤¤ पञà¥à¤šà¤®à¥€ के समय सरसो के पीले-पीले फूलों से आचà¥à¤›à¤¾à¤¦à¤¿à¤¤ धरती की छटा देखते ही बनती है। इस पावन परà¥à¤µ बसंत पंचमी के अवसर पर लोक परंपराओं के संरकà¥à¤·à¤£ और संवरà¥à¤§à¤¨ के तहत परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤—त लोक गीतों, थडिया ,चौफला और à¤à¥à¤®à¥ˆà¤²à¤¾ लोक गीतों के गायन के साथ ही परंपरागत वादà¥à¤¯ यंतà¥à¤°à¥‹à¤‚ का वादन लोक कलाकारों के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किया गया । कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® मे संयोजक के रूप में डा० सà¥à¤à¤¾à¤· पाणà¥à¤¡à¥‡,मà¥à¤•à¥‡à¤¶ काला,पà¥à¤°à¤à¤¾à¤•à¤° बाबà¥à¤²à¤•à¤°,पी० à¤à¤²à¥¦ पाणà¥à¤¡à¥‡,रंगकरà¥à¤®à¥€ बिमल बहà¥à¤—à¥à¤£à¤¾,बीरेनà¥à¤¦à¥à¤° रूडोला पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤²à¤¾à¤² डंगवाल विनोद चमोलीगायन डॉ सà¥à¤à¤¾à¤· पाणà¥à¤¡à¥‡à¤¯ अंजलि खरे, दीपिका à¤à¤‚डारी, वसà¥à¤§à¤¾ गौतम, शालिनी बहà¥à¤—à¥à¤£à¤¾à¤†à¤¦à¤¿ कलाकारों ने à¤à¤¾à¤— लिया।