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कांवड़ मेले समाप्ति उपरांत धर्म नगरी में स्नान घाटों पर गंदगी और क्षेत्र में लगे कूड़े के अंबार, नगर निगम सफाई अभियान में जुटा।


कांवड़ मेला संपन्न होने के उपरांत जहां हरिद्वार प्रशासन ने चैन की सांस ली है। वही करोड़ों कांवड़ियों के आने से धर्म नगरी में सफाई व्यवस्था और शहर में लग रहे कूड़े के ढेरों को नगर निगम प्रशासन द्वारा एक चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। गंगा घाटों के साथ ही तमाम क्षेत्रों में जगह-जगह कूड़े और प्लास्टिक की पन्नी के ढेर लगे हैं।

रिपोर्ट  - à¤µà¤¿à¤•à¤¾à¤¸ शर्मा

हरिद्वार 28 जुलाई (विकास शर्मा) कांवड़ मेला संपन्न होने के उपरांत जहां हरिद्वार प्रशासन ने चैन की सांस ली है। वही करोड़ों कांवड़ियों के आने से धर्म नगरी में सफाई व्यवस्था और शहर में लग रहे कूड़े के ढेरों को नगर निगम प्रशासन द्वारा एक चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। गंगा घाटों के साथ ही तमाम क्षेत्रों में जगह-जगह कूड़े और प्लास्टिक की पन्नी के ढेर लगे हैं। रोड़ीबेलवाला, पंतद्वीप और गंगा किनारे गंदगी फैली है। दुर्गंध से बुरा हाल है। संक्रामक बीमारियों के फैलने का भी खतरा पैदा हो गया है। प्रशासन के दावे के मुताबिक, कांवड़ मेले में करीब चार करोड़ के करीब कांवड़िए हरिद्वार पहुंचे हैं। कांवड़ियों के सैलाब की तुलना में शौचालय जैसी सुविधा नहीं थी। जिससे कांवड़िए रोड़ीबेलवाला, उत्तरी हरिद्वार, पंतद्वीप पार्किंग और बैरागी कैंप समेत गंगा किनारे गंदगी कर रहे थे। हर तरफ गंदगी के अलावा कूड़े और प्लास्टिक के ढेर लगे हैं। स्नान घाटों पर भी तमाम गंदगी व्याप्त हैं। शहर से सामान्य दिनों में रोजाना 150 से 200 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। जबकि स्नान पर्व पर एक दिन में 400 मीट्रिक टन तक कूड़ा निकलता है। अब कांवड़ मेले में कांवड़ियों का हुजूम उमड़ने के बाद अब हरकी पैड़ी और गंगा घाटों के अलावा मेला क्षेत्र से कूड़ा सफाई अभियान शुरू हो गया है। सफाई अभियान में सहायक नगर आयुक्त श्याम सुंदर प्रसाद, जेई नरेश सिंह, सफाई निरीक्षक श्रीकांत, सफाई निरीक्षक विकास छाछर, सफाई निरीक्षक सुनित, सफाई निरीक्षक विकास चौधरी समेत 80 कर्मचारी रहे। नगर आयुक्त ने बताया कि गंगा घाटों के बाद बाकी मेला क्षेत्र में सफाई अभियान चलेगा। प्रत्येक जोन में 60-60 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।

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