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हमारा जीवन जीतना प्रकृति से जुड़ा होगा उतना ही स्वस्थ और समृद्ध होगा - स्वामी चिदानन्द सरस्वती


परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस’ के अवसर पर संदेश दिया कि प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिये पौधारोपण और पौधों का संरक्षण नितांत आवश्यक है। दुनिया को स्वच्छ, स्वस्थ और प्रदूषण मुक्त रखने के लिये पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करना जरूरी है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

ऋषिकेश, 28 जुलाई। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस’ के अवसर पर संदेश दिया कि प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिये पौधारोपण और पौधों का संरक्षण नितांत आवश्यक है। दुनिया को स्वच्छ, स्वस्थ और प्रदूषण मुक्त रखने के लिये पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करना जरूरी है। जो वनस्पतियाँ और प्राणी विलुप्त होने की कगार पर हैं उनका संरक्षण ही विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस मनाने का प्रथम लक्ष्य है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने अपने संदेश में कहा कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में पहला कदम है प्लास्टिक उत्पादों के उपयोग को पूर्ण रूप से बंद करना है। यह भावी पीढ़ी के बेहतर कल के लिये भी नितांत आवश्यक है। प्राकृतिक संसाधनों के लगातार अवैज्ञानिक दोहन के कारण वैश्विक स्तर पर ग्लोबल वार्मिंग, विभिन्न बीमारियाँ और प्राकृतिक आपदाओं में बढ़ोत्तरी हो रही है इसलिये हमें बायोडिग्रेडेबल उत्पादों का उपयोग करना होगा। स्वामी जी ने कहा कि एक स्वस्थ, समृद्ध, बेहतर कल और आने वाली पीढ़ियों के उज्वल भविष्य के लिए प्रकृति का संरक्षण करने का संकल्प आज देश के प्रत्येक नागरिक को करना होगा। प्राकृतिक संसाधनों की दृष्टि से भारत एक समृद्ध राष्ट्र है। हमारे पास हिमालय हैं, गंगा जैसी सदानीरा नदियाँ हैं, हरे-भरे और प्रचुर मात्रा में आक्सीजन देने वाले जंगल हैं, हीरा, कोयला और अन्य खनिजों का भंडार है इसलिये आइयें संकल्प लें कि अपने प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग नीड़ के अनुसार करेंगे ग्रीड के लिये नहीं करेंगे। अपनी जीवन शैली को प्रकृति के अनुरूप रखेंगे क्योंकि हमारा जीवन जीतना प्रकृति से जुड़ा होगा उतना ही स्वस्थ और समृद्ध होगा।

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